नई दिल्ली: हर कोई वर्ष के अंत में इस बात का आकलन जरूर करता है कि उसके लिए यह साल कैसा रहा. आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े बिज़नेस मैन तक अपने मुनाफे और नुकसान का हिसाब लगाते हैं. ऐसे में कोविड माहामारी बाद साल 2023 में ट्रेवल एंड टूरिज्म सेक्टर पर क्या इंपैक्ट देखने के लिए मिला है. यह जानने के लिए 'ETV भारत' की टीम ने इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और स्टिक ट्रैवल के चेयरपर्सन डॉ. सुभाष गोयल से बातचीत की.
सुभाष ने बताया कि 2019 में करीब 11 मिलियन विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे. इससे टूरिज्म सेक्टर ने 20 मिलियन डॉलर से ज्यादा फॉरेन एक्सचेंज कमाया था. वहीं, साल 2023 में उम्मीद था कि टूरिज्म विभाग कोरोना के समय हुए नुकसान से इस साल उबर जाएगा. दुर्भाग्य से ऐसा हुआ नहीं. साल 2023 में टूरिज्म सेक्टर को जो कमाई हुई है, वह 2019 के करीब 30 फीसदी कम हैं.
कहाँ रह गयी कमी: सुभाष ने बताया कि कोरोना के बाद भी पर्यटन सेक्टर के न उठने के पीछे की कई मुख्य वजह हैं. पहला, टूरिज्म मंत्रालय ने अभी तक भारतीय पर्यटन का सोशल मीडिया पर जोरदार प्रचार प्रसार करना शुरू नहीं किया है. दूसरा, भारत सरकार ने देश में सभी ओवरसीज़ टूरिस्ट दफ्तरों को बंद कर दिया. ऐसा करने के बजाए सरकार को यह काम निजी टूर ऑपरेटर्स को देना चाहिए था. उसके बाद दफ्तर बंद करने चाहिए थे. तीसरा, विदेशों में जारी युद्ध के कारण भी टूरिस्ट सेक्टर 2023 में पीछे रह गया.
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सुभाष ने बताया कि यूरोप में भारत की कई सोर्स मार्केट है. इजराइल और यूक्रेन युद्ध के कारण भी विदेशी टूरिस्ट भारत काम आया. अगर टूरिज्म सेक्टर को 2019 के बराबर उपलब्धि हासिल करनी है, तो 2024 में सरकार को कई सफल कदम और प्रचार प्रसार को बढ़ाने की जरूरत है.