नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार में वर्ष 2018 में जैस्मीन शाह की एंट्री हुई थी. उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली डायलॉग कमीशन (Delhi Dialogue Commission) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया, जो सरकार की एक नीति सलाहकार संस्था है. उन्होंने आशीष खेतान की जगह ली, जिन्होंने अगस्त 2018 में पद से इस्तीफा दे दिया था. डीडीसी के गठन से पहले, जैस्मीन शाह बजटीय और परिवहन नीतियों पर दिल्ली सरकार को सलाह दे रहे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैस्मीन शाह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के कम्युनिकेशन टीम को पर्दे के पीछे रहकर लीड करते हैं और केजरीवाल की महत्वपूर्ण बैठकों के दौरान उपस्थित रहते हैं. वग आम आदमी पार्टी (आप) के लिए कम्युनिकेशन आउटरीच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मुख्यमंत्री को अपनी प्रतिक्रिया प्रदान करते हैं. उन्होंने दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण परिवहन सुधारों पर काम किया है. जैसे कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति, कॉमन मोबिलिटी कार्ड, बस मार्ग युक्तिकरण आदि. नीति की उनकी समझ और सीमित संसाधनों के साथ काम करने की क्षमता उन्हें आप के सबसे मूल्यवान सदस्यों में से एक बनाती है.
आईआईटी-मद्रास और अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, जैस्मीन शाह दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के सलाहकार भी हैं. शाह 2017-18 के लिए दिल्ली के पहले व्यापक आउटकम बजट को तैयार करने वाले थे, जो सार्वजनिक खर्च में पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए भारत में अपनी तरह की पहली पहल थी. दिल्ली सरकार के साथ काम करने से पहले, शाह ने बेंगलुरु स्थित एक गैर सरकारी संगठन जनाग्रह के साथ काम किया, जहां उन्होंने जागो रे मतदाता जागरूकता अभियान की शुरुआत की थी.
केजरीवाल सरकार में डीडीसी के गठन को सात साल पूरे हो गए हैं. इस दौरान डीडीसी द्वारा अलग-अलग सेक्टर में जो कार्य किए हैं, उसकी खास बातें-
सोशल सेक्टर-
1- सामाजिक क्षेत्र में डीडीसी ने उन्नत क्लाउड-आधारित स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) तैयार किया. जिसमें रोगी के अनुभव को बेहतर बनाने, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की दक्षता बढ़ाने और डेटा और तथ्य आधारित निर्णय लेने में डिजिटाइज रूप से सक्षम बनाता है. इस परियोजना में एक क्यूआर आधारित स्वास्थ्य ई-कार्ड संपूर्ण चिकित्सा रिकॉर्ड रखता है. लोग डिजिटल रूप से अपॉइंटमेंट बुक करने में सक्षम होंगे और एचआईएमएस सिस्टम से जुड़े किसी भी क्लिनिक/अस्पताल में इलाज करा सकेंगे.
2- डीडीसी ने दिल्ली सरकार के निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (सीडब्लूडब्लूबी) में प्रक्रियाओं को पुनर्जीवित किया. इसमें डिजिटलीकरण कर पहली कोविड लहर के दौरान 39 हज़ार के कल्याण कर्मियों को कल्याणकारी लाभ प्रदान किए. जिसमें 32 सौ करोड़ का एक कॉर्पस फंड था. यह भी सुनिश्चित किया कि अधिकतम पात्र लाभार्थी उपलब्ध कॉर्पस फंड के माध्यम से लाभ उठा सकें. इससे सितंबर 2022 तक 2 वर्षों में कुल पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 12.5 लाख हो गई. वही ई-श्रम पोर्टल में पंजीकृत श्रमिकों की राशि 32.5 लाख और निधि के तहत कुल संवितरण राशि 700 करोड़ रुपया है.
3- इसके साथ ही स्ट्रीट वेंडर नियमों का डिजाइन और कार्यान्वयन किया. जिसमें स्ट्रीट वेंडिंग दिल्ली की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण रहा है और यह ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य राज्यों से लाखों प्रवासी लोगों को आजीविका प्रदान किया है. डीडीसी ने अनुसंधान में वैश्विक सर्वाेत्तम प्रथाओं के विश्लेषण और नीतिगत सुधारों की सिफारिश के माध्यम से शहरी विकास विभाग का समर्थन किया. जिसकी वजह से अब तक 28 टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन किया गया है. जिन्हें वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग जोन का सीमांकन और स्ट्रीट वेंडिंग प्लान तैयार करने का काम सौंपा गया है.
