नई दिल्ली: हरियाणा में इस बार पराली जलाने के 277 मामले सामने आए हैं. आम आदमी पार्टी ने इसे बीते वर्ष के मुकाबले तीन गुना ज्यादा बताते हुए खट्टर सरकार को घेरा है. आप (AAP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और हरियाणा प्रदेश के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार पराली जलाने के मामलों को रोकने में पूरी तरह फेल है.
प्रदूषण बढ़ने पर किसानों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर जुर्माना लगा दिया जाता है और एफआईआर करा दी जाती है. हरियाणा में परली का गट्ठर बनाने वाली बेलर मशीनें खरीदने में भी घोटाले का आरोप लगाया है.
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि, "दिल्ली में पढ़ी-लिखी सरकार है, जो जनता की समस्याओं पर काम कर रही है. दिल्ली सरकार ट्री प्लांटेशन पालिसी को लेकर 43 लाख पौधे लगा चुकी है, 53 लाख और लगाए जाएंगे. दिल्ली में इवीवी पॉलिसी लाई गई जिसके तहत 16.8 प्राइवेट इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं. यह देश में सबसे ज्यादा नंबर है. ऐसा ही हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक फील्ड की तरह मूव कर रहे हैं. हमारे लगातार प्रयासों की वजह से हमें हमारी टीवी पॉलिसी के लिए स्टेट लीडरशिप अवार्ड मिला है."
प्रियंका ने कहा रविवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुराड़ी में देश का सबसे ज्यादा कैपेसिटी वाला कंस्ट्रक्शन बेस्ड प्लांट उद्घाटन किया और यहां मलबा रिसाइकिल किया जाएगा. यह अरविंद केजरीवाल के अथक प्रयासों का नतीजा है, जो युद्ध प्रदूषण के खिलाफ चला है. हाल ही में एक रिपोर्ट पार्लियामेंट में पेश की गई थी इकोनामिक सर्वे 2022-2023 जिसमें बताया गया की 2016 से लेकर 2021 तक पीएम 2.5 में 22 और पीएम 10 में 27 प्रतिशत तक कमी आई है. 2023 में यह सुधार करीब 31 प्रतिशत तक हो चुका है.
विश्व के टॉप 50 प्रदूषित शहरों में दिल्ली नहीं : इसी वर्ष मिनिस्ट्री आफ फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि बीते 8 वर्षों में जिसमें कोविड पीरियड इंक्लूड नहीं किया गया है. दिल्ली की हवा 2023 में सबसे क्लीन रही बेस्ट एयर क्वालिटी रही. विश्व के टॉप 100 प्रदूषित शहरों को देखें तो आज का एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुरूप तीसरे नंबर पर मेरठ है. आठवें नंबर पर वलसाड, 13वें नंबर पर अलवर है. 14वें नंबर पर हापुड़, 19वें नंबर पर सोनीपत, 23वें नंबर पर करनाल और 24वें नंबर पर सूरत है. टॉप 50 में दिल्ली नहीं है. यह अच्छी बात है.
केंद्र सरकार पर मिलकर काम न करने का आरोप : केंद्र में ऐसी सरकार है जो मन की बात कह कर चली जाती है, लेकिन ज्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करने को तैयार नहीं होती. हर साल अक्टूबर नवंबर में दिल्ली को परली का प्रदूषण झेलना पड़ता है. पंजाब में जनता ने हमारी सरकार को सेवा करने का मौका दिया तो सबसे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने परली की समस्या का समाधान निकालना शुरू किया जिसका नतीजा यह रहा की पराली प्रदूषण हम हुआ है.
पंजाब में 50% पराली जलाने के मामले कम करने का लक्ष्य : हमने गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक रिपोर्ट्स आप है जिसमें 50% प्रणाली के प्रदूषण को पंजाब में काम करने को कहा है. पंजाब के होशियारपुर, मलेरकोटला, पठानकोट रूपनगर मोहाली और एसबीएस नगर में पराली जलाने के मामलों को बिल्कुल शून्य करेंगे.
