नई दिल्ली: देशभर में चल रहे चुनाव आयोग के विशेष वोटर वेरिफिकेशन अभियान में दिल्ली के वोटर भी हिस्सा ले रहे हैं. बता दें कि अलग-अलग तरीकों से राजधानी में अब तक 1.1 करोड़ लोग वेरिफाइड हो चुके हैं, जबकि ये प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी.
वहीं चुनाव आयोग का दावा है कि ऐप, हेल्पलाइन, वेबसाइट, सर्विस सेंटर समेत तमाम अन्य तरीकों से काम लगातार चल रहा है और 31 अक्टूबर तक सभी वोटर वेरीफाई हो जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक, नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल में तब तक 1 लाख 65 हजार 770 लोगों ने वेरिफिकेशन पूरी की है. वहीं हेल्पलाइन की माध्यम से 45 हजार 408 लोगों ने वेरिफिकेशन पूरी की है. इसी तरह 40 लाख 54 हजार 213 लोगों को बूथ लेवल ऑफिसर घर-घर जाकर वेरीफाई कर चुके हैं. इससे अलग कॉमन सर्विस सेंटर और वोटर सेंटर्स के माध्यम से भी लाखों लोगों को वेरीफाई किया जा चुका है.
क्या है वोटर वेरिफिकेशन प्रोग्राम
वोटर वेरिफिकेशन प्रोग्राम के तहत चुनाव अधिकारी अपने-अपने इलाके में लोगों को इलेक्टोरल रोल में उनकी निजी जानकारी चेक करने के लिए जागरुक करता है. ऐसे में पहचान की पुष्टि के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, आदि का इस्तेमाल किया जाता है. गौर करने वाली बात है कि इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से जानकारी अपडेट कराई जा जाती है और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मोबाइल ऐप उपलब्ध भी है, जिससे पूरी प्रक्रिया घर बैठे भी की जा सकती है.
'वेरिफिकेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है'
बता दें कि पिछले दिनों ईटीवी भारत से खास बातचीत में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया था कि चुनाव कब होने हैं. ये चुनाव आयोग का निर्णय होता है. तैयारियों के नाम पर सबसे जरूरी होता है, वोटरल लिस्ट. इसे दुरुस्त करने के लिए वेरिफिकेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इसके बाद स्पेशल समरी रिवीजन का कार्यक्रम शुरू होगा.
जबकि उसके बाद ड्राफ्ट रोल पब्लिश होगा.1 जनवरी 2020 तक का जो फाइनल रोल होगा, वो पब्लिश होगा. चुनाव से पहले ये सभी प्रक्रिया बहुत जरूरी है.