नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के कामकाज से संबंधित नया सर्विस एक्ट बनने के बाद दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है. सत्र के लिए सभी विधायकों को एजेंडा भेज दिया गया है. यह सत्र विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे भाग की बैठक का हिस्सा है. विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ होने के आसार है.
दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है. इस बाबत उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पिछले दिनों पत्र भी लिखा था. सत्र के पहले दिन के लिए जारी एजेंडे में दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग से संबंधित प्रस्ताव पेश होने का जिक्र है. तो बीजेपी विधायकों ने दिल्ली की 12 ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा का नोटिस दिया है. इनमें महिलाओं की सुरक्षा और अप्रिय घटनाओं को रोकने के नाम पर लगाए गए पैनिक बटन में करोड़ों का घपला, आधी रात को सतर्कता विभाग से भ्रष्टाचार के मामलों की फाइलों की हेराफेरी, मुख्यमंत्री के आवास को शीशमहल में बदलने पर करोड़ों का खर्च और बाढ़ से निपटने में दिल्ली सरकार की नाकामी प्रमुख हैं.
इसके अलावा प्रदूषण का लगातार बढ़ता लेवल, मोहल्ला क्लीनिक में 450 टेस्ट करने की घोषणा पर अमल नहीं, डीटीसी की बसों का लगातार होता ब्रेकडाउन, केंद्र द्वारा दिल्ली सरकार को 2419 करोड़ रुपए देने केे बावजूद मैली यमुना, न नए स्कूल और न ही स्कूलों में प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और टीचर, पांच वर्षों से नई वृद्धावस्था पेंशन पर रोक पर भी विपक्ष सरकार से जवाब चाहती है. अन्य विषयों में राशन कार्ड धारकों को राशन न मिलना और नए राशन कार्ड न बनाना तथा दिल्ली में पेयजल की कमी और प्रदूषित पानी की सप्लाई शामिल हैं.
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बता दें कि संसद में पिछले दिनों दिल्ली सर्विस बिल पर संसद में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली विधानसभा के सत्र को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि दिल्ली की विधानसभा में तो सत्र नहीं बुलाया जाता. यह देश की ऐसी विधानसभा है जहां सत्र को कभी खत्म नहीं किया जाता है. अमित शाह ने बिल पर चर्चा के दौरान कहा था कि वर्ष 2020 में दिल्ली विधानसभा का एक ही सत्र बुलाया गया, जिसमें पांच बैठकर हुई थी. वर्ष 2021 में भी एक ही बजट सत्र बुलाया गया जिसमें चार बैठकर हुई थी. वर्ष 2022 में एक ही बजट सत्र बुलाया गया और फिर 2023 में भी अभी तक एक ही सत्र बुलाया गया है.
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