ट्रांसपोर्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर-
1. फेसलेस परिवहन सेवाएं
- इसके साथ ही डीडीसी ने दी जाने वाली सभी परिवहन सेवाओं का अध्ययन कर 33 आरटीओ सेवाओं को पूरी तरह से फेसलेस बनाने की सिफारिश की. इस योजना का उद्देश्य लम्बित, बिचौलियों के हस्तक्षेप, अत्यधिक समय की खपत को समाप्त करना और सार्वजनिक सेवा वितरण में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. अगस्त 2021 तक, लगभग 2.2 मिलियन आवेदन प्राप्त हुए हैं और कुल पेंडेंसी लगातार 2ः से कम रही है.
2. दिल्ली स्ट्रीट इंफ्रास्ट्रक्चर- सीसीटीवी, वाईफाई, स्ट्रीटलाइट्स
- परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य लोगों और आरडब्ल्यूए को शामिल करते हुए सड़क के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने का एक विकेन्द्रीकृत मॉडल तैयार करना है ताकि निवासियों की सुरक्षा में सुधार हो सके। साथ ही कनेक्टिविटी बेहतर हो.
- परियोजना को लागू करने के लिए डीडीसी ने लोक निर्माण विभाग की अवधारणा, डिजाइन और सहायता करने में अहम भूमिका निभाई है.
- दिल्ली में अब तक 2.75,000 सीसीटीवी कैमरे, 11 हजार वाईफाई हॉटस्पॉट और सभी डार्क स्पॉट को कवर करने वाली 1,17,000 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं.
3. दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2020
- दिल्ली के कुल वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाला प्रदूषण 22-26 फीसद है. दिल्ली ईवी पॉलिसी का लक्ष्य दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है.
- डीडीसी ने दिल्ली ईवी पॉलिसी 2020 के लिए रिसर्च, स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन और पॉलिसी मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है. डीडीसी द्वारा पॉलिसी इम्प्लीमेंटेशन में परिवहन और बिजली विभागों का समर्थन किया जा रहा है.
- साल 2019-20 में 1.2ः की बेसलाइन से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी मार्च 2022 में तेजी से बढ़कर 12.5ः हो हुई है. केवल 2 वर्षों में, दिल्ली ईवी पॉलिसी ने 2900 से अधिक ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए, जोकि भारत में सबसे ज्यादा है.
पर्यावरण-
1. ग्रीन दिल्ली मोबाइल ऐप
- डीडीसी ने पर्यावरण विभाग को दिल्ली में सभी एजेंसियों में वायु प्रदूषण से जुड़ी सभी शिकायतों के लिए एकीकृत शिकायत निवारण मोबाइल ऐप के डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए सलाह दी थी.
- ऐप ने प्रभावी संचार और समाधान सुनिश्चित करने के लिए पहली बार दिल्ली की 27 नागरिक एजेंसियों को एक मंच पर लाया.
- इसके ज़रिये अप्रैल 2022 तक कुल 42,147 शिकायतें मिलीं और 39,438 का समाधान किया गया, जबकि सभी शिकायतों की जीआईएस मैपिंग से पता चला कि शहर के हर हिस्से से उल्लंघन की सूचना मिली.
2. बैटरी वेस्ट री-साइक्लिंग गाइडलाइन-
- दिल्ली ईवी पॉलिसी 2020 के लॉन्च के बाद, वैज्ञानिक निपटान और बैटरियों के पुनर्चक्रण की समस्या बहुत जल्द बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में डीडीसी ने बैटरी कचरे के पुनर्चक्रण को नियंत्रित करने वाली मौजूदा नीतियों की समीक्षा की और ईवी बैटरियों के पुनर्चक्रण के लिए मॉडल दिशानिर्देश तैयार किए हैं.
- डीडीसी ने रिकमेंड किया कि निर्माता उत्तरदायित्व संगठनों (एकाधिक उत्पादकों की ओर से) को आख़िर तक बैटरी कलेक्शन सेंटर स्थापित करने की ज़रूरत है. ईवी डीलरों को भी उत्पादकों की ओर से सिस्टम वापस लेना ज़रूरी है.
3- वायु प्रदूषण का वास्तविक समय स्रोत विभाजन
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में वायु के प्रदूषकों को वास्तविक समय के आधार पर समझना जरुरी है.
- डीडीसी ने आईआईटी कानपुर, ज्म्त्प् और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की एक टीम को शामिल किया, ताकि डीपीसीसी को वायु-प्रदूषण के रियल-टाइम सोर्स अपॉइंटमेंट के लिए दिल्ली के पहले सिस्टम को स्थापित करने में मदद मिल सके.
- इसका उद्देश्य विभिन्न प्रदूषण स्रोतों के वास्तविक समय के प्रभाव और कई स्थानों पर एयर क्वॉलिटी व एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के आवधिक पूर्वानुमान को समझना है.
