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DU VC Interview: DU में अराजकता पैदा करने के मकसद से दिखाई गई BBC की डॉक्यूमेंट्री: कुलपति योगेश सिंह - VC Yogesh Singh screening of bbc documentry

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि डीयू में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के पीछे का मकसद अराजकता पैदा करना था. इसकी जांच करने के लिए एक कमिटी का भी गठन हुआ है. इसके साथ ही कुलपति ने डीयू की अगले सत्र की तैयारिओं और अन्य मुद्दों पर भी बात की.

कुलपति योगेश सिंह
कुलपति योगेश सिंह
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Published : Feb 22, 2023, 6:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने कहा है कि कुछ छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय में अराजकता पैदा करने के उद्देश्य से बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री दिखाने का प्रयास किया. उन्होंने यह भी कहा कि परिसर में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. न्यूज एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग के पीछे का मकसद अराजकता पैदा करना और अनुशासनहीनता पैदा करना था. वे ऐसा करने में भी कामयाब रहे. मैं परिसर में इस तरह के व्यवहार की अनुमति नहीं दूंगा, इसलिए मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की गई."

कांग्रेस का छात्रसंघ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन ने पिछले महीने कहा था कि वे 2002 के गुजरात दंगों पर विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को डीयू के नॉर्थ कैंपस में दिखाएंगे. 27 जनवरी को स्क्रीनिंग के दिन पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया था, जिसके बाद हंगामा हो गया था. डीयू के कला संकाय से एनएसयूआई (NSUI) से जुड़े चौबीस छात्रों को हिरासत में लिया. इस घटना के बाद चीफ प्रॉक्टर रजनी अब्बी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन सुरक्षा में खामियों की जांच करने और परिसर में सुरक्षा को मजबूत करने के तरीके सुझाने के लिए किया गया था. कुलपति ने कहा कि समिति ने 31 जनवरी को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी और विस्तृत जांच के तहत शामिल छात्रों के माता-पिता से बातचीत कर रही है.

CUET के तहत प्रवेश परीक्षा होगी: आगामी सत्र के बारे में बात करते हुए कुलपति ने कहा कि पिछले साल की तरह यूनिवर्सिटी इस साल भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी. विश्वविद्यालय इसके लिए अच्छी तरह से तैयार है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सीयूईटी को वर्ष में दो बार आयोजित किया जाना चाहिए. कुलपति ने कहा कि पिछले साल यह परीक्षा हमने पहली बार आयोजित की थी, इसलिए कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. आदर्श स्थिति यह होगी कि वर्ष में दो बार सीयूईटी का आयोजन किया जाए. मुझे उम्मीद है कि यूजीसी इस पर विचार करेगा.

कुलपति के अनुसार, पिछले साल विश्वविद्यालय में सभी 70 हजार सीटों में से 5 हजार सीटें खाली रह गईं. यह सीयूईटी के कारण नहीं था, बल्कि इसलिए कि कुछ पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो इतने लोकप्रिय नहीं हैं और उन्हें कुछ ही छात्र लेते हैं.

अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार करना चाहता है DU: कुलपति ने आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय के लिए प्राथमिकताओं पर जोर देते हुए कहा "हमें विश्वविद्यालय में सुधार करना है, अपने बुनियादी ढांचे को नया रूप देना है और भवनों और पाठ्यक्रमों सहित नई परियोजनाओं को लॉन्च करना है. हम अपनी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार करना चाहते हैं. इसके साथ ही कई परियोजनओं पर भी काम चल रहा है.

दिल्ली या विदेश में डीयू के विस्तार की योजना के बारे में पूछे जाने पर कुलपति ने कहा कि प्रशासन ने देश के अन्य हिस्सों में कैंपस स्थापित करने के बारे में अभी कुछ नहीं सोचा है. वहीं हंसराज कॉलेज में हाल ही में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के मामले पर कुलपति ने कहा कि यदि प्रिंसिपल आर्य समाज के मूल्यों को लागू करना चाहते हैं, तो किसी को भी इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.

तीन साल के कोर्स वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री देना जारी रहेगा: कुलपति ने बताया कि यूजीसी के नियमों के बावजूद डीयू तीन साल के कोर्स का विकल्प चुनने वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री देना जारी रखेगा. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने दिसंबर में ड्राफ्ट नॉर्म्स में बताया था कि छात्रों को चार साल का कोर्स पूरा करने के बाद ही अंडरग्रेजुएट ऑनर्स की डिग्री मिलेगी. हालांकि, डीयू ने मानदंडों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह तीन साल के पाठ्यक्रम को चुनने वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री देना जारी रखेगा.

