नई दिल्ली: रेलवे अपने यात्रियों को खास सुविधाएं देती है, लेकिन कई बार कुछ ऐसा हो जाता है, जिससे साख पर बट्टा लग जाता है. अब ऐसा ही एक मामला दिल्ली रेलवे स्टेशन से सामने आया है, जिससे रेलवे पर सवाल उठ रहा है. दरअसल, ट्रेन में दो TTE यात्रियों से टिकट के नाम पर अवैध वसूली कर रहे थे. यात्रियों ने इसकी शिकायत रेलवे प्रशासन से की. जांच के बाद आरोप सही पाया गया और दोनों का तबादला मेरठ कर बिना कैश ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया है.
TTE पर यात्रियों से अवैध धन की वसूली का आरोप: ट्रांसफर किये गए TTE का नाम कृष्ण सिंह है जो कि चल टिकट परीक्षक है, वहीं दूसरे TTE का नाम अनिल राठी है जो कि प्रधान टिकट परीक्षक के तौर पर तैनात है. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि उत्तर रेलवे द्वारा शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पश्चिम एक्सप्रेस के यात्रियों द्वारा शिकायत की गई थी. जिसमें दो टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा टिकट होने के बावजूद यात्रियों से अवैध धन की वसूली की जा रही थी. जांच करने पर आरोप सही पाया गया. और दोनों को तत्काल प्रभाव से तबादला कर मेरठ सिटी-स्टेशन पर भेज दिया गया. उनकी ईएफटी बुक वापस लेकर बिना कैश ड्यूटी पर तैनात किया गया है.
सिर्फ तबादला कर दोनों को बचाने का आरोप: उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का कहना है कि "रेल प्रशासन अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा हमारे लिए प्राथमिकता है." लेकिन इसके विपरीत ट्रेन में यात्रियों से अवैध उगाही करने वाले दो कर्मचारियों पर ठोस कार्रवाई करने की बजाय उनका तबादला कर उन्हें बचा लिया गया. जब तक ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तब तक रेलवे से भ्रष्टाचार नहीं खत्म हो सकता और इस तरह के भ्रष्टाचार का सीधा असर यात्रियों पर पड़ता है.
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