नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से अक्टूबर से फरवरी तक डीजल से चलने वाले भारी और मध्यम वाहनों पर प्रतिबंध की चर्चा ने व्यापारियों को आक्रोशित कर दिया है. व्यापारी इसके विरोध में उतर आए हैं. दिल्ली के व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार इस तरह के कदम उठाती है तो वे सड़क पर उतरेंगे. व्यापारियों का कहना है कि अगर दिल्ली में इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया तो दिल्ली में कारोबार चौपट हो जाएगा.
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बता दें कि राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों के मौसम में दिवाली से ऐन पहले प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है. इसकी वजह से दिल्लीवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसको लेकर बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच पर कहा था कि इस साल अक्टूबर से फरवरी तक दिल्ली में डीजल से चलने वाले सभी भारी वाहनों और मध्यम वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. जिसमें ट्रक शामिल हैं, ताकि दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाया जा सके. हालांकि इस पूरे फैसले को लेकर अभी तक कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है. इस सुगबुगाहट पर दिल्ली के व्यापारी आक्रोशित हो गए हैं, वे सरकार की योजना के विरोध में उतर आए हैं.
क्या कहते हैं व्यापारीः दिल्ली के सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट के उपाध्यक्ष भगवान बंसल ने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसा फैसला लेती है तो बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ेगा. दिल्ली के अंदर अगर ट्रकों की एंट्री बंद हो गई तो ना तो कोई सामान आएगा और ना ही कोई सामान जाएगा. जिससे सप्लाई चैन प्रभावित होगी.पूरे मामले पर जल्दी ही दिल्ली के कपड़ा व्यापारी मुख्यमंत्री से मिलेंगे. दिल्ली के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कैट के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री राजीव बत्रा ने कहा कि दिल्ली का व्यापारी उम्मीद कर रहा है कि सरकार राजधानी में ट्रकों की एंट्री बैन करने जैसा गलत फैसला ना ले. दिल्ली में प्रदूषण का एकमात्र कारण ट्रक नहीं है ट्रक दिल्ली में होने वाले प्रदूषण का महज 5% हिस्सा है. दिल्ली सरकार ऐसा फैसला लेती है तो व्यापारी सड़क पर उतरेंगे.