नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह कानून को मान्यता देने वाली 20 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में छठें दिन सुनवाई जारी है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक विवाह मामले की सुनवाई बंद करने की मांग को लेकर हिंदू यूनाइटेड फ्रंट ने जंतर मंतर पर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया. धरने में देश के अलग-अलग साधु- संत समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में सुनवाई रोकने की मांग की.
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष वह बीजेपी नेता जय भगवान गोयल ने कहा कि आज हम लोगों को अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता को बचाने के लिए जंतर मंतर पर धरना देना पड़ रहा है. कहा कि आज हम लोग माननीय मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और कानून मंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह मामले की सुनवाई तुरंत बंद करे. राज्य सरकार और केंद्र सरकार को इस मामले में दखल-अंदाजी करनी चाहिए.
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जय भगवान गोयल ने कहा कि समलैंगिक विवाह एक विकार और मानसिक बीमारी है. इसे भारतीय समाज में नहीं सौंपा जाना चाहिए. यह भावी पीढ़ियों और विवाह जैसे पवित्र बंधन को तहस-नहस कर देगा. सुप्रीम कोर्ट को इस पर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए और जरूरी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए. जैसे जनसंख्या नियंत्रण कानून. हमारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध है कि इस केस की सुनवाई तुरंत बंद की जाए. इसका फैसला केंद्र और राज्य की सरकारों के ऊपर छोड़ दिया जाए.
इस देश में समलैंगिक विवाह को मान्यता मिलने पर भारतीय संस्कृति का क्या होगा. ये सब चीजें हमारी भारतीय संस्कृति को नष्ट कर देंगी. इसलिए हमारा आज एक दिन का सांकेतिक धरना है. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट द्वारा आयोजित इस धरने में दिल्ली के अलावा दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग इलाकों से साधु संत पहुंचे और इस मुद्दे को उठाया. 144 करोड़ की आबादी वाले देश में मात्र 400 समलैंगिक बच्चों के माता-पिता की चिट्ठी पर सुनवाई करना कहां का न्याय है. समलैंगिक विवाह को अगर खुलेआम बढ़ावा दिया गया तो भविष्य में परिवार उत्पत्ति कैसे होगी.
समलैंगिकता कुछ उन्हीं सिरफिरे भारत विरोधी, सनातन विरोधी, प्रकृति विरोधी लोगों का षड्यंत्र लगता है. जिन्होंने भारत जैसे अध्यात्मिक देश में लिव इन रिलेशन को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से मान्यता दिलवाई थी. आज पूरी दुनिया हमारे योग, अध्यात्म व संस्कृति को अपनाने की होड़ लगी हुई है और हम मात्र 34 देशों में सेम सेक्स मैरिज की मान्यता की नकल करने की ओर दौड़ रहे हैं.
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