नई दिल्ली: परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर पिछले महीने केजरीवाल सरकार ने ऑटो रिक्शा वालों के फिटनेस चार्ज और जीपीएस ट्रैकिंग शुल्क को माफ कर दिया था. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है.
इसमें कहा है कि ये सुविधा ग्रामीण सेवा के तहत चलने वाली गाड़ियों और ई रिक्शा वालों को भी मिलनी चाहिए. उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार ने भेदभाव किया है.
उपराज्यपाल ने दिया आश्वासन
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के ज्ञापन पर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आश्वासन दिया कि वो इस संबंध में जरूर उचित निर्णय लेंगे. दिल्ली सरकार ने ऑटो रिक्शा वालों के फिटनेस शुल्क और जीपीएस ट्रैकिंग चार्ज में जो रियायत दी थी वो 1 सितंबर से लागू होने जा रही है.
ऑटो वालों पर ही मेहरबानी क्यों?
चुनावी वर्ष में पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल सरकार ने ऑटो वालों पर मेहरबानी दिखाते हुए फिटनेस फीस को पूरी तरह खत्म कर दिया था. जीपीएस ट्रैकिंग फीस जो प्रतिमाह 100 रुपये के हिसाब से लिया जाता था, उसे भी माफ कर दिया था.
अब नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात कर शिकायत की है कि ये मेहरबानी सिर्फ ऑटो वालों पर ही क्यों? दिल्ली सरकार को ई रिक्शा और ग्रामीण सेवा वालों को भी फिटनेस फीस, जीपीएस ट्रैकिंग फीस माफ करनी चाहिए थी.
अन्य शुल्कों में भी 70 फीसदी की कमी
दिल्ली सरकार ने ऑटो चालकों को इस बड़ी राहत के साथ अलग-अलग काम के लिए ली जाने वाली फीस को भी 70 फीसद तक कम कर दिया है. पहले ऑटो चालकों को फिटनेस फीस 600 रुपये देनी होती थी, लेकिन अब इसे निशुल्क कर दिया गया है. इसी तरह जीपीएस ट्रैकिंग फीस 100 रुपये प्रतिमाह देनी होती थी, लेकिन ये खर्च सरकार खुद उठाएगी.
1 सितंबर से लागू होगा फैसला
बता दें कि गत 18 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. ये फैसला 1 सितंबर से लागू हो जाएगा.