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भर्ती घोटाला: DTC बसों में मार्शलों की नियुक्ति पर ACB पहुंचे विजेन्द्र गुप्ता

विजेन्द्र गुप्ता ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ एसीबी के विशेष पुलिस आयुक्त से मिलकर केजरीवाल सरकार द्वारा डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत दर्ज कराई है.

विजेन्द्र गुप्ता ने डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत की, etv bharat
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Published : Sep 3, 2019, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के विशेष पुलिस आयुक्त से मिलकर केजरीवाल सरकार द्वारा डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत दर्ज कराई है.

उन्होंने विशेष पुलिस आयुक्त अरविंद दीप से मिलकर उन्हें शिकायत पत्र सौंप इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की. वहीं विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने 10 हजार मार्शलों की भर्ती में भारी घोटाला हुआ है.

'नियमों की धज्जियां उड़ाकर भर्ती किया जा रहा था'
उन्होंने आगे कहा कि इसका खामियाजा दिल्ली के स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि ये पद मात्र दिल्ली के स्थानीय नागरिकों के लिए आरक्षित थे. परन्तु इसमें अन्य राज्य के क्षेत्र विशेष के लोगों को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भर्ती किया जा रहा था. घोटाले के सामने आने पर दिल्ली सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी है. इसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ. प्रतिनिधिमंडल में विधायक जगदीश प्रधान, पूर्व विधायक कपिल मिश्रा और अनिल वाजपेयी सम्मिलित थे.

शाहदरा डीएम पर भी लगाया आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया कि घोटाले के मास्टर माइंड डिविजनल मजिस्ट्रेट (शाहदरा) कुलदीप पाखड़ ने यातायात मंत्री कैलाश गहलोत और डिविजनल कमिश्नर राजीव वर्मा के साथ मिलकर यह घोटाला किया. उन्होंने कहा कि डिविजनल मजिस्ट्रेट (हेड क्वाटर) मोहम्मद आबिद ने अपने उच्च अधिकारियों को इस मामले की शिकायत भी कर दी है. वहीं दिल्ली सरकार मामले की लीपापोती में लगी है. उसने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी कुलदीप पाखड़ के घोटाले की जांच के लिए उनके एक कनिष्ठ अधिकारी को जांच का आदेश दिया है. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि एसीबी द्वारा विस्तृत जांच करने पर सभी तथ्य सामने आएंगे और अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई संभव हो पायेगी.

vijender gupta said Scam on recruitment of marshals in DTC buses
विजेन्द्र गुप्ता ने डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत की

क्या है मार्शलों की नियुक्ति का घोटाला
नेता विपक्ष ने भ्रष्टाचार निरोधक के शाखा प्रमुख से शिकायत की है कि डीटीसी में 10000 मार्शलों की भर्ती हेतु सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं. पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन नहीं दिया गया. यहां तक कि आवेदन तक भी नहीं आमंत्रित किए गए. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़ी जातियों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का भी पालन नहीं किया गया.

'राजस्थान के लोगों को भर्ती किया गया'
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटों में डीटीसी में मार्शलों की भर्ती के लिए आदेश दिये थे. भर्ती के इच्छुक अभ्यार्थियों से दो-दो लाख रुपये की रिश्वत ली गई. अधिकतर अभ्यार्थी राजस्थान से और एक ही स्थानीय जगह से थे. वे भर्ती के हकदार नहीं थे, क्योंकि इन पदों पर भर्तियां केवल दिल्ली के लोगों की हो सकती हैं. परन्तु राजस्थान के लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दिल्ली का स्थानीय निवासी सर्टिफाई किया गया. सारी प्रक्रिया में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं ताकि एक वर्ग विशेष को भर्ती किया जा सके.

आरोप है कि भारी संख्या में दूसरे राज्य के निवासियों के दिल्ली में फर्जी पते बनवाकर 11 व 12 अगस्त को अवकाश वाले दिन, एक जिला अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत आधार केंद्र सुबह से लेकर देर रात तक इनके लिए फर्जी पते वाले आधार कार्ड बनाता रहा. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भी ये आधार केंद्र आधार कार्ड बनाने के लिए सुबह से देर रात तक खुला रखा गया. जबकि आम दिनों में ये आधार केंद्र कार्यालय समय में ही काम करते हैं. ये सभी लोग एक जाति और राज्य विशेष से संबंध रखते हैं. 16 अगस्त को एक स्कूल में इनकी ट्रेनिंग करवाई गयी. इसके खिलाफ शिकायत किए जाने के बाद केजरीवाल प्रशासन ने इस गंभीर मामले की लीपापोती शुरू कर दी और इन भर्तियों पर रोक लगा दी.

