नई दिल्लीः कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इसकी दवा और वैक्सीन की खोज चल रही है. इसके लिए अलग-अलग अस्पतालों में अलग अलग-दवाओं का परीक्षण चल रहा है. ऐसे में दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी प्लाज्मा थेरेपी के अलावा दो अन्य दवाओं का परीक्षण चल रहा है.
आईसीएमआर और डीआरडीओ का है प्रोजेक्ट
पूर्वी दिल्ली के ताहिरपुर में स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में फिलहाल कोरोना के 270 मरीज भर्ती हैं. इसमें रोजाना 20 से ज्यादा मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. बीएल शेरवाल ने बताया कि देश में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए आईसीएमआर ने गाइडलाइन दे रखी है.
सभी अस्पतालों को उसे ही फॉलो करना होता है. उसके बाद भी उनके अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी के साथ ही आईसीएमआर और डीआरडीओ के दो प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है.
डॉ. शेरवाल ने कहा कि आईसीएमआर और डीआरडीओ के जिन दो दवाओं का मरीजों पर परीक्षण चल रहा है, वे मार्स बीमारी में एंटी वायरल ड्रग के तौर पर इस्तेमाल की जाती रही हैं. उन्होंने कहा कि मार्स और कोविड 19 दोनों एक ही फैमिली के वायरस हैं. इसलिए इन दवाओं का प्रयोग किया जा रहा है.
मेडिकल डायरेक्टर डॉ. बीएल शेरवाल का कहना है कि इस प्रयोग से आंशिक सफलता भी मिल रही है, लेकिन अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी अस्पताल कुछ अन्य दवाओं के प्रयोग पर भी विचार कर रहा है.