नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के पास दो वोटर कार्ड होने के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें 18 नवंबर को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने समन जारी करते हुए कहा कि यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 का उल्लंघन है. बता दें कि सुनीता केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रही हैं.
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भाजपा नेता हरीश खुराना ने कोर्ट ने एक दायर की थी. याचिका में खुराना ने कोर्ट में केजरीवाल की पत्नी के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट तथा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में नाम होने तथा दोनों विधानसभा क्षेत्रों के वोटर कार्ड होने संबंधी दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं. दस्तावेजों में वोटर लिस्ट की पेज संख्या और सीरियल नंबर की भी जानकारी दी है.
भाजपा दिल्ली के प्रदेश मंत्री हरीश खुराना ने बताया कि उन्होंने करीब चार साल पहले यह केस दर्ज कराया था, जिसमें अब समान जारी हुआ है. शिकायतकर्ता खुराना की वकील रत्ना अग्रवाल और चैतन्य ने कोर्ट में कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 के तहत कोई भी व्यक्ति दो मतदाता सूची में अपना पंजीकरण नहीं करा सकता है.
मतदाता सूची तैयार होते समय उसे यह जानकारी देनी होती है कि उसने अपना नाम दूसरी जगह की मतदाता सूची में दर्ज करा लिया है. इसलिए अन्य मतदाता सूची से उसका नाम हटा दिया जाए. ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर एक साल की सजा और जुर्माना दोनों का दंड देने का प्रावधान है.
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