नई दिल्ली: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के विशेष पुलिस आयुक्त से मिलकर केजरीवाल सरकार द्वारा डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत दर्ज कराई है.

उन्होंने विशेष पुलिस आयुक्त अरविंद दीप से मिलकर उन्हें शिकायत पत्र सौंप इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की. वहीं विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने 10 हजार मार्शलों की भर्ती में भारी घोटाला हुआ है.

'नियमों की धज्जियां उड़ाकर भर्ती किया जा रहा था'
उन्होंने आगे कहा कि इसका खामियाजा दिल्ली के स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि ये पद मात्र दिल्ली के स्थानीय नागरिकों के लिए आरक्षित थे. परन्तु इसमें अन्य राज्य के क्षेत्र विशेष के लोगों को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भर्ती किया जा रहा था. घोटाले के सामने आने पर दिल्ली सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी है. इसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ. प्रतिनिधिमंडल में विधायक जगदीश प्रधान, पूर्व विधायक कपिल मिश्रा और अनिल वाजपेयी सम्मिलित थे.

शाहदरा डीएम पर भी लगाया आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया कि घोटाले के मास्टर माइंड डिविजनल मजिस्ट्रेट (शाहदरा) कुलदीप पाखड़ ने यातायात मंत्री कैलाश गहलोत और डिविजनल कमिश्नर राजीव वर्मा के साथ मिलकर यह घोटाला किया. उन्होंने कहा कि डिविजनल मजिस्ट्रेट (हेड क्वाटर) मोहम्मद आबिद ने अपने उच्च अधिकारियों को इस मामले की शिकायत भी कर दी है. वहीं दिल्ली सरकार मामले की लीपापोती में लगी है. उसने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी कुलदीप पाखड़ के घोटाले की जांच के लिए उनके एक कनिष्ठ अधिकारी को जांच का आदेश दिया है. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि एसीबी द्वारा विस्तृत जांच करने पर सभी तथ्य सामने आएंगे और अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई संभव हो पायेगी.

vijender gupta said Scam on recruitment of marshals in DTC buses
विजेन्द्र गुप्ता ने डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत की

क्या है मार्शलों की नियुक्ति का घोटाला
नेता विपक्ष ने भ्रष्टाचार निरोधक के शाखा प्रमुख से शिकायत की है कि डीटीसी में 10000 मार्शलों की भर्ती हेतु सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं. पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन नहीं दिया गया. यहां तक कि आवेदन तक भी नहीं आमंत्रित किए गए. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़ी जातियों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का भी पालन नहीं किया गया.

'राजस्थान के लोगों को भर्ती किया गया'
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटों में डीटीसी में मार्शलों की भर्ती के लिए आदेश दिये थे. भर्ती के इच्छुक अभ्यार्थियों से दो-दो लाख रुपये की रिश्वत ली गई. अधिकतर अभ्यार्थी राजस्थान से और एक ही स्थानीय जगह से थे. वे भर्ती के हकदार नहीं थे, क्योंकि इन पदों पर भर्तियां केवल दिल्ली के लोगों की हो सकती हैं. परन्तु राजस्थान के लोगों को फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दिल्ली का स्थानीय निवासी सर्टिफाई किया गया. सारी प्रक्रिया में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं ताकि एक वर्ग विशेष को भर्ती किया जा सके.

आरोप है कि भारी संख्या में दूसरे राज्य के निवासियों के दिल्ली में फर्जी पते बनवाकर 11 व 12 अगस्त को अवकाश वाले दिन, एक जिला अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत आधार केंद्र सुबह से लेकर देर रात तक इनके लिए फर्जी पते वाले आधार कार्ड बनाता रहा. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भी ये आधार केंद्र आधार कार्ड बनाने के लिए सुबह से देर रात तक खुला रखा गया. जबकि आम दिनों में ये आधार केंद्र कार्यालय समय में ही काम करते हैं. ये सभी लोग एक जाति और राज्य विशेष से संबंध रखते हैं. 16 अगस्त को एक स्कूल में इनकी ट्रेनिंग करवाई गयी. इसके खिलाफ शिकायत किए जाने के बाद केजरीवाल प्रशासन ने इस गंभीर मामले की लीपापोती शुरू कर दी और इन भर्तियों पर रोक लगा दी.

