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DU: एडहॉक शिक्षकों को हटाए जाने पर शिक्षक बैठे हड़ताल पर, कुलपति से हस्तक्षेप की मांग

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Published : May 19, 2021, 4:11 PM IST

डीयू के विवेकानंद कॉलेज प्रशासन ने 12 एडहॉक शिक्षकों को सर्विस में एक्सटेंशन नहीं दिया है. कॉलेज प्रशासन के इस फैसले से डीयू के सभी शिक्षकों में नाराजगी है. इसी के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक बुधवार को अपने घर से ही हड़ताल पर बैठ गए हैं.

University of Delhi teachers on strike for not giving extension to adhoc teachers
दिल्ली विश्वविद्यालय

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज के एडहॉक शिक्षकों को निकाले जाने का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक आज हड़ताल पर बैठ गए हैं. वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रो. राजेश झा ने विवेकानंद कॉलेज के द्वारा उठाए गए इस कदम को अमानवीय बताया.

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर एकेडमिक एक्शन एंड डेवलपमेंट और एसी/ईसी के सदस्यों के द्वारा कुलपति को पत्र लिख इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. जिससे कि इस संकट की घड़ी में किसी भी परिवार को आर्थिक परेशानी ना हो.

फैसले के खिलाफ शिक्षक बैठे हड़ताल पर

कोरोना काल में डीयू के विवेकानंद कॉलेज प्रशासन द्वारा 12 एडहॉक शिक्षकों को सर्विस में एक्सटेंशन नहीं दिए जाने पर डीयू कब सभी शिक्षकों में खासी नाराजगी है. नतीजतन दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक इसके विरोध में आज अपने घर से ही हड़ताल पर बैठ गए हैं. वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने विवेकानंद कॉलेज प्रशासन के इस कदम को अमानवीय करार दिया.

ये भी पढे़ंः राजमुकुट लगाए बैठे लोगों से परिजन पूछें, जनता के लिए क्या किया? - कुमार विश्वास

साथ ही उन्होंने कहा कि इस संबंध में एग्जीक्यूटिव और अकादमिक काउंसिल द्वारा डीयू के कुलपति प्रो. पीसी जोशी को पत्र लिख इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जहां पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है उस बीच सालों से अपनी सेवाएं दे रहे एडहॉक शिक्षकों को इस तरह बेरोजगार कर उनके परिवार को आर्थिक संकट से जूझने के लिए छोड़ देना पूरी तरह से गलत है. इस संबंध में जल्द कार्यवाई की जानी चाहिए.

विवेकानंद कॉलेज प्रशासन 5 दिसंबर के आदेश का कर रहा है उलंघन

इसके पहले भी एग्जीक्यूटिव और अकादमिक काउंसिल द्वारा डीयू के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी को पत्र लिख कहा गया था कि विवेकानंद कॉलेज प्रशासन एडहॉक शिक्षकों के साथ किया जो किया व शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 दिसंबर को जारी किए गए आदेश का उल्लंघन था जिसमें स्पष्ट किया गया था कि शिक्षकों की सेवाएं जारी रखी जाएंगी. वहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी इस मसले की शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज के एडहॉक शिक्षकों को निकाले जाने का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक आज हड़ताल पर बैठ गए हैं. वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रो. राजेश झा ने विवेकानंद कॉलेज के द्वारा उठाए गए इस कदम को अमानवीय बताया.

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर एकेडमिक एक्शन एंड डेवलपमेंट और एसी/ईसी के सदस्यों के द्वारा कुलपति को पत्र लिख इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. जिससे कि इस संकट की घड़ी में किसी भी परिवार को आर्थिक परेशानी ना हो.

फैसले के खिलाफ शिक्षक बैठे हड़ताल पर

कोरोना काल में डीयू के विवेकानंद कॉलेज प्रशासन द्वारा 12 एडहॉक शिक्षकों को सर्विस में एक्सटेंशन नहीं दिए जाने पर डीयू कब सभी शिक्षकों में खासी नाराजगी है. नतीजतन दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक इसके विरोध में आज अपने घर से ही हड़ताल पर बैठ गए हैं. वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने विवेकानंद कॉलेज प्रशासन के इस कदम को अमानवीय करार दिया.

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साथ ही उन्होंने कहा कि इस संबंध में एग्जीक्यूटिव और अकादमिक काउंसिल द्वारा डीयू के कुलपति प्रो. पीसी जोशी को पत्र लिख इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जहां पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है उस बीच सालों से अपनी सेवाएं दे रहे एडहॉक शिक्षकों को इस तरह बेरोजगार कर उनके परिवार को आर्थिक संकट से जूझने के लिए छोड़ देना पूरी तरह से गलत है. इस संबंध में जल्द कार्यवाई की जानी चाहिए.

विवेकानंद कॉलेज प्रशासन 5 दिसंबर के आदेश का कर रहा है उलंघन

इसके पहले भी एग्जीक्यूटिव और अकादमिक काउंसिल द्वारा डीयू के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी को पत्र लिख कहा गया था कि विवेकानंद कॉलेज प्रशासन एडहॉक शिक्षकों के साथ किया जो किया व शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 दिसंबर को जारी किए गए आदेश का उल्लंघन था जिसमें स्पष्ट किया गया था कि शिक्षकों की सेवाएं जारी रखी जाएंगी. वहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में भी इस मसले की शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है.

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