नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर यूक्रेन से लाये गए मेडिकल के छात्रों ने मौन रूप से धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि सरकार हमें दूसरे देश में पढ़ने की अनुमति दें, नहीं तो हमारी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. क्योंकि यूक्रेन की स्थिति में अभी तक कोई सुधार नहीं आया है. ऐसे में उनका करियर बर्बाद हो जाएगा.
हालांकि, कुछ बच्चे ऑनलाइन क्लास पढ़ रहे हैं. ऑनलाइन क्लास लेने वाले छात्रों का कहना है कि जब तक उनको लैब नहीं मिलेगा, तब तक उनका कोई प्रैक्टिकल नहीं हो पाएगा. छात्रों ने कहा कि हम वे छात्र हैं जो एनईईटी-एनटीए अधिसूचना में उल्लिखित सभी नियमों का पालन करते हुए 2021 में यूक्रेन में एमबीबीएस चिकित्सा शिक्षा में शामिल हुए और विदेश में प्रवेश के लिए आवेदन के समय विदेशी चिकित्सा शिक्षा पर लागू नियमों और विनियमों का भी पालन किया. हम नेशनल मेडिकल कमीशन फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के अंतर्गत आते हैं.
छात्रों ने कहा कि 2022 में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ने के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत हमें वापस भारत लाया. अब हम 2 साल से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं और माता-पिता ने हमारी शिक्षा पर बहुत पैसा खर्च किया है. हमारे देश के कानून के अनुसार भारत में ऑनलाइन कक्षाएं मान्य नहीं हैं और हम यह भी जानते हैं कि जब तक हम ऑफलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं होंगे तब तक हम एक आदर्श डॉक्टर नहीं बन पाएंगे.
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छात्रों ने कहा कि हमने यूक्रेन जाने की भी कोशिश की लेकिन ट्रांजिट वीजा उपलब्ध न होने के कारण नहीं जा सके कुछ कर सकते थे. अगर हम यूक्रेन पहुंच भी गए, तो हमें अगले 4 साल तक युद्ध क्षेत्र में जानलेवा परिस्थितियों में रहना होगा. ऐसे में अब यूक्रेन जाना कोई समझदारी भरा फैसला नहीं हो सकता देश ने अपना बुनियादी ढांचा खो दिया है. छात्रों ने सरकार से अनुरोध किया कि भारत यूक्रेन से बात करे और छात्रों को किसी अन्य देश में ट्रांसफर करने की अनुमति दे.
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