नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में गाडियों की स्पीड पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ओवर स्पीडिंग डिटेक्टर कैमरे लगा रही है. जानकारी के अनुसार राजधानी में होने वाले सड़क हादसों का प्रमुख कारण तेज रफ्तार से वाहन का चलना है. ट्रैफिक पुलिस के जवान प्रत्येक जगह ऐसे वाहनों का चालान नहीं कर सकते हैं.
इसलिए रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस सीसीटीवी कैमरे का सहारा ले रही है. ट्रैफिक पुलिस ने ट्रायल के तौर पर दस जगह ओवर स्पीडिंग डिटेक्टर कैमरे लगाए थे. बीते कुछ माह में ही इसकी मदद से लाखों लोगों का चालान हुआ है. इसके साथ ही इन सड़कों पर लोगों में भी सुधार देखने को मिल रहा है.
100 नई जगहों पर लग रहे कैमरे
संयुक्त आयुक्त नरेंद्र सिंह बुंदेला ने बताया कि पहले लगाए गए 10 ओवर स्पीडिंग डिटेक्टर कैमरे का परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिला है. इसलिए अब 100 अन्य जगहों को चिन्हित कर वहां पर भी यह कैमरे लगाए जा रहे हैं. इसके बाद कुल 110 जगहों पर ओवर स्पीडिंग के चालान इन कैमरों के जरिये होते रहेंगे.
अधिकांश जगहों पर यह कैमरे लग चुके हैं. जल्द ही इन्हें सर्वर से जोड़ दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसी माह से यह सभी कैमरे अपना काम शुरु कर देंगे. सीसीटीवी कैमरों के लगने से लोग वहां तेज रफ्तार से गाड़ी नहीं चलाएंगे और इन जगहों पर होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी.
24 चौराहों पर भी लगें कैमरे
संयुक्त आयुक्त नरेंद्र सिंह बुंदेला ने बताया कि चौराहों पर भी ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है. ट्रैफिक पुलिस ने 24 चौराहों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. यह कैमरे मुख्य रूप से जेब्रा क्रासिंग पर आने वालों और रेड लाइट जम्प करने वालों का चालान करते हैं. कैमरे उनकी तस्वीर भी खींच लेते हैं ताकि उनके द्वारा किये गए उल्लंघन का साक्ष्य भी मौजूद रहे. इसके चलते उन विवादों में भी कमी आ रही है जो चालान के दौरान ट्रैफिक पुलिस के साथ हो जाती है.
ऐसे काम करेंगे यह कैमरे
संयुक्त आयुक्त के अनुसार यह कैमरे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की जानकारी सर्वर को भेजते हैं, जहां से गाड़ी का चालान किया जाता है. वाहन चालक के मोबाइल पर इस चालान की जानकारी मैसेज के जरिये आती है. वह चाहें तो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की वेबसाइट पर जाकर इसका भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं.