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रामलीला मैदान से तीर्थ बचाओ, धर्म बचाओ जन आंदोलन शुरू, देशभर से पहुंचे जैन समाज के लोग - देश भर से हज़ारों की संख्या में पहुंचे जैन समाज

Tirth Bachao Dharam Bachao Jan Aandolan: रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में विश्व जैन संगठन द्वारा देशव्यापी जैन तीर्थ बचाओ, धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत की गई. इस मौके पर जैन समाज ने गिरनार पर्वत और गुजरात में भगवान नेमीनाथ के दर्शन करने के अधिकार की मांग की. आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 17, 2023, 7:30 PM IST

तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरूआत

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को विश्व जैन संगठन द्वारा देशव्यापी जैन तीर्थ बचाओ, धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत की गई. विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया. Fसमें देश भर के जैन समुदाय हजारों लोग रामलीला मैदान पहुंचे.

इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में इस आंदोलन में देशभर के जैन समाज के लोग हिस्सा ले रहे हैं. जैन समाज को गिरनार पर्वत, गुजरात में भगवान नेमीनाथ के दर्शन करने का अधिकार दिया जाए. हम अपने जैन तीर्थ बचाव धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत रामलीला मैदान से कर रहे हैं.

इस मैदान में हजारों की संख्या में देश भर के अलग-अलग राज्यों से जैन समुदाय के लोग आए हैं. और हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि हमें हमारा तीर्थ स्थल दिया जाए. राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सैया बताया कि आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.

ये भी पढ़ें : बांसुरी स्वराज का दिल्ली सरकार पर आरोप, स्कूलों के खेल मानक में सुधार के लिए 9 वर्षों में नहीं किया काम

हमारी मुख्य मांग है कि 22 में जैन तीर्थंकर नेमीनाथन भगवान ने गुजरात के जूनागढ़ में सबसे पवित्र गिरनार जी पर्वतराज की पांचवीं टौंक से मोक्ष प्राप्त किया था. श्रीकृष्ण भगवान के पुत्र प्रद्युम्न कुमार ने गिरनार पहाड़ी की चौथी टौंक पर श्री शंभु कुमार ने गिरनार पहाड़ी तीसरी टौंक और अनिरुद्ध कुमार पुत्र भगवान श्रीकृष्णा गिरनार पहाड़ी की दूसरी टौंक से मुक्ति प्राप्त किया था.

सामाजिक तत्वों ने साल 2004 में मोक्ष स्थल के अंदर अवैध निर्माण करके श्री दत्तात्रेय मूर्ति स्थापित कर उक्त संरक्षित स्मारक के चरित्र को बदल दिया है. हम लोग पिछले 19 वर्षों से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. 2005 में गुजरात हाईकोर्ट का भी आदेश आया था. किसी भी धर्म को मानने वाला कोई भी व्यक्ति हो वहां उसे सुरक्षित दर्शन करने दिया जाए, लेकिन उसके बावजूद वहां का पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है.

जैन समाज के लोगों से वहां पर मारपीट की जाती है. भेदभाव किया जाता है. इन्हीं सब मांग को लेकर हम दिल्ली के रामलीला मैदान पर आए हैं और हम देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हमारी इस समस्या का समाधान किया जाए. हमारा समुदाय हिंसा नहीं चाहता हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन चाहते हैं और हम चाहते हैं कि यह शांति पूर्ण तरीके से इस समस्या का समाधान किया जाए.

ये भी पढ़ें: भोजपुरी को आठवीं सूची में शामिल कराने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन

तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरूआत

नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को विश्व जैन संगठन द्वारा देशव्यापी जैन तीर्थ बचाओ, धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत की गई. विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया. Fसमें देश भर के जैन समुदाय हजारों लोग रामलीला मैदान पहुंचे.

इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में इस आंदोलन में देशभर के जैन समाज के लोग हिस्सा ले रहे हैं. जैन समाज को गिरनार पर्वत, गुजरात में भगवान नेमीनाथ के दर्शन करने का अधिकार दिया जाए. हम अपने जैन तीर्थ बचाव धर्म बचाओ जन आंदोलन की शुरुआत रामलीला मैदान से कर रहे हैं.

इस मैदान में हजारों की संख्या में देश भर के अलग-अलग राज्यों से जैन समुदाय के लोग आए हैं. और हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि हमें हमारा तीर्थ स्थल दिया जाए. राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सैया बताया कि आंदोलन के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे.

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हमारी मुख्य मांग है कि 22 में जैन तीर्थंकर नेमीनाथन भगवान ने गुजरात के जूनागढ़ में सबसे पवित्र गिरनार जी पर्वतराज की पांचवीं टौंक से मोक्ष प्राप्त किया था. श्रीकृष्ण भगवान के पुत्र प्रद्युम्न कुमार ने गिरनार पहाड़ी की चौथी टौंक पर श्री शंभु कुमार ने गिरनार पहाड़ी तीसरी टौंक और अनिरुद्ध कुमार पुत्र भगवान श्रीकृष्णा गिरनार पहाड़ी की दूसरी टौंक से मुक्ति प्राप्त किया था.

सामाजिक तत्वों ने साल 2004 में मोक्ष स्थल के अंदर अवैध निर्माण करके श्री दत्तात्रेय मूर्ति स्थापित कर उक्त संरक्षित स्मारक के चरित्र को बदल दिया है. हम लोग पिछले 19 वर्षों से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. 2005 में गुजरात हाईकोर्ट का भी आदेश आया था. किसी भी धर्म को मानने वाला कोई भी व्यक्ति हो वहां उसे सुरक्षित दर्शन करने दिया जाए, लेकिन उसके बावजूद वहां का पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है.

जैन समाज के लोगों से वहां पर मारपीट की जाती है. भेदभाव किया जाता है. इन्हीं सब मांग को लेकर हम दिल्ली के रामलीला मैदान पर आए हैं और हम देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द हमारी इस समस्या का समाधान किया जाए. हमारा समुदाय हिंसा नहीं चाहता हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन चाहते हैं और हम चाहते हैं कि यह शांति पूर्ण तरीके से इस समस्या का समाधान किया जाए.

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