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'बे 'बस' है जनता, DTC के बेड़े में एक भी नई बस नहीं', विपक्ष का CM केजरीवाल पर हमला

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बसों के लिए पहले 574 रूट होते थे अब ये घटकर 442 हो गए हैं. 132 रूटों पर डीटीसी की बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. जिससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

विपक्ष का केजरीवाल सरकार पर निशाना
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Published : Oct 11, 2019, 5:54 PM IST

नई दिल्ली: चुनावी साल में विपक्ष ने आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बदतर होने के मुद्दे को उठाया और केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वो परिवहन व्यवस्था को तहत-नहस करने पर आमादा है.

DTC के बेड़े में एक भी नई बस नहीं-विजेंद्र गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बसों के लिए पहले 574 रूट होते थे अब ये घटकर 442 हो गए हैं. 132 रूटों पर डीटीसी की बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. जिससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली में डीटीसी की बसें कम होने से किस तरह लोग बेबस हैं, इस बात का अंदाजा केजरीवाल सरकार को नहीं है. उन्होंने कहा कि बीते साढ़े 4 साल में 132 रूटों पर बसों का परिचालन केजरीवाल सरकार ने बंद किया है.

विजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि साल 2015-16 से लेकर 2018-19 में हर साल 20 करोड़ यात्री कम हो गए हैं. 1100 लो फ्लोर बसें कम हो गई है. पहले जहां 5000 बसें डीटीसी के बेड़े में थी आज उनकी संख्या घटकर 3900 रह गई हैं. इसके अलावा नेता विपक्ष ने पिछले दिनों डीटीसी के कई बस टर्मिनल से बस से हटाकर नजफगढ़ के ढिचाऊं कलां में बनाए गए नए बस टर्मिनल में शिफ्ट किए जाने के मुद्दे को भी उठाया.

उन्होंने कहा कि पंजाबी बाग से आनंद विहार तक चलने वाली रूट नंबर 85 पर से कई बसें हटा ली गई हैं. आजादपुर से बवाना के चलने वाली बसों के ट्रिप कम कर दिए गए हैं. आजादपुर से नरेला के बीच चलने वाले डीटीसी की 24 ट्रिप कम कर दी गई है. जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. वो विधायक के समक्ष भी आवाज उठाते हैं लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.

बता दें कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर कर निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने की बात करने वाली दिल्ली सरकार पिछले 4.5 सालों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस शामिल नहीं कर पाई हैं. यात्रियों की संख्या के लिहाज से आज बसों की संख्या 11,000 होनी चाहिए वहां ये संख्या 4000 भी नहीं है.

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के जिन-जिन इलाकों से बसें हटाई गई हैं वहां के लोगों के साथ बीजेपी के नेता बस सेवा बहाल करने के लिए प्रदर्शन करेंगे और वह पहले की तरह बस सेवा बहाल करने की मांग करेंगे.

नई दिल्ली: चुनावी साल में विपक्ष ने आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बदतर होने के मुद्दे को उठाया और केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वो परिवहन व्यवस्था को तहत-नहस करने पर आमादा है.

DTC के बेड़े में एक भी नई बस नहीं-विजेंद्र गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बसों के लिए पहले 574 रूट होते थे अब ये घटकर 442 हो गए हैं. 132 रूटों पर डीटीसी की बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. जिससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नेता विपक्ष ने कहा कि दिल्ली में डीटीसी की बसें कम होने से किस तरह लोग बेबस हैं, इस बात का अंदाजा केजरीवाल सरकार को नहीं है. उन्होंने कहा कि बीते साढ़े 4 साल में 132 रूटों पर बसों का परिचालन केजरीवाल सरकार ने बंद किया है.

विजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि साल 2015-16 से लेकर 2018-19 में हर साल 20 करोड़ यात्री कम हो गए हैं. 1100 लो फ्लोर बसें कम हो गई है. पहले जहां 5000 बसें डीटीसी के बेड़े में थी आज उनकी संख्या घटकर 3900 रह गई हैं. इसके अलावा नेता विपक्ष ने पिछले दिनों डीटीसी के कई बस टर्मिनल से बस से हटाकर नजफगढ़ के ढिचाऊं कलां में बनाए गए नए बस टर्मिनल में शिफ्ट किए जाने के मुद्दे को भी उठाया.

