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इंटरनेट कॉलिंग से केंद्रीय मंत्री टेनी को करते थे ब्लैकमेल, जानिए कैसे पकड़े गए आरोपी...

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Published : Dec 25, 2021, 10:52 AM IST

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को ब्लैकमेल (Union Minister of State for Home Ajay Mishra Teni blackmailing case ) करने वाले पांचों युवकों ने बताया कि वो उन्हें इंटरनेट कॉलिंग के जरिए ब्लैकमेल कर रहे थे. युवकों ने दो करोड़ रुपये की मांग की थी.

internet calling
टेनी ब्लैकमेलिंग मामला

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी से ब्लैकमेलिंग (Union Minister of State for Home Ajay Mishra Teni blackmailing case ) कर रहे युवक बेहद ही शातिर हैं. वह पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल कर रहे थे. छानबीन कर रही पुलिस ने अमेरिका और रोमानिया दूतावास की मदद से इनकी लोकेशन का पता लगाया और पांचों को कॉल सेंटर से गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल पुलिस आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है.

पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने पहली कॉल 17 दिसंबर को अजय मिश्रा टेनी के पीए को की थी. इसमें उन्होंने घटना का वीडियो फुटेज जारी करने की धमकी देकर दो करोड़ रुपये की मांग की थी. आरोपियों ने पीए को मिनिस्टर से बात कराने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं कराई थी. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि यह कॉल इंटरनेट कॉलिंग के जरिए की जा रही है. 17 से 23 दिसंबर के बीच आरोपियों द्वारा कुल 40 धमकी भरे कॉल किये गये थे. नोएडा सेक्टर 15 के एक पार्क से आरोपी कॉल करते थे. गुरुवार की दोपहर भी उन्होंने ऐसी ही एक कॉल कर दो करोड़ रुपये मांगे थे.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री से हुई ब्लैकमेलिंग, स्पेशल सेल ने पकड़े गैंग के पांच सदस्य

छानबीन में नॉर्थ एवेन्यू पुलिस को पता चला कि वह अमेरिका और रोमानिया के गेट पास का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए दिल्ली में मौजूद इनके दूतावास की मदद ली गई. इससे पता चला कि वह कहां से कॉल कर रहे हैं. उन्हें पता चला कि अमित कुमार नोएडा में कॉल सेंटर चलाता है. इसके बाद वहां छापा मारकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों अमित कुमार, अमित, कबीर वर्मा, निशांत कुमार और अश्वनी कुमार से फिलहाल पूरे प्रकरण को लेकर पूछताछ चल रही है.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद: कड़ी सुरक्षा के बीच होगा मुख्यमंत्री योगी का रोड शो, ड्रोन से होगी निगरानी

अमित कुमार ने पुलिस को बताया है कि उसका दोस्त कबीर इंश्योरेंस एजेंट का काम करता था. उसने कुछ दिन पहले मंत्री से जबरन उगाही की साजिश रची. कबीर के पास दो असिस्टेंट थे जिनका नाम अमित माझी और निशांत है. यह दोनों मिश्रा के ऑफिस से कॉल करते थे. लगभग 85 फ़ीसदी कॉल निशांत द्वारा की गई थी जबकि अमित द्वारा 15 फीसदी कॉल की गई थी. उन्हें प्रत्येक कॉल के 10 हजार रुपये देने की बात कही गई थी. गिरफ्तार किया गया अश्वनी एक टेक्निकल एक्सपर्ट है और वहीं इंटरनेट कॉलिंग करवाता था. कबीर ने पुलिस को बताया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा से उसे यह आइडिया आया था.

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी से ब्लैकमेलिंग (Union Minister of State for Home Ajay Mishra Teni blackmailing case ) कर रहे युवक बेहद ही शातिर हैं. वह पुलिस से बचने के लिए इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल कर रहे थे. छानबीन कर रही पुलिस ने अमेरिका और रोमानिया दूतावास की मदद से इनकी लोकेशन का पता लगाया और पांचों को कॉल सेंटर से गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल पुलिस आरोपियों को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है.

पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने पहली कॉल 17 दिसंबर को अजय मिश्रा टेनी के पीए को की थी. इसमें उन्होंने घटना का वीडियो फुटेज जारी करने की धमकी देकर दो करोड़ रुपये की मांग की थी. आरोपियों ने पीए को मिनिस्टर से बात कराने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने नहीं कराई थी. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि यह कॉल इंटरनेट कॉलिंग के जरिए की जा रही है. 17 से 23 दिसंबर के बीच आरोपियों द्वारा कुल 40 धमकी भरे कॉल किये गये थे. नोएडा सेक्टर 15 के एक पार्क से आरोपी कॉल करते थे. गुरुवार की दोपहर भी उन्होंने ऐसी ही एक कॉल कर दो करोड़ रुपये मांगे थे.

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छानबीन में नॉर्थ एवेन्यू पुलिस को पता चला कि वह अमेरिका और रोमानिया के गेट पास का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए दिल्ली में मौजूद इनके दूतावास की मदद ली गई. इससे पता चला कि वह कहां से कॉल कर रहे हैं. उन्हें पता चला कि अमित कुमार नोएडा में कॉल सेंटर चलाता है. इसके बाद वहां छापा मारकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. आरोपियों अमित कुमार, अमित, कबीर वर्मा, निशांत कुमार और अश्वनी कुमार से फिलहाल पूरे प्रकरण को लेकर पूछताछ चल रही है.

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अमित कुमार ने पुलिस को बताया है कि उसका दोस्त कबीर इंश्योरेंस एजेंट का काम करता था. उसने कुछ दिन पहले मंत्री से जबरन उगाही की साजिश रची. कबीर के पास दो असिस्टेंट थे जिनका नाम अमित माझी और निशांत है. यह दोनों मिश्रा के ऑफिस से कॉल करते थे. लगभग 85 फ़ीसदी कॉल निशांत द्वारा की गई थी जबकि अमित द्वारा 15 फीसदी कॉल की गई थी. उन्हें प्रत्येक कॉल के 10 हजार रुपये देने की बात कही गई थी. गिरफ्तार किया गया अश्वनी एक टेक्निकल एक्सपर्ट है और वहीं इंटरनेट कॉलिंग करवाता था. कबीर ने पुलिस को बताया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा से उसे यह आइडिया आया था.

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