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आम्रपाली समूह के दो अधिकारी गिरफ्तार, कोर्ट ने पांच दिन की रिमांड पर भेजा - धोखाधड़ी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही आम्रपाली बिल्डर के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं. अब आर्थिक अपराध शाखा धोखाधड़ी के मामले में आम्रपाली बिल्डर के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.

आम्रपाली समूह के दो अधिकारी गिरफ्तार
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Published : Jul 30, 2019, 10:22 PM IST

नई दिल्ली: आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के मामले में आम्रपाली बिल्डर के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान चंद्र प्रकाश वाधवा और अनिल मित्तल के रूप में की गई है. मंगलवार को उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा अनिल शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

आम्रपाली समूह के दो अधिकारी गिरफ्तार

आर्थिक अपराध शाखा में FIR दर्ज
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2017 में आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ एक एफआईआर आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज की गई थी. इस जांच में पता चला कि लोगों द्वारा फ्लैट बनाने के लिए दिया गया पैसा आम्रपाली बिल्डर कंपनी ने अलग-अलग फर्जी कंपनियों में भेजा है. उन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां बनाई और उनमें लोगों की गाढ़ी मेहनत का पैसा डायवर्ट कर दिया. इन कंपनियों में उन्होंने अपने परिचित एवं रिश्तेदारों को डायरेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारी बनाया हुआ था. इसे ध्यान में रखते हुए आर्थिक अपराध शाखा मामले की छानबीन कर रही थी.

तीन निदेशक हो चुके हैं गिरफ्तार
आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में आम्रपाली के तीन निदेशकों को पहले ही गिरफ्तार किया था. इनके नाम अनिल कुमार शर्मा, शिवप्रिया और अजय कुमार हैं. इनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने अदालत में पेश कर उन्हें जेल भेज दिया था. फिलहाल वे जेल में ही बंद हैं. पूछताछ के दौरान उन्होंने अपनी कंपनी के कुछ अधिकारियों के नाम बताए थे जिनकी तलाश आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी.

पांच दिन के रिमांड पर दोनों अधिकारी
सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा ने गुप्त सूचना पर आम्रपाली बिल्डर के सीएफओ चंद्रप्रकाश वाधवा और ऑडिटर अनिल मित्तल को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों ने कंपनी में काफी हेरफेर की है. उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस उनके द्वारा की गई गड़बड़ियों को लेकर पूछताछ कर रही है.

नई दिल्ली: आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के मामले में आम्रपाली बिल्डर के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान चंद्र प्रकाश वाधवा और अनिल मित्तल के रूप में की गई है. मंगलवार को उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा अनिल शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

आम्रपाली समूह के दो अधिकारी गिरफ्तार

आर्थिक अपराध शाखा में FIR दर्ज
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2017 में आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ एक एफआईआर आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज की गई थी. इस जांच में पता चला कि लोगों द्वारा फ्लैट बनाने के लिए दिया गया पैसा आम्रपाली बिल्डर कंपनी ने अलग-अलग फर्जी कंपनियों में भेजा है. उन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां बनाई और उनमें लोगों की गाढ़ी मेहनत का पैसा डायवर्ट कर दिया. इन कंपनियों में उन्होंने अपने परिचित एवं रिश्तेदारों को डायरेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारी बनाया हुआ था. इसे ध्यान में रखते हुए आर्थिक अपराध शाखा मामले की छानबीन कर रही थी.

तीन निदेशक हो चुके हैं गिरफ्तार
आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में आम्रपाली के तीन निदेशकों को पहले ही गिरफ्तार किया था. इनके नाम अनिल कुमार शर्मा, शिवप्रिया और अजय कुमार हैं. इनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने अदालत में पेश कर उन्हें जेल भेज दिया था. फिलहाल वे जेल में ही बंद हैं. पूछताछ के दौरान उन्होंने अपनी कंपनी के कुछ अधिकारियों के नाम बताए थे जिनकी तलाश आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी.

पांच दिन के रिमांड पर दोनों अधिकारी
सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा ने गुप्त सूचना पर आम्रपाली बिल्डर के सीएफओ चंद्रप्रकाश वाधवा और ऑडिटर अनिल मित्तल को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों ने कंपनी में काफी हेरफेर की है. उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस उनके द्वारा की गई गड़बड़ियों को लेकर पूछताछ कर रही है.

Intro:नई दिल्ली
आर्थिक अपराध शाखा ने धोखाधड़ी के मामले में आम्रपाली बिल्डर के दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी पहचान चंद्र प्रकाश वाधवा और अनिल मित्तल के रूप में की गई है. मंगलवार को उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा अनिल शर्मा, शिव प्रिया और अजय कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.


Body:वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2017 में आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ एक एफआईआर आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज की गई थी. इस जांच में पता चला कि लोगों द्वारा फ्लैट बनाने के लिए दिया गया पैसा आम्रपाली बिल्डर कंपनी ने अलग-अलग फर्जी कंपनियों में भेजा है उन्होंने बड़ी संख्या में फर्जी कंपनियां बनाई और उनमें लोगों की गाढ़ी मेहनत का पैसा डायवर्ट कर दिया. इन कंपनियों में उन्होंने अपने परिचित एवं रिश्तेदारों को डायरेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारी बनाया हुआ था. इसे ध्यान में रखते हुए आर्थिक अपराध शाखा मामले की छानबीन कर रही थी.


तीन निदेशक हो चुके हैं गिरफ्तार
आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में आम्रपाली के तीन निदेशकों को पहले ही गिरफ्तार किया था. इनके नाम अनिल कुमार शर्मा, शिवप्रिया और अजय कुमार हैं. इनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने अदालत में पेश कर उन्हें जेल भेज दिया था. फिलहाल वे जेल में ही बंद हैं. पूछताछ के दौरान उन्होंने अपनी कंपनी के कुछ अधिकारियों के नाम बताए थे जिनकी तलाश आर्थिक अपराध शाखा कर रही थी.





Conclusion:पांच दिन के रिमांड पर दोनों अधिकारी
सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा ने गुप्त सूचना पर आम्रपाली बिल्डर के सीएफओ चंद्रप्रकाश वाधवा और ऑडिटर अनिल मित्तल को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों ने कंपनी में काफी हेरफेर की है. उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लेकर पुलिस उनके द्वारा की गई गड़बड़ियों को लेकर पूछताछ कर रही है.
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