उन्होंने कहा कि पंजाबी बाग से आनंद विहार तक चलने वाली रूट नंबर 85 पर से कई बसें हटा ली गई हैं. आजादपुर से बवाना के चलने वाली बसों के ट्रिप कम कर दिए गए हैं. आजादपुर से नरेला के बीच चलने वाले डीटीसी की 24 ट्रिप कम कर दी गई है. जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. वो विधायक के समक्ष भी आवाज उठाते हैं लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.

बता दें कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर कर निजी वाहनों के इस्तेमाल को कम करने की बात करने वाली दिल्ली सरकार पिछले 4.5 सालों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस शामिल नहीं कर पाई हैं. यात्रियों की संख्या के लिहाज से आज बसों की संख्या 11,000 होनी चाहिए वहां ये संख्या 4000 भी नहीं है.

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के जिन-जिन इलाकों से बसें हटाई गई हैं वहां के लोगों के साथ बीजेपी के नेता बस सेवा बहाल करने के लिए प्रदर्शन करेंगे और वह पहले की तरह बस सेवा बहाल करने की मांग करेंगे.

Intro:नई दिल्ली. चुनावी वर्ष में दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दे को लेकर विपक्ष ने आम आदमी पार्टी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बदतर होने के मुद्दे को उठाया और केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वह है परिवहन व्यवस्था को तहस-नहस करने पर अमादा हो चुके हैं. नतीजा है कि दिल्ली में बसों के लिए पहले 574 रूट होती थी अब यह रूट है घटकर 442 रह गई हैं. 132 रूटों पर डीटीसी की बसों का परिचालन बंद कर दिया गया है. जिससे हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


Body:पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधानसभा में नेता विपक्ष ने दिल्ली में डीटीसी की बसें कम होने से किस तरह लोग बेबस हैं, इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि बीते 4.5 वर्षों में 132 रूटों पर बसों का परिचालन केजरीवाल सरकार ने बंद कर दिया है.

वर्ष 2015-16 से लेकर 2018-19 में हर साल 20 करोड़ यात्री कम हो गए हैं. लो फ्लोर की बसें 1100 कम हो गई है. पहले जहां 5000 बसें डीटीसी के बेड़े में थी आज इनकी संख्या घटकर 3900 रह गई हैं. 4.5 सालों में दिल्ली की आबादी में बढ़ोतरी हुई है आबादी का फैलाव हुआ है. लेकिन बसों के रूट घट गए और यात्रियों को सुविधा नहीं मिली. तो यात्रियों ने भी डीटीसी की बसों से दूरी बना ली.

इसके अलावा नेता विपक्ष ने पिछले दिनों डीटीसी के कई बस टर्मिनल से बस से हटाकर नजफगढ़ के ढिचाऊं कलां में बनाए गए नए बस टर्मिनल में वहां शिफ्ट किए जाने के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने कहा कि पंजाबी बाग से आनंद विहार तक चलने वाली रूट नंबर 85 पर से कई बसें हटा ली गई हैं. आजादपुर से बवाना के चलने वाली बसों के ट्रिप कम कर दिए गए हैं. आजादपुर से नरेला के बीच चलने वाले डीटीसी की 24 ट्रिप कम कर दिया गया है.जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. वे विधायक के समक्ष भी आवाज उठाते हैं लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.


Conclusion:बता दें कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बेहतर कर निजी वाहनों के इस्तेमाल कम करने की बात करने वाले दिल्ली सरकार पिछले 4.5 सालों में डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बसें शामिल नहीं कर पाई हैं. यात्रियों की संख्या के लिहाज से आज बसों की संख्या 11,000 होनी चाहिए थी वहां वही आज 4000 बसें भी डीटीसी के बेड़े में नहीं है.

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के जिन-जिन इलाकों से बसे हटाई गई हैं वहां के लोगों के साथ भाजपा के नेता बस सेवा बहाल करने के लिए प्रदर्शन करेंगे और वह पहले की तरह बस सेवा बहाल करने की मांग करेंगे.

समाप्त, आशुतोष झा
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