अर्थव्यवस्था
1. रोजगार बजट
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2047 तक दिल्ली के लोगों की प्रति व्यक्ति आय को सिंगापुर की प्रति व्यक्ति आय तक बढ़ाने का विजन रखा है.
-डीडीसी ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था की व्यापक समझ और 150 से ज्यादा स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन, फ़ील्ड विजिट और इंटरव्यूज़ के माध्यम से प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है.
- विकास और रोजगार के सृजन को बढ़ावा देने के लिए 10 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई. इसके बाद दिल्ली सरकार के 2022-23 के बजट सत्र में पेश किए गए रोज़गार बजट में शामिल किया गया था.
2. दिल्ली बाजार
- डीडीसी ने दिल्ली बाजार की अवधारणा तैयार की. इसके साथ ही ग्लोबल बेंचमार्किंग एक्सरसाइज में उद्योग विभाग की सहायता की और इस पहल के लिए एक स्ट्रेटजिक रोडमैप तैयार किया.
- 5 लाख विक्रेताओं को पंजीकृत करने के लक्ष्य के साथ, दिल्ली बाजार पोर्टल दिल्ली का अपना ई-मार्केट प्लेस होगा, जो दिल्ली के स्थानीय विक्रेताओं को अपने अनूठे उत्पादों और सेवाओं के लिए दुनिया भर के बड़े ग्राहकों तक पहुंचने में मदद करेगा.
- परियोजना की मुख्य विशेषताएं सेलर ऑनबोर्डिंग, वर्चुअल मार्केट टूर, एडवांस्ड सर्च कैपेबिलिटी, लेनदेन की पूर्ति आदि हैं.
3. रोजगार बाजार
- जुलाई 2020 में जब कोविड महामारी चरम पर थी तो उस दौरान दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी के चलते प्रभावित रोजगार खोजने वाले लोगों और एम्प्लायर को सपोर्ट करने के लिए अपना रोजगार लिंकेज प्लेटफॉर्म रोजगार बाजार लॉन्च किया था.
- डीडीसी ने पोर्टल का डिजाइन और डेवलपमेंट देखा और रोजगार विभाग को प्लेटफॉर्म के संचालन और रोजगार बाजार के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने में मदद की.
- अब तक, रोजगार बाजार में 10 लाख से ज़्यादा रोजगार सृजित किए गए हैं, जिसमें 15 लाख से अधिक यूनिक रजिस्टर्ड नौकरी चाहने वाले 19,000 से अधिक इम्प्लॉयर्स के साथ मेल खाते हैं.
दिल्ली सरकार की शासन प्रणाली
1. सार्वजनिक सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी
- सार्वजनिक सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी योजना के तहत लोगों को घर बैठे 100 सार्वजनिक सेवाओं का लाभ मिलता है. उन्हें सरकारी कार्यालयों में लंबी कतार, गलत जानकारी, बिचौलियों की परेशानी से निजात मिलती है.
- डीडीसी ने शासन प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार की अवधारणा और रूपरेखा तैयार की. इस तरह की पहलों के कार्यान्वयन और शिकायत निवारण में डीडीसी लगातार मदद कर रहा है.
- इस योजना की 2019 में स्थापना के बाद सितंबर 2022 तक 20 लाख से अधिक कॉल आईं हैं और 4.30 लाख के सेवा अनुरोध पूरे हुए हैं. इनमें से करीब 3.60 लाभार्थियों को सफलतापूर्वक सेवा प्रदान की है.
2. दिल्ली@2047
- दिल्ली सरकार की एजेंसी डीडीसी ने 2047 तक दिल्ली को दुनिया का नंबर एक शहर बनाने का रोडमैप तैयार किया है. इसमें सहयोग करने के लिए निजी क्षेत्र और संगठनों के लिए एक मंच बनाया.
- दिल्ली को नंबर एक शहर बनाने के लक्ष्य के साथ, डीडीसी ने दिल्ली@2047 की शुरुआत की. इसकी मेजबानी की. साथ ही इसको साकार करने के लिए कनेक्शन स्थापित किए.
- दिल्ली@2047 प्लेटफॉर्म के माध्यम से, दिल्ली सरकार के कई प्रमुख कार्यक्रमों को वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है. इसमें स्कूल स्वास्थ्य क्लीनिक, सुरक्षित चौराहों के लिए टैक्टिकल रिडिजाइन आदि पहल शामिल हैं.
3. सीएमयूएलएफ
- चीफ मिनिस्टर अर्बन लीडर्स फेलोशिप (सीएमयूएलएफ) भारत भर के युवा नेताओं को दिल्ली सरकार के साथ काम करने और परिवर्तन करने में मदद करने का अवसर प्रदान करती है.
