नई दिल्ली: राजधानी की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले को लेकर राजनीति जारी है. भाजपा सांसद और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार सही मायने में इन कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में रुचि नहीं दिखा रही थी.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए जब भी निर्देश दिए गए तो दिल्ली सरकार की तरफ से यही जवाब आया कि कॉलोनियों की सीमा तय करने में कम से कम 3 साल का समय लगेगा और किस तरह से करना है, इसके बारे में कोई खाका तैयार कर केजरीवाल सरकार ने नहीं भेजा.
'अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों संग भाजपा मनाएगी दिल्ली'
विजय गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार एक प्रॉपर तरीके से इस तरह कॉलोनियों को नियमित करने जा रही है कि अगर कोई इस प्रक्रिया को लेकर अदालत में भी जाएगा तो वहां पर भी सरकार को कोई दिक्कत ना हो. संसद के शीतकालीन सत्र में कॉलोनियों के नियमितीकरण को लेकर विधेयक पेश किया जाएगा. विजय गोयल ने कहा कि इस बार भाजपा के कार्यकर्ता अनाधिकृत कॉलोनियों में जाकर कॉलोनी वालों के सन दिवाली का त्योहार मनाएंगे.
ऐसे बनेंगे अपनी जमीन के मालिक
उसके बाद इन कॉलोनियों की बाउंड्री वॉल करने की जिम्मेदारी डीडीए को सौंपी गई है. जिसे 3 महीने में पूरा किया जाएगा. डीडीए में इसके फॉर्म दिए जाएंगे. इस पर अनधिकृत कॉलोनियों के निवासी अपनी जानकारी भर पाएंगे और फिर सर्कल रेट पर भुगतान कर वे अपनी संपत्ति का मालिकाना हक पा सकेंगे.
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'यह कॉलोनियां नियमित न हो'
गोयल ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया था. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के बार-बार चिट्ठी लिखने के बाद भी उन्होंने कॉलोनियों का सीमांकन नहीं किया. उनकी मंशा थी कि यह कॉलोनियां नियमित न हो. क्योंकि इन कॉलोनियों से लोकसभा चुनाव में उनको भारी हार मिली थी. इसीलिए इन कॉलोनियों में सड़क, पानी व अन्य सुविधाएं भी नहीं दी गई.
केजरीवाल के मंसूबों पर पानी फिर गया
केंद्र सरकार के निर्णय से अरविंद केजरीवाल के मंसूबों पर पानी फिर गया और अब वह इन कॉलोनियों का झूठा श्रेय लेने में लगे हैं. लेकिन दिल्ली की जनता सब जानती है. केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं किया है. इन कॉलोनियों में चाहे वह प्राइवेट लैंड पर हो सरकारी जमीन पर, कुछ कॉलोनियों को छोड़कर सभी को मालिकाना अधिकार दिए जाएंगे. इनकी रजिस्ट्री के लिए स्टैंप ड्यूटी भी कम से कम रखी जाएगी लगभग मुफ्त के समान.
बता दें कि दिल्ली में 1797 अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के संबंध में केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक भी लाने जा रही है.