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Traffic Police Campaign: इन यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस चलाएगी अभियान - Traffic Police Campaign

दिल्ली में यातायात पुलिस ने कहा है कि मॉडिफाइड साइलेंसर का उपयोग करने वालों और ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. यह अभियान हर मंगलवार को चलाया जाएगा.

campaign against pressure horn
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Published : Mar 13, 2023, 2:52 PM IST

नई दिल्ली: ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ जनवरी में यातायात पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक जनवरी से 31 जनवरी तक कुल 1377 वाहनों के चालान काटे हैं. इनमें 1076 ऐसे वाहन शामिल हैं, जिनके सायलेंसर को मॉडीफाई कराया गया था और वे ध्वनि प्रदूषण फैला रहे थे. इसके अलावा 297 वाहनों में प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल किया जा रहा था. वहीं, तीन वाहनों पर नो हॉकिंग जोन में हॉर्न बजाने पर कार्रवाई की गई और एक वाहन पर तेज संगीत बजाने पर कार्रवाई की गई है. दिल्ली में अब हर मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस, मॉडिफाइड साइलेंसर एवं प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने वालों के साथ ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान चलाएगी और ऐसे वाहन चालकों को चालान किया जाएगा.

यातायात पुलिस निरीक्षक दीपक भारद्वाज ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण समिति की बैठक में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस ने फरवरी में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखा. साथ ही लोगों को ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में भी जागरूक किया गया. यातायात पुलिस ने मंगलवार का दिन ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निश्चित किया है.

अभियान के लोगों को यह भी बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर काटे गए चालान का भुगतान वे उसी समय मौके पर ही कर सकते हैं. साथ ही ऑनलाइन भुगतान या लोक अदालत में जाकर भी चालान का भुगतान किया जा सकता है. पहली बार मॉडीफाइड सायलेंसर का चालान 10 हजार रुपए का काटा जाता है. वहीं, अगर दूसरी बार पकड़े जाते हैं तो 20 हजार रुपये का चालान या फिर गाड़ी को भी सीज किया जा सकता है. गाड़ी में किसी तरह का मॉडिफिकेशन कराना मोटर वाहन अधिनियम का भी उल्लंघन है.

यह भी पढ़ें-नोएडा ट्रैफिक विभाग का हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर विशेष अभियान, कट सकता है चालान

इसमें वाहन का पंजीकरण रद्द करने तक का भी प्राविधान है. बैठक में नगर निगम, शिक्षा विभाग, पर्यावरण विभाग, राजस्व विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विभागों द्वारा ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए किए गए जागरुकता कार्यक्रम और कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया. अध्यक्षता पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अनिल बांका द्वारा की गई. बैठक में 16 विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. वहीं समिति के नोडल अधिकारी व पुलिस उपायुक्त ऑपरेशंस आनंद कुमार मिश्रा द्वारा बैठक में उठाए गए मुद्दों और उनसे संबंधित जानकारी भी साझा की गई.

यह भी पढ़ें-होली के दिन ट्रैफिक पुलिस ने किए 7643 चालान, शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले 559 लोगों पर एक्शन

नई दिल्ली: ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ जनवरी में यातायात पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक जनवरी से 31 जनवरी तक कुल 1377 वाहनों के चालान काटे हैं. इनमें 1076 ऐसे वाहन शामिल हैं, जिनके सायलेंसर को मॉडीफाई कराया गया था और वे ध्वनि प्रदूषण फैला रहे थे. इसके अलावा 297 वाहनों में प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल किया जा रहा था. वहीं, तीन वाहनों पर नो हॉकिंग जोन में हॉर्न बजाने पर कार्रवाई की गई और एक वाहन पर तेज संगीत बजाने पर कार्रवाई की गई है. दिल्ली में अब हर मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस, मॉडिफाइड साइलेंसर एवं प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने वालों के साथ ध्वनि प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान चलाएगी और ऐसे वाहन चालकों को चालान किया जाएगा.

यातायात पुलिस निरीक्षक दीपक भारद्वाज ने ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण समिति की बैठक में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि यातायात पुलिस ने फरवरी में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखा. साथ ही लोगों को ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में भी जागरूक किया गया. यातायात पुलिस ने मंगलवार का दिन ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निश्चित किया है.

अभियान के लोगों को यह भी बताया गया कि ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर काटे गए चालान का भुगतान वे उसी समय मौके पर ही कर सकते हैं. साथ ही ऑनलाइन भुगतान या लोक अदालत में जाकर भी चालान का भुगतान किया जा सकता है. पहली बार मॉडीफाइड सायलेंसर का चालान 10 हजार रुपए का काटा जाता है. वहीं, अगर दूसरी बार पकड़े जाते हैं तो 20 हजार रुपये का चालान या फिर गाड़ी को भी सीज किया जा सकता है. गाड़ी में किसी तरह का मॉडिफिकेशन कराना मोटर वाहन अधिनियम का भी उल्लंघन है.

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इसमें वाहन का पंजीकरण रद्द करने तक का भी प्राविधान है. बैठक में नगर निगम, शिक्षा विभाग, पर्यावरण विभाग, राजस्व विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने विभागों द्वारा ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए किए गए जागरुकता कार्यक्रम और कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया. अध्यक्षता पूर्वी जिले के जिलाधिकारी अनिल बांका द्वारा की गई. बैठक में 16 विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. वहीं समिति के नोडल अधिकारी व पुलिस उपायुक्त ऑपरेशंस आनंद कुमार मिश्रा द्वारा बैठक में उठाए गए मुद्दों और उनसे संबंधित जानकारी भी साझा की गई.

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