नई दिल्ली: चुनावी साल में विपक्ष ने आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बदतर होने के मुद्दे को उठाया और केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वो परिवहन व्यवस्था को तहत-नहस करने पर आमादा है.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बसों के लिए पहले 574 रूट होते थे अब ये घटकर 442 हो गए हैं. 132 रूटों पर डीटीसी की बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. जिससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली में डीटीसी की बसें कम होने से किस तरह लोग बेबस हैं, इस बात का अंदाजा केजरीवाल सरकार को नहीं है. उन्होंने कहा कि बीते साढ़े 4 साल में 132 रूटों पर बसों का परिचालन केजरीवाल सरकार ने बंद किया है.
विजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि साल 2015-16 से लेकर 2018-19 में हर साल 20 करोड़ यात्री कम हो गए हैं. 1100 लो फ्लोर बसें कम हो गई है. पहले जहां 5000 बसें डीटीसी के बेड़े में थी आज उनकी संख्या घटकर 3900 रह गई हैं. इसके अलावा नेता विपक्ष ने पिछले दिनों डीटीसी के कई बस टर्मिनल से बस से हटाकर नजफगढ़ के ढिचाऊं कलां में बनाए गए नए बस टर्मिनल में शिफ्ट किए जाने के मुद्दे को भी उठाया.
उन्होंने कहा कि पंजाबी बाग से आनंद विहार तक चलने वाली रूट नंबर 85 पर से कई बसें हटा ली गई हैं. आजादपुर से बवाना के चलने वाली बसों के ट्रिप कम कर दिए गए हैं. आजादपुर से नरेला के बीच चलने वाले डीटीसी की 24 ट्रिप कम कर दी गई है. जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. वो विधायक के समक्ष भी आवाज उठाते हैं लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.
बता दें कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर कर निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने की बात करने वाली दिल्ली सरकार पिछले 4.5 सालों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस शामिल नहीं कर पाई हैं. यात्रियों की संख्या के लिहाज से आज बसों की संख्या 11,000 होनी चाहिए वहां ये संख्या 4000 भी नहीं है.
नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के जिन-जिन इलाकों से बसें हटाई गई हैं वहां के लोगों के साथ बीजेपी के नेता बस सेवा बहाल करने के लिए प्रदर्शन करेंगे और वह पहले की तरह बस सेवा बहाल करने की मांग करेंगे.