नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) में अगले साल मुख्य चुनाव से पहले इस अंतिम वर्ष में निगम के आंतरिक चुनावों का अंतिम दौर चल रहा है, जिसमें मंगलवार को वार्ड कमेटी के चुनाव होने हैं. ये चुनाव अगले साल होने वाले मुख्य चुनावों के मद्देनजर बेहद अहम माने जा रहे हैं.
बता दें कि इस बार पांच वार्ड कमेटी के चुनावों में नतीजे साफ हो चुके हैं. सिर्फ जीतने वाले उम्मीदवारों के नाम की घोषणा किया जाना बाकी है. इन पांचों वार्ड कमेटियों में हर एक पद पर सिर्फ एक ही व्यक्ति ने नामांकन दाखिल किया है, जहां सिटी एसपी जोन में सिर्फ आम आदमी पार्टी द्वारा नामांकन दाखिल किए गए हैं.
वहीं केशवपुरम, करोलबाग, सिविल लाइन और रोहिणी में सिर्फ भाजपा ने ही नामांकन भरा है. ऐसे में इन पांचों वार्ड कमेटी के चुनाव में नामांकन भरने वाले उम्मीदवारों का जीतना तय है. सिर्फ नरेला जोन के वार्ड कमेटी चुनाव एक ऐसे चुनाव है, जिसमें वोटिंग होगी.
इस जोन में आप और भाजपा दोनों की तरफ से उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं. नरेला जोन में बीते कुछ सालों से भाजपा और आप के बीच में वार्ड कमेटी के चुनावों के दौरान जबरदस्त खींचतान देखने को मिलती है. पिछली बार भी भाजपा महज 1 वोट से नरेला वार्ड कमेटी के चुनाव में जीती थी, जिसके बाद इस साल हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद इस 1 वोट का अंतर भी समाप्त हो गया है. ऐसे में इस बार के नरेला वार्ड कमेटी के चुनाव बेहद दिलचस्प होंगे.
नॉमिनेटेड पार्षद विजेंद्र यादव इस बार के नरेला वार्ड कमेटी के चुनाव में अहम किरदार की भूमिका निभा सकते हैं. दरअसल विजेंद्र यादव भाजपा से थोड़े नाराज चल रहे हैं, क्योंकि इस बार उन्हें कोई भी पद नहीं दिया गया.
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विजेंद्र यादव भाजपा में निगम के कार्यकाल के तीसरे साल में शामिल हुए थे, जिसके बाद उन्हें नरेला जोन में डिप्टी चेयरमैन बनाया गया था. चौथे वर्ष में विजेंद्र यादव को डिप्टी स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन इस वर्ष विजेंद्र यादव को कोई भी जिम्मेदारी दी नहीं दी गई है. ऐसे में विजेंद्र यादव भाजपा से नाराज भी हैं.
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कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार के नरेला वार्ड कमेटी के चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाले हैं. इन चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा अपनी अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही हैं, ताकि नरेला वार्ड कमेटी में अपना कब्जा जमाया जा सके, जबकि इस बार के नरेला वार्ड कमेटी के चुनावों में क्रॉस वोटिंग की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.
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