नई दिल्ली: देश और दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं को जागरूक करने के लिए 13 अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है. समय पर पकड़ में आने पर इसका इलाज संभव है. ब्रेस्ट कैंसर दुनियाभर में महिलाओं की मौत का एक प्रमुख कारण है. यह कैंसर का एक गंभीर प्रकार हैं, जिससे पूरी दुनिया की कई महिलाएं ग्रसित हैं. इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी की वजह से इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है.
महिलाओं में सबसे आम कैंसर: स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, जिसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार जिन बच्चियों का मासिक चक्र समय से पूर्व शुरू हो गया हो, विशेषज्ञ उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का आसान शिकार मानते हैं. हालांकि समय रहते पहचान होने पर इसका इलाज होमियोपैथ और एलोपैथ दोनों में है.
सर्तकता सबसे अधिक आवश्यक: सफदरजंग अस्पताल के ओंकोलॉजी विभाग में विशेषज्ञ डॉ. कौशल कालरा ने कहा कि स्तन कैंसर जैसी बीमारियों को प्रथम चरण में ही पकड़ने के लिए सतर्कता आवश्यक है. उन्होंने स्तर कैंसर को लेकर फैली कुछ भ्रांतियों के बारे में बताया कि कुछ लोगों को भ्रम होता है कि उन्हें कभी कैंसर नहीं हो सकता है और यह सिर्फ स्तन कैंसर तक ही सीमित नहीं है. स्तन कैंसर जैसी बीमारियों को प्रारंभिक चरण में पकड़ने के लिए निरंतर सतर्कता आवश्यक है और ऐसे में इलाज करना बेहद आसान होता है. कुछ लोग मानते हैं कि वे अपने स्तन का एक हिस्सा खो देंगे. कैंसर की अवस्था के आधार पर स्तन कैंसर का इलाज बिना सर्जरी के भी किया जा सकता है. कुछ महिलाओं को लगता है कि ब्रा पहनने से भी स्तन कैंसर हो सकता है लेकिन डॉ. कौशल इस बात से सहमत नहीं हैं कि ब्रा पहनने से स्तन कैंसर के विकास पर कोई प्रभाव पड़ता है.
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होमियोपैथी का कॉकटेल इलाज फायदेमंद: होमियोपैथ डॉ. कुशल बनर्जी बताते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में होमियोपैथी एक अच्छा विकल्प है. सही समय पर बीमारी की पकड़ होने पर उसका इलाज आसान हो जाता है, क्योंकि बीमारी की समय से पहले पहचान ही सफल इलाज का एकमात्र उपाय है. ब्रेस्ट कैंसर समेत अन्य प्रकार के कैंसर को मैनेज करने में होमियपैथी सक्षम है. कीमोथेरेपी के साथ होमियपैथी के इलाज से बीमारी को मैनेज करना आसान हो जाता है. इससे कभी-कभी कीमोथेरेपी की जरूरत भी धीरे-धीरे कम होने लगती है और मरीज की स्थिति में सुधार आता है.
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