नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अलग-अलग वर्गों को साधने की कोशिश में जुटी है. मंगलवार को बीजेपी सांसद विजय गोयल ने दिल्ली के रेहड़ी-पटरी वालों का मुद्दा उठाया. विजय गोयल ने कहा कि राजधानी होने के बावजूद दिल्ली सरकार रेहड़ी-पटरी वालों के हित के लिए कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि टाउन वेंडिंग प्लान के तहत रेहड़ी पटरी वालों को निर्धारित जगह और लाइसेंस प्रदान करने की जो योजना थी, वो अदालत के आदेश के बाद भी 4 सालों से लटकी हुई है.
सभी वर्गों के लिए काम करने की मंशा
पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश बीजेपी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विजय गोयल ने कहा कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार है जो सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चल रही है. विजय गोयल ने कहा कि हम दिल्ली के सभी वर्गों के लिए काम करने की मंशा लेकर आए हैं.
उन्होंने कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों को बेहतर सुविधा देने के लिए पार्टी ने इस बार अपने संकल्प पत्र में इंश्योरेंस और अन्य सुविधाएं प्रदान करने का वादा किया है. वहीं, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार टाउन वेंडिंग प्लान पर 4 साल से कुंडली मारकर बैठी हुई है.
रेहड़ी-पटरी वालों का BJP को समर्थन
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दिल्ली के तमाम रेहड़ी-पटरी वालों ने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है और समर्थन पत्र भी दिया है. भाजपा अब इनके हक की लड़ाई लड़ेगी. बता दें, वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने रेहड़ी-पटरी वालों के हक में फैसला दिया था जिसके अनुसार दिल्ली सरकार से टाउन वेंडिंग पॉलिसी को तुरंत लागू करने को कहा था..
दिल्ली सरकार ने पॉलिसी लागू नहीं की
प्रदेश बीजेपी रेहड़ी-पटरी मोर्चा के अध्यक्ष आनंद साहू ने कहा कि कई राज्य सरकारों ने टाउन वेंडिंग पॉलिसी को लागू कर दिया है, लेकिन अरविंद केजरीवाल शासित आम आदमी पार्टी सरकार जो अपने आप को आम आदमी का मसीहा बताती है, उसने 2014 में आए अदालत के फैसले के बाद भी अभी तक इस पॉलिसी को लागू नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि योजना लागू होने में हो रही परेशानी की वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. 24 राज्यों में राज्य सरकारों ने स्कीम बना कर उसे लागू कर दिया है. वहां रेहड़ी पटरी वाले सम्मान से अपना रोजगार चला रहे हैं.
सरकार की नीतियों से हलकान हैं लोग
आनंद साहू ने आरोप लगाया कि दिल्ली में नगर निगम, दिल्ली पुलिस, इंस्पेक्टर और दिल्ली सरकार की नीतियों के चलते कानून लागू नहीं हो पाया है. इस वजह से दिल्ली में रेहड़ी पटरी वालों को भ्रष्टाचार का शिकार होना पड़ रहा है. बता दें कि राजधानी में कुल 2750 स्थानों पर रेहड़ी पटरी वाले बाजार लगाते हैं, जिनमें से 250 के पास ही लाइसेंस है.