पंजाब में भगवंत मान सरकार ने जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं जिसमें 4000 वॉलिंटियर्स बनाए गए हैं जो किसानों को बताया कि पराली का क्या-क्या किया जा सकता है, सरकार की तरफ से क्या-क्या मशीनरी और दवाएं दी जा रही हैं. जिन जिलों में मशीनरी की जरूरत है वहां पर मशीनरी भेजी गई. 1.7 लाख पराली को नष्ट करने की मशीनें पहले से थीं उन्हें जरूरत के अनुसार उचित स्थान पर भेजा. 24 हजार मशीनें हमने प्रोक्योर कर ली हैं जिसके लिए एप्लीकेशन आ चुकी हैं और बाटी जा रही हैं. इसके लिए हमने करीब 80 प्रतिशत सब्सिडी दी है.
ज्यादा पानी की जरूरत वाले धान की खेती पर बना उषा 44 क्वालिटी के राइस को भगवंत मान सरकार ने बैन कर दिया है. क्योंकि लंबे समय में फसल तैयार होती और यह ज्यादा पानी की खपत होती थी. इसके साथ ही हमने खेत की पराली को 50 बॉयलर यूनिट इंडस्ट्री को देना शुरू किया. टेक्सटाइल फैक्ट्री, ईंट के भट्टे पर 20 % पराली को खरीदना मेंडेटरी कर दिया गया है.
एचपीसीएल, डेयरी आदि से अनुबंध किया गया है जो पराली को खरीदेंगे. राजस्थान और गुजरात से भी बात हो रही कि वह पराली को चारे में प्रयोग करने के लिए पराली ले लें. मॉनिटरिंग की जाती है फायर टेंडर भेज कर परली की आपको बुझाया जाता है. हरियाणा में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 3 गुना ज्यादा पराली अभी जलाई गई है. हरियाणा में खट्टर सरकार के पास कोई सॉल्यूशन नहीं है कि वह दिल्ली पंजाब और हरियाणा के लोगों को साफ हवा दे सकें. उनको तुरंत रिजाइन दे देना चाहिए.
हरियाणा में किसानों पर लगता है जुर्माना और होती है एफआईआर: आम आदमी पार्टी के हरियाणा स्टेट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा हर बार वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाता है. पराली जलाने के कारण यह होता है मैं हरियाणा के बारे में बताना चाहता हूं कि पराली जलाने की जो योजना बनाई गई वह ग्राउंड पर लागू नहीं हो रही है.
इस बार तीन गुना फायर एक्सीडेंट बढ़ चुके हैं, इस बार 277 फायर इंसीडेंट इस बार सेटेलाइट से देखे जा चुके हैं क्या हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली के लोगों को इस प्रदूषण की आग में झोंकना चाहती है किसान इस मामले में एक्यूज्ड नहीं हो सकता क्योंकि उन्हें जानकारी नहीं है. मशीन नहीं उपलब्ध कराई गई. पहले से किसान बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं. अब उन पर लाखों रुपए के फाइन किया जा रहे हैं मुकदमे दर्ज किया जा रहे हैं.
हरियाणा में मशीनों के नाम पर हो रहा घोटाला: सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि बेलर मशीन जिनके जरिए परली के गठ्ठर बनाए जाते हैं और बायो डीकंपोजर उपलब्ध कराए जाने चाहिए थे. बेलदार मशीन के लिए हरियाणा सरकार की ओर से 5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाती है जानकर हैरानी होगी कि 15 सौ करोड़ रुपये की सब्सिडी जा रही है लेकिन जब ग्राउंड पर जाकर इसको चेक किया गया तो 50 प्रतिशत घोटाला मिला, ग्राउंड पर मशीनें नहीं हैं. इसका मतलब यह है कि सब्सिडी सिर्फ कागजों में ही दी जा रही है.
80 हजार मशीन होने का हरियाणा सरकार दावत करती है लेकिन 2 मशीनें मशीन भी इस वक्त ग्राउंड पर नहीं है. जिससे परली जमाने की समस्या का समाधान नहीं हो सकता. बायो डी कंपोजर हरियाणा में किसानों को नहीं मिला. एक भी पैकेट बायोड कंपोजर नहीं मिला है. बायोडिकंपोजर का घोल बनाकर करीब 7 से 10 दिन तक रखना होता है इसके बाद छिड़काव करना होता है यदि समय पर बायो डीकंपोजर नहीं पहुंचा तो परली को जलाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा. मैं खट्टर साहब से पूछना चाहता हूं कि यदि लोग प्रदूषण से घट रहे हो तो आपको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का अधिकार है.
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