नई दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बने नए एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) टावर का उद्घाटन किया. जानकारी के अनुसार इस टावर के बनने से एयरपोर्ट पर हवाई उड़ानों का संचालन पहले से और भी बेहतर और सुरक्षित हो जाएगा.
इस टावर का फायदा एयरपोर्ट के साथ-साथ यात्रियों को भी मिलेगा. क्योंकि एक समय पर दो प्लेन की लैंडिंग, बढ़ते एयर ट्रैफिक को बिना किसी परेशानी के आराम से कंट्रोल किया जा सकेगा.
क्यों पड़ी नए एटीसी टावर की जरूरत ?
साल 1999 में आईजीआई एयरपोर्ट पर बने 60 मीटर एटीसी टावर से, टर्मिनल 3 बनने के बाद साफ तौर पर रनवे का नज़ारा नहीं दिख रहा था. साथ ही 1350 से भी ज्यादा उड़ानों के संचालन और सभी रनवे को आसानी से देखने के लिए इस नए एटीसी टावर को बनाने की जरूरत पड़ी.
बता दें कि इस नए एटीसी टावर में सबसे ऊपर विसुअल टावर बना है. जिसमें 21 एटीसी कंट्रोलर के बैठने की सुविधा है. जबकि इसके नीचे वाले फ्लोर पर बने कंट्रोल रूम में विमानों को कंट्रोल करने के लिए 12 ग्राउंड कंट्रोलरों के बैठने की सुविधा है.
101.9 मीटर है ऊंचाई
एयरपोर्ट पर 350 करोड़ की लागत से बने इस एटीसी टावर की ऊंचाई 101.9 मीटर है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसमें लगभग 60 हज़ार के आधुनिक गैजेट्स लगाए है. साथ ही ये भारत का सबसे ऊंचा एटीसी टावर है, वही इस टावर की गिनती दुनिया के सभी ऊँचे एटीसी टॉवरों में भी होने वाली है.
नए एटीसी टावर की खासियत
टावर की हाइट ज्यादा होने के कारण एटीसी के सभी अधिकारियों रनवे को साफतौर पर देख सकेंगे. इस टावर से पहले से बेहतर सिग्नल मिलने से कोहरे औऱ खराब मौसम में भी हवाई संचालन में काफी मदद मिलेगी. साथ ही एयरपोर्ट पर होने वाली सारी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सकेगी.
इसके अलावा ये टावर भूकंप के तेज झटके भी झेल सकता है. इस टावर को ऐसे बनाया गया है की यह 8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके को भी झेल सकता है. साथ ही यह विमानों की बढ़ती संख्या को संभालने में भी सक्षम है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले कुछ ही सालों में एयरपोर्ट पर चौथा रनवे भी बनकर तैयार हो जाएगा.