Intro:नई दिल्ली. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज भाजपा प्रतिनिधिमंडल के साथ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के विशेष पुलिस आयुक्त से मिलकर केजरीवाल सरकार द्वारा डीटीसी बसों में मार्शलों की भर्ती में हुए घोटाले की शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने विशेष पुलिस आयुक्त अरविन्द दीप से मिलकर उन्हें शिकायत पत्र सौंप इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की.Body:विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने 10 हज़ार मार्शलों की भर्ती में भारी घोटाला हुआ है. इसका खामियाजा दिल्ली के स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि ये पद मात्र दिल्ली के स्थानीय नागरिकों के लिए आरक्षित थे. परन्तु इसमें अन्य राज्य के क्षेत्र विशेष के लोगों को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भर्ती किया जा रहा था. घोटाले के सामने आने पर दिल्ली सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी है. इसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ. प्रतिनिधिमंडल में विधायक जगदीश प्रधान तथा पूर्व विधायक कपिल मिश्रा तथा अनिल वाजपेयी सम्मिलित थे.
शाहदरा डीएम पर भी लगाया आरोप

भाजपा ने आरोप लगाया कि घोटाले के मास्टर माइंड डिवीजनल मजिस्ट्रेट (शाहदरा) कुलदीप पाखड़ ने यातायात मंत्री कैलाश गहलोत तथा डिवीजनल कमिश्नर राजीव वर्मा के साथ मिलकर यह घोटाला किया. उन्होंने कहा कि डिवीजनल मजिस्ट्रेट (हेड क्वाटर) मोहम्मद आबिद ने अपने उच्च अधिकारियों को इस मामले की शिकायत भी कर दी है. दिल्ली सरकार मामले की लीपापोती में लगी है. उसने वरिष्ठ आइएएस अधिकारी कुलदीप पाखड़ के घोटाले की जांच के लिए उनके एक कनिष्ठ अधिकारी को जांच का आदेश दिया है. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि एसीबी द्वारा विस्तृत जांच करने पर सभी तथ्य सामने आयेंगे और अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही संभव हो पायेगी.

क्या है मार्शलों की नियुक्ति का घोटाला

नेता विपक्ष ने भ्रष्टाचार निरोधक के शाखा प्रमुख से शिकायत की है कि डीटीसी में 10000 मार्शलों की भर्ती हेतु सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं. पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन नहीं दिया गया. यहां तक कि आवेदन तक भी नहीं आमंत्रित किये गए. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़ी जातियों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का भी पालन नहीं किया गया. विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटों में डीटीसी में मार्शलों की भर्ती के लिए आदेश दिये थे. भर्ती के इच्छुक अभ्यार्थियों से दो-दो लाख रूपए की रिश्वत ली गई. अधिकतर अभ्यार्थी राजस्थान से और एक ही स्थानीय जगह से थे. वे भर्ती के हकदार नहीं थे, क्योंकि इन पदों पर भर्तियां केवल दिल्ली के लोगों की हो सकती हैं. परन्तु राजस्थान के लोगों को भर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दिल्ली का स्थानीय निवासी सर्टिफाई किया गया. सारी प्रक्रिया में नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं ताकि एक वर्ग विशेष को भर्ती किया जा सके.
आरोप है कि भारी संख्या में दूसरे राज्य के निवासियों के दिल्ली में फर्जी पते बनवाकर 11 व 12 अगस्त को अवकाश वाले दिन एक जिला अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत आधार केंद्र सुबह से लेकर देर रात तक इनके लिए फर्जी पते वाले आधार कार्ड बनाता रहा. 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भी ये आधार केंद्र आधार कार्ड बनाने के लिए सुबह से देर रात तक खुला रखा गया जबकि आम दिनों में ये आधार केंद्र कार्यालय समय में ही काम करते हैं. ये सभी लोग एक जाति और राज्य विशेष से संबंध रखते हैं. 16 अगस्त को एक स्कूल में इनकी ट्रेनिंग करवाई गयी. इसके खिलाफ शिकायत किए जाने के बाद केजरीवाल प्रशासन ने इस गंभीर मामले की लीपापोती शुरू कर दी और इन भर्तियों पर रोक लगा दी.

समाप्त, आशुतोष झाConclusion:
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