- डीडीसी ने सीएमयूएलएफ की कल्पना की है. भर्ती और चयन प्रक्रिया की शुरुआत की है. इंडक्शन ट्रेनिंग का आयोजन किया है. फेलोशिप असाइनमेंट आवंटित किया है. सीएम फेलो के 2 बैच के लिए सलाह दी है.
निगरानी, मूल्यांकन और लर्निंग
1. आउटकम बजट
- देश भर की राज्य सरकारों में दिल्ली का आउटकम बजट सबसे व्यापक निगरानी तंत्र है. यह बड़े पैमाने पर बजटीय आवंटन को मात्रात्मक आउटपुट और परिणाम तय करता है, जिससे सरकार के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही पैदा होती है.
- डीडीसी ने दिल्ली सरकार के योजना विभाग को आउटकम बजट पहल के समग्र दृष्टिकोण को लेकर सलाह दी. विशेष रूप से निगरानी और आउटकम बजट डैशबोर्ड तैयार करने आदि को लेकर सलाह दी.
- वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए कुल 1136 इंडिकेटर्स की मैपिंग की गई है. सरकार के 23 प्रमुख विभागों की योजनाओं में नियमित रूप से निगरानी की जा रही है.
2. प्रमुख सरकारी योजनाओं की निगरानी
- डीडीसी ने आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, दिल्ली सरकार के अस्पतालों और 1031 हेल्पलाइन की हाई फ्रिक्वेंसी, फोन आधारित सर्वेक्षण तैयार किया. नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर हर सुविधा को एक रिपोर्ट कार्ड मिलता है.
- सर्वेक्षण में 90 फीसदी से अधिक मरीज मोहल्ला क्लीनिकों की सेवाओं से संतुष्ट पाए गए.
- दिल्ली के 10 सरकारी अस्पतालों में किए गए सर्वे में 77 फीसदी मरीज संतुष्ट पाए गए.
3. दिल्ली रोजगार सर्वेक्षण 2020
- डीडीसी ने कोविड-19 की शुरुआत में रोजगार पर डेटा एकत्र करने और आजीविका पर कोविड के प्रभाव को समझने के लिए 9,900 घरों के सर्वेक्षण का डिजाइन और संचालन किया.
- रोजगार सर्वेक्षण में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे महिलाएं, विशेष रूप से लॉकडाउन के बाद असमान रूप से प्रभावित हुईं.
- थोक और खुदरा व्यापार, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए.
- इन परिणामों का उपयोग करते हुए दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए 500 आंगनवाड़ियों में संसाधन केंद्र शुरू करने की पहल शुरू की.
कोविड-19 महामारी प्रबंधन
1. सीएटीएस एम्बुलेंस प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना
- डीडीसी ने एंबुलेंस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए केंद्रीकृत दुर्घटना, ट्रॉमा सेवाओं और एकीकृत निजी एम्बुलेंस के कार्यों को सुव्यवस्थित और अनुकूलित किया.
- मरीजों के लिए औसत एम्बुलेंस प्रतिक्रिया समय में 64 फीसदी का सुधार हुआ. दिल्ली में मई 2021 तक यह 55 मिनट (प्री-कोविड) से घटकर 18 मिनट हो गया.
- अस्पतालों तक पहुंचाने के औसत समय में 40 फीसदी का सुधार हुआ, यानी यह 268 मिनट से घटकर 160 मिनट हो गया.
2. राशन वितरण के लिए ई-कूपन
- कोविड के दौरान डीडीसी ने राशन की कमी का सामना करने वाले उन लोगों के लिए एक सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली बनाई, जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे.
- डीडीसी ने पूरी तरह से डिजीटल आवेदन प्रक्रिया में उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस बनाया, जिसके माध्यम से लोग कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किए बिना योजना का लाभ उठा सकते हैं.
- इन दो वर्षों में सरलतापूर्वक संचालन के दौरान योजना ने 1 हजार से अधिक केंद्रों के माध्यम से लगभग 60 लाख लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरित किया.
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3. कोविड हेल्पलाइन 1031
- डीडीसी ने एक बेहतरीन विकेन्द्रीकृत कॉल हैंडलिंग तंत्र के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान कोविड हेल्पलाइन प्रणाली का संचालन किया, जिसने एजेंटों को एक दूरस्थ सीआरएम के माध्यम से घर से काम करने की अनुमति दी.
- प्रणाली को नए उपकरणों और प्रशिक्षण सत्रों के अनुकूल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, ताकि महामारी के दौरान तेजी से बदलती चिंताओं को हेल्पलाइन के माध्यम से दूर किया जा सके.
- हेल्पलाइन 1031 हर सवाल को समय पर जवाब देने में कामयाब रही. करीब 2 लाख से अधिक कॉल का जवाब दिया. इसके साथ औसत कॉल हैंडलिंग समय को घटाकर 3 मिनट किया गया.
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