नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की खस्ताहाल सड़कों को दुरुस्त करने के लिए सीएम केजरीवाल ने अपने 50 विधायकों को 25-25 किलोमीटर सड़कों का निरीक्षण करने को कहा है. साथ ही रिपोर्ट तैयार कर लोक निर्माण विभाग को देने का आदेश दिया है. विधायक इस पर अब काम शुरू करने वाले हैं. नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसे केजरीवाल का चुनावी स्टंट बताया है. उन्होंने विधायकों द्वारा निरीक्षण के बहाने रोड शो करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
विपक्ष ने साधा निशाना
ईटीवी भारत से खास बातचीत में विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीति से प्रेरित केजरीवाल इस योजना के जरिए अपने 50 विधायकों को आगे कर आम आदमी पार्टी का प्रचार करने की कोशिश करने जा रहे हैं.
बेहतर होता कि वो कंट्रोल रूम स्थापित कर आम आदमी को भी शिकायत दर्ज करवाने का अवसर देते.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि योजना में मुख्यमंत्री का तीनों नगर निगम के साथ सौतेला व्यवहार एक बार फिर सामने आया है. वो निगमों के साथ बदले की भावना से काम कर रहे हैं. सारा फंड लोक निर्माण विभाग को दिया जा रहा है. उन्होंने पिछले सालों में और इस साल भी निगमों को मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत भी कोई फंड जारी नहीं किया. अगर उन्हें सड़कों की मरम्मत की इतनी ही चिंता थी तो वह निगमों को भी समुचित फंड जारी करते.
'गलियों और सड़कों की हालत खराब'
नेता विपक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 के लिए मुख्यमंत्री सड़क योजना के नाम पर कई हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था. परंतु उन्होंने आज तक एक भी पैसा इस योजना पर खर्च नहीं किया. इस योजना के अंतर्गत दिल्ली की एक भी गली, सड़क नहीं बनी है. जबकि दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में गलियों और सड़कों की हालत खस्ता है.
बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले 1260 किलोमीटर सड़कों की हालत देखने के लिए अपने 50 विधायकों को निर्देश दिया था. वो शनिवार से पीडब्ल्यूडी के अधिकारी संग 25 किलोमीटर रोड का निरीक्षण और जहां पर गड्ढे हैं उसकी मरम्मत के लिए अपनी रिपोर्ट देंगे.