नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने ये आदेश जारी किया. दिल्ली पुलिस ने पांच दिन की और रिमांड मांगी थी.
निकिता और शांतनु पर दोष मढ़ा
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिशा ने इस मामले में दो और आरोपियों निकिता और शांतनु पर दोष मढ़ा है. दिशा का उनसे आमना-सामना कराकर पूछताछ जरूरी है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि टूलकिट पर हाइपर लिंक दिए गए हैं, जिन पर क्लिक करते ही आपको खतरनाक कंटेट मिलता है. 11 जनवरी को जूम पर एक मीटिंग होती है. इसमें धालीवाल, अनिता लाल, शान्तनु और निकिता शामिल हुए. बाकी लोगों का हम पता लगा रहे हैं.
पुलिस हिरासत का किया विरोध
दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि न्यायिक हिरासत में रहते हुए भी दिशा का बाकी लोगों से आमना-सामना कराया जा सकता है. आपने बाकी लोगों को पूछताछ के लिए पहले क्यों नहीं बुलाया. क्या दिशा की गिरफ्तारी के बाद जांच शुरू हुई. पांच दिन में तो एक बार भी दिशा को बंगलुरु नहीं लेकर गए. अब फिर से रिमाांड चाहिए.
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खत्म हो रही थी न्यायिक हिरासत
पिछले 19 फरवरी को कोर्ट ने दिशा रवि को सोमवार तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था. आज दिशा रवि की न्यायिक हिरासत हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने पिछले 14 फरवरी को दिशा रवि को आज तक की पुलिस हिरासत में भेजा था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिशा रवि को बंगलुरु से गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि ने किसान आंदोलन से जुड़े उस डॉक्युमेंट को शेयर किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था. दिशा पर टूलकिट नाम के उस डॉक्युमेंट को एडिट करके उसमें कुछ चीज़ें जोड़ने और उसे आगे फॉरवर्ड करने का आरोप है.
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4 फरवरी को FIR की थी दर्ज
यह टूलकिट तब चर्चा में आया था, जब इसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर साझा किया. उसके बाद पुलिस ने पिछले 4 फरवरी को FIR दर्ज की थी. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 120ए और 153ए के तहत बदनाम करने, आपराधिक साजिश रचने और नफरत को बढ़ावा देने के आरोपों में FIR दर्ज की है.