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मुख्य सचिव ने मंत्री का आदेश मानने से किया इनकार!, भड़की आतिशी बोलीं- यह लोकतंत्र की हत्या, पढ़ें पूरा मामला

Chief Secretary refused to obey order of Minister: दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के आदेश को मुख्य सचिव ने मानने से इनकार कर दिया है. यह दावा खुद मंत्री आतिशी ने किया है. गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि मुख्य सचिव ने जीएनसीटी एक्ट का हवाला देते हुए आदेश को मानने से मना कर दिया. इससे लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 24, 2023, 5:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच तकरार बढ़ गया है. मंत्री आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने कहा है कि वह मंत्री के आदेश को नहीं मानेंगे. सर्विसेज मिनिस्टर और विजिलेंस मिनिस्टर होने के नाते मैंने चीफ सेक्रेटरी को 16 अगस्त को एक आदेश दिया था. इस आदेश के जवाब में मुख्य सचिव ने 21 अगस्त को 10 पन्नों की एक चिट्ठी भेज कर जीएनसीटी एक्ट का हवाला देते हुए साफ तौर पर कह दिया कि वह चुनी हुई सरकार के आदेश को नहीं मानेंगे.

आगे आतिशी ने कहा कि इस एक्ट के तहत चुनी हुई सरकार के पास ताकत नहीं है, अब ताकत बस अफसरों और मुख्य सचिव के पास है. ऐसे तो आगे हम फ्री बिजली, फ्री दवा, सरकारी स्कूल खोलने के लिए विभिन्न विभाग के सचिव को आदेश देंगे और वह इसी तरह से जवाब देंगे. मंत्री के आदेश को नहीं मानेंगे.

लोकतंत्र की हत्या का प्रयास: मंत्री आतिशी ने कहा कि जनता ने हमें चुना है और पांच साल के लिए अपनी सेवा देने का मौका दिया है. लोकतंत्र के अनुसार फैसले लेने का अधिकार सिर्फ भारत के लोगों के पास है. भारत के लोग वोट देंगे और अपने प्रतिनिधि चुनेंगे. वह प्रतिनिधि 5 साल तक काम करेंगे. उनका काम अच्छा है या बुरा, इसे तय करने का अधिकार हमारे संविधान ने भारत के लोगों को दिया. भारत के संविधान के अनुसार ही पांच साल में चुनाव कराने का भी प्रावधान है. संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ केंद्र सरकार एक कानून लेकर आई है. यह कानून जिसे जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट कहते हैं 11 अगस्त, 2023 को नोटिफाई हुआ.

आतिशी ने कहा कि यह कानून कहता है कि चाहे हमारा संविधान कुछ भी कहता हो, केंद्र द्वारा लाया गया एक्ट कहता है कि दिल्ली में फैसले लेने का अधिकार दिल्ली की जनता और चुनी हुई सरकार को नहीं बल्कि केंद्र द्वारा लाए गए एलजी को होगा.

ये भी पढ़ें: Atishi Attack on BJP: 'हम सिर पर कफन बांध कर निकले हैं, डरने वाले नहीं हैं', मंत्री आतिशी का BJP पर निशाना

क्या है जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट: आतिशी ने एक्ट की कॉपी दिखाते हुए कहा कि इस एक्ट में सेक्शन 45 जे कहता है कि अगर कोई अफसर चाहे तो वह मंत्री के आदेश को मानने से मना कर सकता है. अगर मुख्य सचिव चाहे तो किसी मंत्री द्वारा आदेश को मानने से मना कर सकता है. इस एक्ट की यह धारा लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहा है. 11 अगस्त को यह कानून नोटिफाई हुआ और इसका परिणाम हमें 21 अगस्त को ही देखने को मिल गए. मुख्य सचिव ने 10 पन्नों की एक चिट्ठी लिखकर दिल्ली सरकार के आदेश को मानने से मना कर दिया.

ये भी पढ़ें: Kejriwal Cabinet Reshuffle: केजरीवाल सरकार में आतिशी सबसे पावरफुल, सौरभ भारद्वाज से लिया गया सेवा और विजिलेंस विभाग

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच तकरार बढ़ गया है. मंत्री आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अफसरों पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव ने कहा है कि वह मंत्री के आदेश को नहीं मानेंगे. सर्विसेज मिनिस्टर और विजिलेंस मिनिस्टर होने के नाते मैंने चीफ सेक्रेटरी को 16 अगस्त को एक आदेश दिया था. इस आदेश के जवाब में मुख्य सचिव ने 21 अगस्त को 10 पन्नों की एक चिट्ठी भेज कर जीएनसीटी एक्ट का हवाला देते हुए साफ तौर पर कह दिया कि वह चुनी हुई सरकार के आदेश को नहीं मानेंगे.

आगे आतिशी ने कहा कि इस एक्ट के तहत चुनी हुई सरकार के पास ताकत नहीं है, अब ताकत बस अफसरों और मुख्य सचिव के पास है. ऐसे तो आगे हम फ्री बिजली, फ्री दवा, सरकारी स्कूल खोलने के लिए विभिन्न विभाग के सचिव को आदेश देंगे और वह इसी तरह से जवाब देंगे. मंत्री के आदेश को नहीं मानेंगे.

लोकतंत्र की हत्या का प्रयास: मंत्री आतिशी ने कहा कि जनता ने हमें चुना है और पांच साल के लिए अपनी सेवा देने का मौका दिया है. लोकतंत्र के अनुसार फैसले लेने का अधिकार सिर्फ भारत के लोगों के पास है. भारत के लोग वोट देंगे और अपने प्रतिनिधि चुनेंगे. वह प्रतिनिधि 5 साल तक काम करेंगे. उनका काम अच्छा है या बुरा, इसे तय करने का अधिकार हमारे संविधान ने भारत के लोगों को दिया. भारत के संविधान के अनुसार ही पांच साल में चुनाव कराने का भी प्रावधान है. संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ केंद्र सरकार एक कानून लेकर आई है. यह कानून जिसे जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट कहते हैं 11 अगस्त, 2023 को नोटिफाई हुआ.

आतिशी ने कहा कि यह कानून कहता है कि चाहे हमारा संविधान कुछ भी कहता हो, केंद्र द्वारा लाया गया एक्ट कहता है कि दिल्ली में फैसले लेने का अधिकार दिल्ली की जनता और चुनी हुई सरकार को नहीं बल्कि केंद्र द्वारा लाए गए एलजी को होगा.

ये भी पढ़ें: Atishi Attack on BJP: 'हम सिर पर कफन बांध कर निकले हैं, डरने वाले नहीं हैं', मंत्री आतिशी का BJP पर निशाना

क्या है जीएनसीटीडी अमेंडेमेंट एक्ट: आतिशी ने एक्ट की कॉपी दिखाते हुए कहा कि इस एक्ट में सेक्शन 45 जे कहता है कि अगर कोई अफसर चाहे तो वह मंत्री के आदेश को मानने से मना कर सकता है. अगर मुख्य सचिव चाहे तो किसी मंत्री द्वारा आदेश को मानने से मना कर सकता है. इस एक्ट की यह धारा लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहा है. 11 अगस्त को यह कानून नोटिफाई हुआ और इसका परिणाम हमें 21 अगस्त को ही देखने को मिल गए. मुख्य सचिव ने 10 पन्नों की एक चिट्ठी लिखकर दिल्ली सरकार के आदेश को मानने से मना कर दिया.

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