नई दिल्ली: एंटी करप्शन ब्यूरो ने दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये के गबन के मामले में ऑरम ई-पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों में राजेंद्रन नायर उर्फ राजू नायर, गोपी कुमार केडिया और डॉक्टर अभिलाष पिल्लई शामिल हैं. राजू नायर ऑरम-ई-पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक है. वहीं डॉ. अभिलाष पिल्लई फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशन के निदेशक हैं.
दिल्ली एंटी करप्शन ब्रांच के प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि विजिलेंस जांच में दिल्ली जल बोर्ड में 20 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. इस जांच में दिल्ली जल बोर्ड के फंड में 20 करोड़ रुपये की घपलेबाजी का खुलासा हुआ है. यह भी पता चला है कि कॉरपोरेशन बैंक की मिलीभगत से कुछ प्राइवेट लोगों ने इस भ्रष्टाचार के खेल को अंजाम दिया है. विजिलेंस की जांच में खुलासा हुआ है कि, दिल्ली जल बोर्ड ने ऑटोमोटिव बिल पेमेंट कलेक्शन मशीन लगाने का काम कॉरपोरेशन बैंक को दिया था, ताकि जल बोर्ड के ग्राहकों को बिल पेमेंट करने में सुविधा हो. कॉरपोरेशन बैंक ने आगे यह कॉन्ट्रैक्ट फ्रेश पे आईटी सॉल्यूशन को दिया. इसके बाद उसने यह काम ऑरम ई-पेमेंट को दे दिया.
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यह कॉन्ट्रैक्ट 10 अक्टूबर, 2019 तक का था, लेकिन कंपनी 6 महीने बाद तक लोगों से पैसे वसूलती रही. एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने लोगों को सहूलियत के लिए पानी के बिल नकद और चेक से भुगतान करने के लिए इस कंपनी को ठेका दिया था. कंपनी ने इसके लिए दिल्ली में जगह-जगह कैश कलेक्शन मशीन स्थापित की थी. कंपनी पर आरोप है कि उसने कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के 6 माह बाद तक लोगों से रुपए इकट्ठे किए और इस तरह करीब 20 करोड़ रुपये लोगों से लिए गए, लेकिन इस रकम को दिल्ली जल बोर्ड के खाते में स्थानांतरित नहीं किया गया था. फिलहाल एसीबी ने अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही इसमें बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आई है.
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