नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन को लगे हुए 1 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है.इस बीच यहां से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन भी हो चुका है.वहीं जो थोड़े-बहुत मजदूर राजधानी दिल्ली में बचे हैं, उन्हें वर्तमान समय में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूरों के लिए पर इन दिनों सबसे बड़ी चुनौती अपने गुजर-बसर के लिए एक वक्त के खाने का इंतजाम करने का है.
लॉकडाउन के चलते दिल्ली की तमाम फैक्ट्रियां और कारखाने बंद हो गए हैं.जिसकी वजह से मजदूरों की आमदनी भी बंद हो गई है और मजदूर सबसे ज्यादा परेशान है.साथ ही सरकार की तरफ से भी मजदूरों को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल रही है.
मजदूरों की खत्म हुई आमदनी
दिल्ली में लॉकडाउन लगने के साथ ही कारखाने-फैक्ट्रियां, दुकानें और सभी बड़े बाजार बंद हो गए हैं. जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली के अंदर मजदूरों की जो आमदनी है, वह भी बंद हो गई. जिसकी वजह से मजदूर परेशान हैं और उन्हें मजबूरन बड़ी संख्या में दिल्ली से पलायन करना पड़ा था.जो थोड़े बहुत मजदूर वर्तमान समय में दिल्ली के अंदर रह गए हैं उनका गुजर बसर भी कई परेशानियों के बीच हो रहा है.
एक वक्त की रोटी खाकर कर रहे गुजारा
ग्राउंड रियलिटी चेक में ईटीवी भारत की टीम जब मजदूरों से बात करने मादीपुर विधानसभा क्षेत्र में गई, तो मजदूरों ने बताया कि एक वक्त का खाना भी वर्तमान समय में लॉकडाउन लगने की वजह से बमुश्किल मिल पा रहा है. कारखाने फैक्ट्री और बाजार बंद होने की वजह से आमदनी हो नहीं रही है.
लंगर बना मजदूरों का सहारा
मजदूरों ने बातचीत के दौरान बताया कि एक वक्त की रोटी के लिए भी आसपास के मंदिरों में लग रहे लंगर का इंतजार करना पड़ रहा है.वहीं पीने का साफ पानी भी मजदूरों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वह भी उन्हें इस बदहाली के दौर में खरीदकर पीना पड़ रहा है.जिससे कि वर्तमान समय में राजधानी दिल्ली में मजदूरों के लिए खराब हुए हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है.
नहीं ली स्थानीय विधायक ने सुध
मादीपुर विधानसभा क्षेत्र में मजदूरों ने बताया कि स्थानीय विधायक गिरीश सोनी एक दिन भी उनकी सुध लेने नहीं आए बल्कि विधायक को देखे हुए तो महीनों गुजर गए हैं. यदि कोई मजदूर विधायक के पास सहायता मांगने गया तो भी विधायक के द्वारा ना तो सहायता की गई ना ही विधायक ने मजदूर से मिलने की जहमत उठाई.
दिल्ली सरकार ने नहीं की कोई सहायता
मादीपुर विधानसभा क्षेत्र में ज्यादातर मजदूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र से आते हैं साथ ही काफी बड़ी संख्या में यहां बिहार से भी आए लोग मजदूरी करते हैं. मजदूरों ने आगे बातचीत के दौरान यह भी बताया कि लॉक डाउन 2 में दिल्ली सरकार के द्वारा भी उनकी किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं की गई है.
बड़ी संख्या में मजदूरों का नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
मादीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंदर अभी भी बड़ी संख्या में मजदूर वह हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन दिल्ली सरकार द्वारा नहीं किया गया है. ना ही इन लोगों को किसी प्रकार से दिल्ली सरकार के द्वारा कोई सहायता मिल रही है. ऐसे में जो दिल्ली सरकार द्वारा तमाम दावे किए जा रहे हैं कि वह मजदूरों की सहायता सरकार कर रही है और ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी मजदूर को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो. वह महज एक दिखावा है.
मजदूरों ने यह भी बताया कि पिछली बार जहां लॉकडाउन के दौरान खाना दिल्ली सरकार के स्कूलों में और जगह-जगह मिल रहा था.वहीं इस बार कहीं पर भी खाना नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से परेशानी बढ़ी है.
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लॉकडाउन 2 के चलते दिल्ली में मजदूरों की परेशानी कई गुना तक वर्तमान समय में बढ़ गई है. दरअसल लॉकडाउन लगने की वजह से राजधानी दिल्ली के अंदर तमाम कारखाने फैक्ट्रियां और दूसरी चीजों के ऊपर कई प्रतिबंध लग गए हैं. जिसकी वजह से मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है और वह काफी ज्यादा परेशान हो गए हैं. साथ ही साथ मजदूरों की आमदनी भी बंद हो गई है.
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