(पीटीआई)

इसे भी पढ़ें: Nikki Yadav Murder Case: आरोपी साहिल गहलोत 12 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने कहा है कि कुछ छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय में अराजकता पैदा करने के उद्देश्य से बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री दिखाने का प्रयास किया. उन्होंने यह भी कहा कि परिसर में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. न्यूज एजेंसी PTI को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग के पीछे का मकसद अराजकता पैदा करना और अनुशासनहीनता पैदा करना था. वे ऐसा करने में भी कामयाब रहे. मैं परिसर में इस तरह के व्यवहार की अनुमति नहीं दूंगा, इसलिए मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की गई."

कांग्रेस का छात्रसंघ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया और भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन ने पिछले महीने कहा था कि वे 2002 के गुजरात दंगों पर विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री को डीयू के नॉर्थ कैंपस में दिखाएंगे. 27 जनवरी को स्क्रीनिंग के दिन पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया था, जिसके बाद हंगामा हो गया था. डीयू के कला संकाय से एनएसयूआई (NSUI) से जुड़े चौबीस छात्रों को हिरासत में लिया. इस घटना के बाद चीफ प्रॉक्टर रजनी अब्बी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन सुरक्षा में खामियों की जांच करने और परिसर में सुरक्षा को मजबूत करने के तरीके सुझाने के लिए किया गया था. कुलपति ने कहा कि समिति ने 31 जनवरी को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी और विस्तृत जांच के तहत शामिल छात्रों के माता-पिता से बातचीत कर रही है.

CUET के तहत प्रवेश परीक्षा होगी: आगामी सत्र के बारे में बात करते हुए कुलपति ने कहा कि पिछले साल की तरह यूनिवर्सिटी इस साल भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी. विश्वविद्यालय इसके लिए अच्छी तरह से तैयार है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सीयूईटी को वर्ष में दो बार आयोजित किया जाना चाहिए. कुलपति ने कहा कि पिछले साल यह परीक्षा हमने पहली बार आयोजित की थी, इसलिए कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. आदर्श स्थिति यह होगी कि वर्ष में दो बार सीयूईटी का आयोजन किया जाए. मुझे उम्मीद है कि यूजीसी इस पर विचार करेगा.

कुलपति के अनुसार, पिछले साल विश्वविद्यालय में सभी 70 हजार सीटों में से 5 हजार सीटें खाली रह गईं. यह सीयूईटी के कारण नहीं था, बल्कि इसलिए कि कुछ पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो इतने लोकप्रिय नहीं हैं और उन्हें कुछ ही छात्र लेते हैं.

अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार करना चाहता है DU: कुलपति ने आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय के लिए प्राथमिकताओं पर जोर देते हुए कहा "हमें विश्वविद्यालय में सुधार करना है, अपने बुनियादी ढांचे को नया रूप देना है और भवनों और पाठ्यक्रमों सहित नई परियोजनाओं को लॉन्च करना है. हम अपनी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार करना चाहते हैं. इसके साथ ही कई परियोजनओं पर भी काम चल रहा है.

दिल्ली या विदेश में डीयू के विस्तार की योजना के बारे में पूछे जाने पर कुलपति ने कहा कि प्रशासन ने देश के अन्य हिस्सों में कैंपस स्थापित करने के बारे में अभी कुछ नहीं सोचा है. वहीं हंसराज कॉलेज में हाल ही में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के मामले पर कुलपति ने कहा कि यदि प्रिंसिपल आर्य समाज के मूल्यों को लागू करना चाहते हैं, तो किसी को भी इससे कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.

तीन साल के कोर्स वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री देना जारी रहेगा: कुलपति ने बताया कि यूजीसी के नियमों के बावजूद डीयू तीन साल के कोर्स का विकल्प चुनने वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री देना जारी रखेगा. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) ने दिसंबर में ड्राफ्ट नॉर्म्स में बताया था कि छात्रों को चार साल का कोर्स पूरा करने के बाद ही अंडरग्रेजुएट ऑनर्स की डिग्री मिलेगी. हालांकि, डीयू ने मानदंडों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह तीन साल के पाठ्यक्रम को चुनने वाले छात्रों को ऑनर्स डिग्री देना जारी रखेगा.

(पीटीआई)

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