नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बिसरख कोतवाली क्षेत्र स्थित पंचशील ग्रीन वन हाऊसिंग सोसाइटी में शनिवार को मंदिर निर्माण को लेकर जमकर हंगामा हुआ. सोसाइटी के लोगों ने मंदिर की स्थापना कर पूजा शुरू कर दी. बिल्डर ने पूरे मामले का विरोध किया और पुलिस से मामले की शिकायत कर दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सोसाइटी के लोगो को समझाने का प्रयास किया. बात बढ़ने पर पुलिस लगभग डेढ दर्जन लोगों को कोतवाली ले आई. कोतवाली में देर रात तक मामले को लेकर हंगामा होता रहा. मंदिर को हटाने के लिए जेसीबी भी पहुंची लेकिन सोसाइटी में मौजूद अन्य लोगों के विरोध के कारण मूर्ति को नहीं हटाया जा सका. पुलिस का दावा है कि बातचीत से मामले को शांत कर दिया गया है. मंदिर निर्माण अभी नहीं होगा, लोग इस बात पर सहमत हो गए हैं.
पंचशील ग्रीन वन हाऊसिंग सोसाइटी का मामला : पंचशील ग्रीन वन हाऊसिंग सोसाइटी के लोगों ने शनिवार को टावर एफ के सामने मंदिर निर्माण शुरू कर दिया. बिल्डर ने इसका विरोध किया और पुलिस मौके पर पहुंच गई. लोगों से मंदिर निर्माण नहीं करने की बात कही. लोगों ने बिल्डर को मौके पर बुलाने की मांग की. पुलिस ने बिल्डर से बात की, जिस पर बिल्डर ने व्यस्तता केे कारण दो बजे आने की बात कही. सोसाइटी के लोग वहीं बैठ गए. पुलिस ने भी बिल्डर का इंतजार किया. लेकिर दो बजे तक जब बिल्डर मौके पर नहीं पहुंचा तो लोगों ने एक चबूतरा बनाकर वहां पर मूर्ति की स्थापना कर पूजा अर्चना शुरू कर दी. इसके बाद कोतवाली से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और एओए अध्यक्ष विकास कुमार और मंदिर निर्माण समीित के अध्यक्ष अवनिश चंद को पुलिस हिरासत में लेकर कोतवाली पहुंच गई. साथ ही पुलिस ने 13 अन्य लोगों को भी हिरासत में लेकर कोतवाली आई.
देर रात समझौता कराने का प्रयास हुआ विफल : देर रात तक पुलिस ने सोसाइटी के निवासियों और बिल्डर के बीच बातचीत से समझौता कराने का प्रयास किया लेकिन समझौते के कोई आसार नहीं हैं. बिल्डर मंदिर निर्माण को हटाने पर अड़ा हुआ है. सोसाइटी के लोगों का कहना है कि जब तक मंदिर के लिए कोई दूसरी जगह नहीं दी जाएगी, मंदिर का निर्माण नहीं हटाया जाएगा. सोसाइटी के लोग मंदिर निर्माण को नहीं हटने देंगे चाहे उन्हें जेल जाना पड़े. कोतवाली में भी पुलिस ने बातचीत कर सोसाइटी के लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली. सोसाइटी के लोग अपनी इस बात पर अड़े रहे कि सोसाइटी में मंदिर बनेगा, अन्यथा उन्हें जेल भेज दिया जाए. लोगों का आरोप है कि बिल्डर को सोसाइटी में मंदिर निर्माण की सूचना मंदिर समिति और एओए की ओर से दी गई थी, लेकिन बिल्डर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. बाद में इसका विरोध किया जा रहा है. बिसरख कोतवाली प्रभारी उमेश बहादुर ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए एक प्रक्रिया के तहत अनुमति लेनी होती है. सोसाइटी के लोगों ने अनुमति नहीं ली है. देर रात सोसाइटी के लोग मंदिर निर्माण नहीं करने की बात पर सहमत हो गए हैं.
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