नई दिल्ली: बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया (BJP spokesperson Gaurav Bhatia) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) और दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार का एक और नया आरोप लगाने के साथ बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लास रूम बनाने के काम को करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया को नियमों को ध्यान में रखते हुए पूरा नहीं किया गया. जिसका सच अब केजरीवाल सरकार के विजलेंस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर के एक पत्र से हुआ है. बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट नाम की कंपनी को निजी तौर पर फायदा पहुंचाया गया 1300 करोड़ रुपये घोटाला हुआ है.
रेट बढ़ा दिए, भुगतान पहले ही कर दिए गए : राजधानी दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति अपने चरम पर पहुंच चुकी है. शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि डायरेक्टर विजिलेंस तो दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है. इस बीच दिल्ली सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक रिपोर्ट चीफ सेक्रेटरी को दी गई है. इस पूरे मामले को भी बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ता हरीश खुराना और अनय् लोगों की ओर से उठाया गया है. गौरव भाटिया ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस सरकार को क्लास रूम बनाने थे वह बाहर रूम बना रही है. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का यही चरित्र है. गौरव भाटिया ने तंज कसते हुए आगे कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां भी होंगे वहां भ्रष्टाचार होगा ही . दिल्ली के अंदर स्कूल बनाने थे लेकिन स्कूल नहीं बनाए गए. भ्रष्टाचार से अपनी जेब भरने के लिए स्कूलों में कमरे बनाने का हवाला दिया गया. नियमों का उल्लंघन तो हो ही रहा है, बड़े स्तर का अनियमितताएं बरती जा रहे हैं. काम का ठेका जरूर दिया जाता है लेकिन उस काम को बढ़ा दिया जाता है और उसके लिए कोई टेंडर भी नहीं किया जाता है. सरकार की कार्रवाई होती है, रेट बढ़ा दिए जाते हैं और पेमेंट पहले ही कर दी जाती है.
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बगैर निविदा के बब्बर एंड बब्बर कंपनी ने किया काम : गौरव भाटिया ने आगे कहा कि दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को एक रिपोर्ट डायरेक्टर ऑफ विजलेंस के स्तर से दी गई है, जिसमें बब्बर एंड बब्बर नाम की एक कंपनी का जिक्र किया गया है. यही वह कंपनी है जिसने बिना टेंडर के क्लास रूम बनाने की बात कही, जबकि सीवीसी गाइडलाइन्स है कि अगर जनता के पैसों यानी टैक्स के पेसों से कोई काम होता है तो सबसे पहले उसके लिए निविदा निकाली जाती है और फिर कम से कम खर्च में सारी चीजों को पूरा करने वालों को टेंडर दिया जाता है. लेकिन केजरीवाल के संरक्षण में क्लास रूम की जगह टॉयलेट बनाने का काम बब्बर एंड बब्बर कंपनी ने किया. दिल्ली के बच्चों के भविष्य की चिंता करने की जगह अरविंद केजरीवाल सिर्फ ब्लैक मनी की कैसे उगाही की जाए, इसकी चिंता करते है. आबकारी नीति में भी उनके यही इरादे हैं और हावाला कारोबारियों के साथ सत्येन्द्र जैन की कहानी सभी को पता है. शिक्षा विभाग में किए गए भारी भ्रष्टाचार का जब मुद्दा भाजपा ने पूरजोर तरीके से उठाया और जब इसकी शिकायत सीवीसी को दी गई तो 30 महीनों तक इसकी शिकायत पड़ी रही, लेकिन सीवीसी के सवालों का जवाब देने की जगह दिल्ली के उपराज्यापल के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया.
रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम 29 की जगह मिले दो : अरविंद केजरीवाल ने सरकार के स्तर से भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भरने के लिए टेंडर न निकालकर सीवीसी गाइडलाइन्स की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई हैं. जबकि बब्बर एंड बब्बर एसोसिएट खुद मंत्री के कमरे में बैठ क्लासरूम की संख्या, लागत और अन्य बातों के लिए सुझाव दे रहा है. आखिर उस कंपनी के साथ इतनी घनिष्टता होने की क्या वजह है ? 1300 करोड़ रुपये के इस पूरे घोटाले पर केजरीवाल की चुप्पी, उनके संरक्षण पर इसे अंजाम देने की ओर इशारे कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के स्कूलों में 29 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम अप्रूव कर दिए जाते हैं. ताकि उसके बहाने भी पैसे की उगाही की जा सके. लेकिन हैरानी की बात तो यह है रिपोर्ट में यह 29 रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम की जगह सिर्फ दो पाए गए है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बच्चों के साथ खिलवाड़ करने का काम केजरीवाल कर रहे हैं.
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