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MCD Election: पिछली बार से 3 प्रतिशत कम पड़े वोट, 50 फीसदी मतदान

दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation Election) चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. 50.74 फीसदी मतदान हुआ, जो पिछली बार के मुकाबले करीब 3 प्रतिशत कम रहा.

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Published : Dec 4, 2022, 8:48 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 8:58 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation Election) चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. चुनाव में अधिक से अधिक सीट पाने के लिए राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, तो दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग मतदान फीसदी बढ़ाने को लेकर कई उपाय और अभियान चलाया, लेकिन नतीजा संतोषजनक नहीं निकला. रविवार को दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 50.74 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो पिछले चुनाव से कम है. सबसे अधिक मतदान बख्तावरपुर मे 65.74% और सबसे कम मतदान एंड्रयूगंज 33.74% हुआ. वहीं, वार्ड नंबर 31 नांगल ठाकरान में तीन मतदान केंद्रों 17, 18 और 19 पर मतदाताओं ने वोट नहीं डाले. यहां के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया. लोगों का आरोप है कि पिछले कई सालों से इलाके में विकास नहीं हुआ है.

पिछले तीन एमसीडी चुनावों की बात की जाए तो साल 2007 में वोटिंग प्रतिशत महज 43.24 था, जो 2012 में बढ़कर 53.39 प्रतिशत पहुंच गया. जबकि, 2017 में हुए आखिरी एमसीडी चुनाव में मतदान प्रतिशत में मामूली सुधार के साथ 53.55 रहा था.

इस बार नगर निगम के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत में सुधार करने के मद्देनजर दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर जागरूक करने का प्रयास किया, जिसमें नुक्कड़ नाटक, रेडियो एफएम और टीवी पर विज्ञापन से लेकर पोस्टर बैनर पर विज्ञापन देना तक शामिल है. इन सब चीजों का भी असर इस बार के एमसीडी चुनाव में देखने को नहीं मिला और दिल्ली के लोगों की एमसीडी चुनाव के प्रति उदासीनता पिछले चुनावों की तरह ही बनी रही.

फाइनल आंकड़े
फाइनल आंकड़े

सुबह से धीमी रही वोटिंग की रफ्तारः सुबह 8 बजे से पोलिंग स्टेशन पर वोटर पहुंचने लगे थे. हालांकि, मतदान की शुरुआत काफी धीमी गति से हुई. रविवार का दिन छुट्टी का दिन होने की वजह से भी मतदान की रफ्तार में थोड़ी सुस्ती दिखाई दी. जिसके चलते सुबह 10 बजे तक महज 7 फीसदी मतदान ही हुआ. दोपहर तकरीबन 12 बजे तक मतदान की प्रक्रिया थोड़ी धीमी रही. महज 18 फीसद मतदान ही हो पाया था.

ये भी पढ़ेंः MCD Election: कहीं युवाओं में दिखा वोटिंग का जबर्दस्त क्रेज, तो कहीं लिस्ट में नाम न होने से हुई नाराजगी

दोपहर 2 बजे के बाद मतदान थोड़ा तेज तो हुआ लेकिन 30 फीसद ही मतदान सभी 250 वार्ड की सीटों पर हो पाया था. दोपहर दो बजे के बाद मतदाताओं ने बड़ी संख्या में अपने घरों से निकलकर पोलिंग स्टेशन का ना सिर्फ बड़ी संख्या में रुख किया बल्कि मतदान भी किया, जिसके चलते अगले 2 घंटे में 15 मतदान हुआ और शाम 4 बजे तक दिल्ली के अंदर एमसीडी चुनाव के मद्देनजर वोटिंग परसेंटेज 45 फीसदी तक जा पहुंचा. शाम चार बजे से साढ़े 5 बजे के बीच 5 फीसद मत फीसद बढ़ा. दिल्ली के बॉर्डर एरिया विशेष तौर पर बदरपुर नजफगढ़ और अन्य इलाकों में पोलिंग स्टेशन के बाहर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने को लेकर दिखाई दी.

दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग

सभी दलों ने किया जीत का दावाः मतदान से पहले सभी दलों ने जीत के अपने-अपने दावे किए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पूरे परिवार के साथ सुबह वोटिंग करने पहुंचे और उन्होंने एमसीडी चुनाव में जीत के दावे किए. वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और विधायक आतिशी ने भी विजयी चिह्न दिखाकर जीत के दावे किए. वहीं, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी चौथी बार जीत हासिल होने के दावे किए.

