नई दिल्ली : क्राइम ब्रांच की एंटी गैंग स्क्वाड पुलिस की टीम ने एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने पहले तो फेक डॉक्युमेंट्स के आधार पर दिल्ली के सिविल डिफेंस में जॉब पाई और जब यहां पर उसके फर्जीवाड़े का पता चला तो सिविल लाइन थाने की पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तार किया था. लेकिन इस मामले में जमानत मिलने के बाद उसने अपने दो साथियों महबूब और हारून खान के साथ मिल कर स्वरूप नगर थाना इलाके की एक सरकारी जमीन को 80 लाख रुपये में बेच दिया और पैसे लेकर चंपत हो गया. पुलिस पिछले एक साल से इसकी तलाश में लगी थी. लगातार फरार रहने की वजह से इसे भगोड़ा घोषित कर इसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान, मोहम्मद इसराइल के रूप में हुई है. ये दिल्ली के बुराड़ी इलाके का रहने वाला है.
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फर्जीवाड़ा से पाई थी जॉब, गया था जेल : स्पेशल कमिश्नर रविन्द्र सिंह यादव के अनुसार, आरोपी ने यूपी के अलीगढ़ के एक इंटर कॉलेज की फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट के आधार पर साल 2016 में दिल्ली में सिविल डिफेंस में जॉब पाई और एक साल तक जॉब किया. जब वर्ष 2017 में इसके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो इसके खिलाफ सिविल लाइन्स थाने में मामला दर्ज कर इसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में बेल मिलने के बाद इसने आसानी से ज्यादा पैसे कमाने की साजिश रची और फर्जी डॉक्यूमेंट बना कर स्वरूप नगर थाना इलाके की 300 वर्ग फीट के एक प्लॉट को 80 लाख रुपये में संतोष त्रिपाठी नाम के शख्स को बेच दिया. जिसकी शिकायत पर स्वरूप नगर थाने में 2021 में इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. उसके बाद से ही आरोपी फरार हो गया. साल 2021 में ये हरियाणा के यमुना नगर में शिफ्ट हो गया, और वहां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का काम करने लगा. जिसमें असफल रहने पर ये यूपी के कैराना जा कर रहने लगा, और फर्नीचर का काम शुरू कर दिया. वो लगातार अपना पता और लोकेशन बदल रहा था.
राजस्थान से हुआ गिरफ्तार : फरार चल रहे भगोड़ों और वांटेड बदमाशों की पकड़ के लिए डीसीपी रोहित मीणा और एसीपी नरेश कुमार की देखरेख में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एसआई सचिन गुलिया, एएसआई बृजलाल, मुकेश और अन्य की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम टेकिनिकल सर्विलांस और सीक्रेट इंफॉर्मर्स से इसके बारे में जानकारियां विकसित करने में लगी थी. जिससे उन्हें आरोपी के राजस्थान के बगरू में रहने और फर्नीचर का बिजनेस करने का पता चला. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छापा मार कर उसे राजस्थान से दबोच लिया.
आसानी से पैसे कमाने की चाह में किया फर्जीवाड़ा :पूछताछ में उसने बताया कि वो प्रॉपर्टी डीलर के ऑफिस में छोटे-मोटे काम किया करता था. जहां उसने प्रोपर्टी से संबंधित डॉक्यूमेंट्स के बारे में जाना और सीखा. जिसके बाद उसने 2014 में हारून खान के साथ मिल कर प्रोपर्टी डीलिंग का बिजनेस शुरू किया था, लेकिन 2016 में इस बिजनेस में गिरावट आने के बाद इसने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर सिविल डिफेंस में नौकरी प्राप्त की. लेकिन वहां इसके जालसाजी का पता चलने के बाद, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में बेल मिलने के बाद, उसने आसानी से पैसे कमाने की चाह में सरकारी जमीन को बेचने की योजना बनाई और फर्जी दस्तावेज बना कर एक सरकारी जमीन को 80 लाख में बेच दिया था. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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