नई दिल्ली: दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. इसको देखते हुए सरकार ने 8 से 10 सितंबर तक नई दिल्ली पुलिस डिस्ट्रिक्ट के बाजार और व्यवसायिक प्रतिष्ठान को बंद करने का आदेश दिया है. इसमें कनॉट प्लेस, पालिका बाजार, जनपथ, बंगाली मार्केट, खान मार्केट जैसे तमाम बाजार बंद रहेंगे. इससे बाजारों के व्यापारी निराश और चिंतिंत हैं. 'ETV भारत' ने पालिका बाजार, जनपथ मार्केट और पटरी बाजार से कुछ दुकानदारों से बात की. आइए जानते हैं वो सरकार इस फैसले से क्यों नाराज हैं?
दुकानदारों ने सरकार को बताया तानाशाह
पालिका बाजार में इलेट्रॉनिक्स सामान की बिक्री करने वाले रविशंकर माथुर ने बताया कि सरकार द्वारा केवल NDMC एरिया के बाजारों को बंद करना तानाशाही है. अगर सरकार सुरक्षा इंतजाम नहीं बढ़ा सकती है, तो पूरी दिल्ली के बाजारों को बंद करना चाहिए था. दुकानों और सरकारी दफ्तरों को बंद कर सरकार विदेशी मेहमानों को क्या सन्देश देना चाहती है कि दिल्ली बंद रही है.
'सरकार ने उम्मीदों पर पानी फेर दी'
पालिका बाजार में इंडियन कुर्ती की सेल करने वाली अंजू चौधरी ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान सभी व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को भारी घाटा हुआ था. जी20 सम्मलेन एक अच्छा मौका था कमाई का, लेकिन सरकार के फैसले ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. कनॉट प्लेस को दिल्ली का दिल कहा जाता है. दिल्ली घूमने आने वाला हर भारतीय या विदेशी टूरिस्ट CP जरूर आता है. यही कारण है कि दुकानदारों को जी20 समिट से अच्छी बिक्री की उम्मीद थी.
'सरकार गरीब पटरीवालों के साथ नहीं'
बाजारों को बंद करने की घोषणा से केवल दुकानदारों में ही निराशा नहीं है, बल्कि पटरी वालों को भी दुःख है. CP में पटरी पर कपड़ों की बिक्री करने वाले राज कुमार ने बताया कि पटरीवालों का रोजगार रोज ताजा कुआं खोदना और पानी पीने जैसा है. बाजार बंद करने के फैसले ने पटरीवालों को गहन चिंता में डाल दिया है. तीन दिन बाजार बंद होना बड़ी बात है. उनका आरोप है कि सरकार ने कभी भी गरीब पटरीवालों का साथ नहीं दिया है.
'बाजार बंद करने के बजाये सुरक्षा बढ़ाती सरकार'
स्ट्रीट शॉपिंग के लिए मशहूर ओल्ड मिनी जनपथ मार्किट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विनोद शर्मा का मानना है कि सरकार ने जो फैसला लिया है, वह उनकी समझ से ठीक होगा, लेकिन इससे दुकानदारों को काफी नुकसान होगा. अगर बाजार खुलते तो विदेशी मेहमानों को बाजार की रौनक देखने को मिलती. व्यापारियों को भी संतुष्टि होती. सरकार को बाजार बंद करने के बजाये सुरक्षा को बढ़ा देना चाहिए था."
'बाजारों को बंद करने का निर्णय ठीक नहीं'
पालिका बाजार शॉपकीपर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विनय कुमार ठाकुर का कहना है कि इससे पहले भी कई बार भारत में इस तरह का सम्मलेन हुआ है, लेकिन बाजारों को बंद नहीं किया गया. बाजारों को बंद करने का निर्णय ठीक नहीं है. इससे व्यापारियों को घाटा होगा. इसकी भरपाई सरकार द्वारा नहीं की जाएगी. दिल्ली पुलिस ने कई बाजारों को बंद करने की घोषणा के साथ सरकारी कर्मचारियों व स्कूल-कॉलेजों के बच्चों तथा गैर सरकारी कंपनियों कर्मियों को कार्यस्थल पर न आकर घर से ही ऑनलाइन कार्य करने की हिदायत दी गई है, ताकि भारत आने वाले मेहमानों को कोई असुविधा न हो.
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