AAP के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची BJP : BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बताया कि दिल्ली BJP ने चुनाव आयोग से AAP की शिकायत की है. उन्होंने ट्वीट किया- आप के दुर्गेश पाठक और विजेंद्र गर्ग ने कल रात एमसीसी और चुनावी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया. हार के डर से आप अवैध नगदी, शराब बांटते और अवैध प्रचार करते हुए पकड़े गए. इसके वीडियो सामने आए हैं. इस पर सख्त कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया है. वहीं दुर्गेश पाठक ने कहा कि BJP वाले सोनिया गांधी कैंप में पैसे, दारू और कपड़े बांट रहे थे. स्थानीय निवासियों ने हमें बुलाया तो भाजपा वाले गुंडागर्दी पर उतर आए. भाजपा बुरी तरह से चुनाव हार रही है.

1,349 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद: MCD चुनाव के लिए 1349 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया. इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं. BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे थे. JDU 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, तो AIMIM ने 15 कैंडिडेट उतारे थे. BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4, और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी थे.

दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग

13,638 मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग: चुनाव आयोग ने पूरी दिल्ली में 13,638 मतदान केंद्र बनाए थे. इनमें लगभग 1 लाख कर्मचारियों को तैनात किया गया था. वोटर्स की सुविधाओं के लिए 68 मॉडल मतदान केंद्र और 68 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन पोलिंग बूथ पर कुल 40 हजार जवानों की तैनाती की गई थी. चुनाव में 56,000 EVM मशीन का इस्तेमाल किया गया था. बूथों पर चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से मतदान के लिए CCTV लगवाए थे.

15 साल से MCD में काबिज BJP: BJP ने 2007 के MCD चुनावों में जीत हासिल की थी, तब केंद्र और दिल्ली दोनों में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन भाजपा 2008 में दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी. इस दौरान शीला दीक्षित रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में लौटीं थीं. भाजपा ने 2012 में फिर से MCD चुनाव जीता. हालांकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई. इस साल अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाई थी. हालांकि उनकी सरकार 49 दिन ही चली. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. 2017 में हुए MCD चुनाव भी भाजपा ने जीते. इस दौरान AAP दूसरे स्थान पर रही. हालांकि AAP ने 2018 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया.

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation Election) चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. चुनाव में अधिक से अधिक सीट पाने के लिए राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में व्यस्त थे, तो दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग मतदान फीसदी बढ़ाने को लेकर कई उपाय और अभियान चलाया, लेकिन नतीजा संतोषजनक नहीं निकला. रविवार को दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 50.74 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो पिछले चुनाव से कम है. सबसे अधिक मतदान बख्तावरपुर मे 65.74% और सबसे कम मतदान एंड्रयूगंज 33.74% हुआ. वहीं, वार्ड नंबर 31 नांगल ठाकरान में तीन मतदान केंद्रों 17, 18 और 19 पर मतदाताओं ने वोट नहीं डाले. यहां के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया. लोगों का आरोप है कि पिछले कई सालों से इलाके में विकास नहीं हुआ है.

पिछले तीन एमसीडी चुनावों की बात की जाए तो साल 2007 में वोटिंग प्रतिशत महज 43.24 था, जो 2012 में बढ़कर 53.39 प्रतिशत पहुंच गया. जबकि, 2017 में हुए आखिरी एमसीडी चुनाव में मतदान प्रतिशत में मामूली सुधार के साथ 53.55 रहा था.

इस बार नगर निगम के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत में सुधार करने के मद्देनजर दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर जागरूक करने का प्रयास किया, जिसमें नुक्कड़ नाटक, रेडियो एफएम और टीवी पर विज्ञापन से लेकर पोस्टर बैनर पर विज्ञापन देना तक शामिल है. इन सब चीजों का भी असर इस बार के एमसीडी चुनाव में देखने को नहीं मिला और दिल्ली के लोगों की एमसीडी चुनाव के प्रति उदासीनता पिछले चुनावों की तरह ही बनी रही.

फाइनल आंकड़े
फाइनल आंकड़े

सुबह से धीमी रही वोटिंग की रफ्तारः सुबह 8 बजे से पोलिंग स्टेशन पर वोटर पहुंचने लगे थे. हालांकि, मतदान की शुरुआत काफी धीमी गति से हुई. रविवार का दिन छुट्टी का दिन होने की वजह से भी मतदान की रफ्तार में थोड़ी सुस्ती दिखाई दी. जिसके चलते सुबह 10 बजे तक महज 7 फीसदी मतदान ही हुआ. दोपहर तकरीबन 12 बजे तक मतदान की प्रक्रिया थोड़ी धीमी रही. महज 18 फीसद मतदान ही हो पाया था.

