नई दिल्ली: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने वजीराबाद रिजर्वायर में इन-सीटू अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने पर भी पानी का उत्पादन न रुके इसके लिए में ये प्रोजेक्ट बेहद महत्वपूर्ण है. इस प्रोजेक्ट में हो रही देरी से दिल्ली के लाखों लोगों को समस्या होती है. इस लेकर जलमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश जारी किया है. जिसमें उन्होंने एक जनवरी तक रिपोर्ट मांगा है.
मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे नोट में आतिशी ने कहा कि, "मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मार्च में दिल्ली जल बोर्ड की एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जब इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई थी. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस संकट का तत्काल समाधान वजीराबाद तालाब के अंदर अमोनिया का अपने स्थान पर उपचार करना है'' आतिशी ने कहा कि, "परियोजना को चार से छह महीने के भीतर लागू किया जाना था लेकिन मुख्य सचिव के बैठक में मौजूद होने के बावजूद इसमें देरी हुई है."
यह भी पढ़ें- जल बोर्ड के इंजीनियरों ने सीवर की शिकायत दूर करने में क्या की कार्रवाई, अब हर सोमवार को करेंगे मंत्री को रिपोर्ट
मुख्य सचिव को इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा गया है कि वजीराबाद में संयंत्र स्थापित करने में देरी क्यों हो रही है और एक जनवरी तक एक समयसीमा बताएं कि यह कब चालू होगा. आतिशी ने कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर 2.8 पीपीएम (पार्ट्स प्रति मिलियन) तक पहुंच गया, जिससे चंद्रावल और वजीराबाद में जल उपचार संयंत्रों की उत्पादन क्षमता प्रभावित हुई. परिणामस्वरूप, दोनों संयंत्रों की उत्पादन क्षमता 50 प्रतिशत तक कम हो गई, जबकि औसत उत्पादन हानि लगभग 35-40 प्रतिशत थी.
यह भी पढ़ें- आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ड्रेनेज सदस्यों की नियुक्त करने का दिया निर्देश