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मोबाइल और चार्जर के पुर्जो पर आयात शुल्क बढ़ाने से नाराज व्यापारी, बजट 2021-22 से नाखुश

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Published : Feb 2, 2021, 9:45 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021-22 के लिए आम बजट पेश किया. इस दौरान आम बजट से व्यापारियों को उम्मीद थी कि नए वित्त वर्ष में आने वाले बजट में व्यापारियों को बड़ी राहत दी जाएंगी. लेकिन व्यापारियों के मुताबिक यह बजट राहत भरा नहीं आया है.

Traders angry at increasing import duty on mobile and charger parts
मोबाइल और चार्जर

नई दिल्ली: कोरोना काल में आए आम बजट 2021-22 से व्यापारियों को खासा उम्मीदें थीं, लेकिन व्यापारियों के मुताबिक यह बजट राहत भरा नहीं आया है. ऑल दिल्ली कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बजट में व्यापारियों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी कोरोना में व्यापारियों को आई परेशानियों को लेकर राहत की मांग की गई थी और हमें उम्मीद थी कि नए वित्त वर्ष में आने वाले बजट में व्यापारियों को बड़ी राहत दी जाएंगी.

मोबाइल और चार्जर के पुर्जो पर आयात शुल्क बढ़ाने से नाराज व्यापारी

आयकर को लेकर नहीं किया गया कोई ऐलान

नेहरू प्लेस मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी और आयकर में छूट की भी मांग व्यापारियों की तरफ से की गई थी क्योंकि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ था जिसके चलते व्यापारी पूरे साल परेशान रहा है

मोबाइल फोन और चार्जर के पदों पर आयात शुल्क बढ़ाया

महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने मोबाइल फोन और चार्जर के पुर्जो पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. जिसके बाद मोबाइल फोन और चार्जर की कीमतों में इजाफा हो सकता है, ऐसे में जो लोग कोरोना में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा मोबाइल फोन , लैपटॉप आदि का इस्तेमाल हो रहा है ऐसे में मोबाइल फोन और चार्जर पर आयात शुल्क बढ़ाने से आम लोगों की जेब पर भी बुरा असर पड़ेगा.

मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार बनाएं नियम

महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा, घरेलू उद्योग को आगे लेकर जाएंगे लेकिन इसके लिए व्यापारियों की तरफ से लगातार यह मांग की गई है कि सरकार व्यापारियों को भारत में इंडस्ट्री डालने के लिए एक विंडो पर ही एनओसी देने का प्रावधान करें.

ये भी पढ़ें:-बजट 2021-22 : आईटी और बैंकिंग में कैसा रहेगा प्रभाव, ईटीवी भारत ने जानी पेशेवरों की राय

जिससे कि कागजी कार्रवाई और अलग-अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की बजाय व्यापारी एक ही जगह से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' लेकर भारत में ही इंडस्ट्री बना सके. जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले लेकिन सरकार विदेशों से आयात का शुल्क बढ़ा रही है, जिससे व्यापार को भी नुकसान होगा लेकिन मेक इन इंडिया के लिए देश में इंडस्ट्री के लिए कोई खास बड़े ऐलान नहीं किए हैं.

नई दिल्ली: कोरोना काल में आए आम बजट 2021-22 से व्यापारियों को खासा उम्मीदें थीं, लेकिन व्यापारियों के मुताबिक यह बजट राहत भरा नहीं आया है. ऑल दिल्ली कंप्यूटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बजट में व्यापारियों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी कोरोना में व्यापारियों को आई परेशानियों को लेकर राहत की मांग की गई थी और हमें उम्मीद थी कि नए वित्त वर्ष में आने वाले बजट में व्यापारियों को बड़ी राहत दी जाएंगी.

मोबाइल और चार्जर के पुर्जो पर आयात शुल्क बढ़ाने से नाराज व्यापारी

आयकर को लेकर नहीं किया गया कोई ऐलान

नेहरू प्लेस मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी और आयकर में छूट की भी मांग व्यापारियों की तरफ से की गई थी क्योंकि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ था जिसके चलते व्यापारी पूरे साल परेशान रहा है

मोबाइल फोन और चार्जर के पदों पर आयात शुल्क बढ़ाया

महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने मोबाइल फोन और चार्जर के पुर्जो पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. जिसके बाद मोबाइल फोन और चार्जर की कीमतों में इजाफा हो सकता है, ऐसे में जो लोग कोरोना में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, वर्क फ्रॉम होम चल रहा है, जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा मोबाइल फोन , लैपटॉप आदि का इस्तेमाल हो रहा है ऐसे में मोबाइल फोन और चार्जर पर आयात शुल्क बढ़ाने से आम लोगों की जेब पर भी बुरा असर पड़ेगा.

मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार बनाएं नियम

महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा, घरेलू उद्योग को आगे लेकर जाएंगे लेकिन इसके लिए व्यापारियों की तरफ से लगातार यह मांग की गई है कि सरकार व्यापारियों को भारत में इंडस्ट्री डालने के लिए एक विंडो पर ही एनओसी देने का प्रावधान करें.

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जिससे कि कागजी कार्रवाई और अलग-अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की बजाय व्यापारी एक ही जगह से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' लेकर भारत में ही इंडस्ट्री बना सके. जिससे मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले लेकिन सरकार विदेशों से आयात का शुल्क बढ़ा रही है, जिससे व्यापार को भी नुकसान होगा लेकिन मेक इन इंडिया के लिए देश में इंडस्ट्री के लिए कोई खास बड़े ऐलान नहीं किए हैं.

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