ये भी पढ़ेंः MCD Election: कहीं युवाओं में दिखा वोटिंग का जबर्दस्त क्रेज, तो कहीं लिस्ट में नाम न होने से हुई नाराजगी

दोपहर 2 बजे के बाद मतदान थोड़ा तेज तो हुआ लेकिन 30 फीसद ही मतदान सभी 250 वार्ड की सीटों पर हो पाया था. दोपहर दो बजे के बाद मतदाताओं ने बड़ी संख्या में अपने घरों से निकलकर पोलिंग स्टेशन का ना सिर्फ बड़ी संख्या में रुख किया बल्कि मतदान भी किया, जिसके चलते अगले 2 घंटे में 15 मतदान हुआ और शाम 4 बजे तक दिल्ली के अंदर एमसीडी चुनाव के मद्देनजर वोटिंग परसेंटेज 45 फीसदी तक जा पहुंचा. शाम चार बजे से साढ़े 5 बजे के बीच 5 फीसद मत फीसद बढ़ा. दिल्ली के बॉर्डर एरिया विशेष तौर पर बदरपुर नजफगढ़ और अन्य इलाकों में पोलिंग स्टेशन के बाहर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने को लेकर दिखाई दी.

दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग

सभी दलों ने किया जीत का दावाः मतदान से पहले सभी दलों ने जीत के अपने-अपने दावे किए. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पूरे परिवार के साथ सुबह वोटिंग करने पहुंचे और उन्होंने एमसीडी चुनाव में जीत के दावे किए. वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और विधायक आतिशी ने भी विजयी चिह्न दिखाकर जीत के दावे किए. वहीं, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी चौथी बार जीत हासिल होने के दावे किए.

AAP के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंची BJP : BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने बताया कि दिल्ली BJP ने चुनाव आयोग से AAP की शिकायत की है. उन्होंने ट्वीट किया- आप के दुर्गेश पाठक और विजेंद्र गर्ग ने कल रात एमसीसी और चुनावी गाइडलाइंस का उल्लंघन किया. हार के डर से आप अवैध नगदी, शराब बांटते और अवैध प्रचार करते हुए पकड़े गए. इसके वीडियो सामने आए हैं. इस पर सख्त कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया है. वहीं दुर्गेश पाठक ने कहा कि BJP वाले सोनिया गांधी कैंप में पैसे, दारू और कपड़े बांट रहे थे. स्थानीय निवासियों ने हमें बुलाया तो भाजपा वाले गुंडागर्दी पर उतर आए. भाजपा बुरी तरह से चुनाव हार रही है.

1,349 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद: MCD चुनाव के लिए 1349 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया. इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं. BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे थे. JDU 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, तो AIMIM ने 15 कैंडिडेट उतारे थे. BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4, और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी थे.

दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग
दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग

13,638 मतदान केंद्रों पर हुई वोटिंग: चुनाव आयोग ने पूरी दिल्ली में 13,638 मतदान केंद्र बनाए थे. इनमें लगभग 1 लाख कर्मचारियों को तैनात किया गया था. वोटर्स की सुविधाओं के लिए 68 मॉडल मतदान केंद्र और 68 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन पोलिंग बूथ पर कुल 40 हजार जवानों की तैनाती की गई थी. चुनाव में 56,000 EVM मशीन का इस्तेमाल किया गया था. बूथों पर चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से मतदान के लिए CCTV लगवाए थे.

15 साल से MCD में काबिज BJP: BJP ने 2007 के MCD चुनावों में जीत हासिल की थी, तब केंद्र और दिल्ली दोनों में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन भाजपा 2008 में दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी. इस दौरान शीला दीक्षित रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में लौटीं थीं. भाजपा ने 2012 में फिर से MCD चुनाव जीता. हालांकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई. इस साल अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाई थी. हालांकि उनकी सरकार 49 दिन ही चली. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. 2017 में हुए MCD चुनाव भी भाजपा ने जीते. इस दौरान AAP दूसरे स्थान पर रही. हालांकि AAP ने 2018 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया.

Last Updated : Dec 5, 2022, 8:58 AM IST
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