नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय कर दिया है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने शुक्रवार को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोप तय करने का आदेश दिया. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) , 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया.
'कोई कार्रवाई नहीं हुई'
पिछले 8 अगस्त को कोर्ट ने पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के झूठे केस में फंसाए जाने के मामले में आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई.
FIR के खाई दर-दर ठोकरें
उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. वहीं 3 अप्रैल 2018 को उसके पिता को आरोपी विधायक के भाई ने सरेआम बुरी तरह पीटा. सीबीआई ने कहा था कि जांच में ये भी पाया गया कि स्थानीय थाने की पुलिस और अधिकारियों ने इसकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया और लापरवाही बरती.
'पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए'
पिछले 7 अगस्त को आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के मामले में सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. 7 अगस्त को कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिया था कि वो पीड़ितों और उसके परिजनों और गवाहों के नामों का खुलासा नहीं करें. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपी पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं. सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए.
'सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की रिपोर्ट दें'
पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले के पीड़िता, उसकी देखभाल करनेवालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी थी.
वकील से आरोप पत्र पर बहस करने को कहा गया
वहीं पिछले 5 अगस्त को कोर्ट ने आरोपियों कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को आज दोबारा पेश करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया. 5 अगस्त को जब दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था तो डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने आरोपियों के वकील को आरोप पत्र पर बहस करने को कहा था.
इस पर आरोपियों की ओर से कहा गया था कि क्या इस कोर्ट को इस केस को सुनने का अधिकार है तब पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142 के तहत इस कोर्ट को ही अधिकृत किया है. तब आरोपियों के वकील ने कहा था कि क्या सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति हो गई है, तब सीबीआई की ओर से कहा गया कि हां पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गया है लेकिन जिन्हें नियुक्त किया गया है, वे किसी दूसरे मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में व्यस्त हैं इसलिए वे नहीं आ सकते हैं.
आरोपियों के वकील ने मांगा था समय
वहीं आरोपियों के वकील ने था कहा कि इस मामले में आरोपपत्र पर दलीलें रखने के लिए हमें समय चाहिए. आरोपियों के वकील ने कहा था कि उन्हें भी आरोपपत्र की कॉपी चाहिए ताकि वे अपनी दलीलें रख सकें. उसके बाद कोर्ट ने 7 अगस्त को दोबारा दोनों आरोपियों को पेश करने का निर्देश दिया. उसी दिन सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दलीलें सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
आपको बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था, जिसके बाद गुरुवार को पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया. वहीं पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.
45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश
गौर करने वाली बात ये है कि पहले यूपी में चल रहा था. वहीं पिछले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है.
क्या है पूरा मामला
मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया. लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं. दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गए. लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ, जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ. इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई.