नई दिल्ली: दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच जल संकट एक बार फिर गहरा गया है. यमुना में बहाव कम होने से वजीराबाद तालाब में जल स्तर लगातार कम हो रहा है. वजीराबाद तालाब अब 671.80 फिट के स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि दिल्ली सरकार ने सप्ताह भर में दूसरी बार हरियाणा सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर नदी में जल छोड़ने को कहा है.
दिल्ली जल बोर्ड ने ट्वीट कर यह जानकारी सार्वजनिक की वजीराबाद बैराज में जलस्तर बुधवार सुबह 671.80 फीट स्तर पर कम हो गया है. सामान्य जलस्तर 674.5 फीट होता है. हालांकि एक जल बोर्ड के अधिकारी मुताबिक, ''कैरियर लाइन कैनाल में भी पानी का प्रवाह 683 क्यूसेक से कम होकर 566 क्यूसेक रह गया है. जल उत्पादन भी प्रभावित हुआ है''
हरियाणा दिल्ली को दो कैनाल- कैरियर लाइन्ड चैनल (सीएलसी) और दिल्ली सब-ब्रांच (डीएसबी) और यमुना के माध्यम से प्रतिदिन 61 करोड़ गैलन पानी की आपूर्ति करता है. वजीराबाद तालाब में कम स्तर और सीएलसी में कम प्रवार के कारण चंद्रावल, वजीराबाद, हैदरपुर, नांगलोई और द्वारा समेत विभिन्न जल शोधन संयंत्रों की संचालन क्षमता कम हुई है.
वजीराबाद तालाब में जल स्तर हो रहा कम, दिल्ली में हो रही पानी की समस्या
दिल्ली के वजीराबाद तालाब में जल स्तर लगातार कम हो रहा है. इस कारण दिल्ली का जल संकट गहरा गया है. लगातार कम होते जल स्तर का कारण दिल्ली की भीषण गर्मी है.
नई दिल्ली: दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच जल संकट एक बार फिर गहरा गया है. यमुना में बहाव कम होने से वजीराबाद तालाब में जल स्तर लगातार कम हो रहा है. वजीराबाद तालाब अब 671.80 फिट के स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि दिल्ली सरकार ने सप्ताह भर में दूसरी बार हरियाणा सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर नदी में जल छोड़ने को कहा है.
दिल्ली जल बोर्ड ने ट्वीट कर यह जानकारी सार्वजनिक की वजीराबाद बैराज में जलस्तर बुधवार सुबह 671.80 फीट स्तर पर कम हो गया है. सामान्य जलस्तर 674.5 फीट होता है. हालांकि एक जल बोर्ड के अधिकारी मुताबिक, ''कैरियर लाइन कैनाल में भी पानी का प्रवाह 683 क्यूसेक से कम होकर 566 क्यूसेक रह गया है. जल उत्पादन भी प्रभावित हुआ है''
हरियाणा दिल्ली को दो कैनाल- कैरियर लाइन्ड चैनल (सीएलसी) और दिल्ली सब-ब्रांच (डीएसबी) और यमुना के माध्यम से प्रतिदिन 61 करोड़ गैलन पानी की आपूर्ति करता है. वजीराबाद तालाब में कम स्तर और सीएलसी में कम प्रवार के कारण चंद्रावल, वजीराबाद, हैदरपुर, नांगलोई और द्वारा समेत विभिन्न जल शोधन संयंत्रों की संचालन क्षमता कम हुई है.