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'दिल्ली-NCR में निजी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर लगाम लगानी होगी' - Center for Science and Environment

दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. सरकार और स्थानीय सिविक एजेंसियों द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पॉल्यूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से खास बातचीत की.

pollution levels in delhi
ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पॉल्यूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से खास बातचीत की.
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Published : Dec 30, 2019, 2:42 PM IST

नई दिल्ली: बीते कुछ सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. सरकार और स्थानीय सिविक एजेंसियों द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इसका असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुख्य कारक और उनके निदान को लेकर ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पॉल्यूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पॉल्यूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से खास बातचीत की
'गाड़ियों से निकलने वाला धुआं बना वजह'बातचीत के दौरान शाम्भवी शुक्ला ने बताया कि दिल्ली में पॉल्यूशन के कारक लगातार बढ़ रहे हैं. कई संस्थानों के रिसर्च में भी यह सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर में गाड़ियों की बढ़ती संख्या प्रदूषण को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रही है.
pollution levels in delhi
दिल्ली में प्रदूषण

इन गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली में 40 फ़ीसदी वायु प्रदूषण होता है. एक अनुमान के मुताबिक हर दिन दिल्ली की सड़कों पर 12 सौ से 15 सौ नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होता है. लेकिन पुरानी गाड़ियों को सड़क से नहीं हटाया जा रहा. जिस कारण उनसे निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली की आबोहवा दिन प्रतिदिन दूषित होती जा रही है.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग से कम होगा प्रदूषण
प्रदूषण कम करने के उपाय के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में निजी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर लगाम लगानी होगी क्योंकि दिल्ली में जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन गाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है.

गाड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण सड़क पर आए दिन जाम लगते हैं और जाम के दौरान गाड़ियों से ज्यादा मात्र में धुंआ निकलता है. जिस कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रहे हैं. अभी के समय दिल्ली में 5000 के करीब बसे हैं. लेकिन जनसंख्या के हिसाब से इनकी संख्या 10 हजार से ज्यादा होनी चाहिए.

नई दिल्ली: बीते कुछ सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. सरकार और स्थानीय सिविक एजेंसियों द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इसका असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुख्य कारक और उनके निदान को लेकर ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पॉल्यूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पॉल्यूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से खास बातचीत की
'गाड़ियों से निकलने वाला धुआं बना वजह'बातचीत के दौरान शाम्भवी शुक्ला ने बताया कि दिल्ली में पॉल्यूशन के कारक लगातार बढ़ रहे हैं. कई संस्थानों के रिसर्च में भी यह सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर में गाड़ियों की बढ़ती संख्या प्रदूषण को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रही है.
pollution levels in delhi
दिल्ली में प्रदूषण

इन गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली में 40 फ़ीसदी वायु प्रदूषण होता है. एक अनुमान के मुताबिक हर दिन दिल्ली की सड़कों पर 12 सौ से 15 सौ नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होता है. लेकिन पुरानी गाड़ियों को सड़क से नहीं हटाया जा रहा. जिस कारण उनसे निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली की आबोहवा दिन प्रतिदिन दूषित होती जा रही है.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग से कम होगा प्रदूषण
प्रदूषण कम करने के उपाय के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में निजी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर लगाम लगानी होगी क्योंकि दिल्ली में जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन गाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है.

गाड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण सड़क पर आए दिन जाम लगते हैं और जाम के दौरान गाड़ियों से ज्यादा मात्र में धुंआ निकलता है. जिस कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रहे हैं. अभी के समय दिल्ली में 5000 के करीब बसे हैं. लेकिन जनसंख्या के हिसाब से इनकी संख्या 10 हजार से ज्यादा होनी चाहिए.

Intro:नई दिल्ली : बीते कुछ सालों से दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. सरकारों एवं स्थानीय सिविक एजेंसियों द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन इसका असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा. दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के मुख्य कारक और उनके निदान को लेकर ईटीवी भारत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में एयर पोलूशन की प्रोग्रामिंग ऑफिसर शाम्भवी शुक्ला से बात की.








Body:गाड़ियों से निकलने वाला धुआं बना प्रदूषण की मुख्य वजह :
बातचीत के दौरान शाम्भवी शुक्ला ने बताया कि दिल्ली में पॉल्यूशन के कारक लगातार बढ़ रहे हैं. कई संस्थानों के रिसर्च में भी यह सामने आया है कि दिल्ली एनसीआर में गाड़ियों की बढ़ती संख्या प्रदूषण को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभा रही है. इन गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली में 40 फ़ीसदी वायु प्रदूषण होता है. एक अनुमान के मुताबिक हर दिन दिल्ली की सड़कों पर 12 सौ से 15 सौ नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होता है. लेकिन पुरानी गाड़ियों को सड़क से नहीं हटाया जा रहा. जिस कारण उन से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली की आबोहवा दिन प्रतिदिन दूषित होती जा रही है.


Conclusion:पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग से कम होगा प्रदूषण :
प्रदूषण कम करने के उपाय के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में निजी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर लगाम लगानी होगी क्योंकि दिल्ली में जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन गाड़ियों की संख्या भी बढ़ रही है. गाड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण सड़क पर आए दिन जाम लगते हैं और जाम के दौरान गाड़ियों से ज्यादा मात्र में धुंआ निकलता है. जिस कारण प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रहे हैं. अभी के समय दिल्ली में 5000 के करीब बसे हैं. लेकिन जनसंख्या के हिसाब से इनकी संख्या 10 हजार से ज्यादा होनी चाहिए.
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