नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2017 में दिल्ली विधानसभा परिसर में एक महिला के साथ बदसलूकी और हाथापाई करने के मामले में आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को बरी करने का आदेश दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने विधायकों जरनैल सिंह, अमानतुल्लाह खान और सोमनाथ भारती को बरी करने का आदेश दिया.
मामला 28 जून 2017 का है. एक महिला ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी कि उसे तीनों विधायकों ने विधानसभा परिसर में गाली-गलौज करते हुए धक्का दिया. उसे घसीटते हुए एक कमरे में बंद कर दिया गया. महिला की शिकायत पर सिविल लाइंस पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
विधानसभा की कार्यवाही देखने गई थी महिला
महिला के मुताबिक वो 28 जून 2017 को दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही देखने गई थी, लेकिन उसे विजिटर्स गैलरी का पास नहीं मिल सका. करीब पौने तीन बजे जब वो विधानसभा के बाहर खड़ी थी, तो जरनैल सिंह अपने कुछ लोगों के साथ उसकी ओर दौड़े और उसे धक्का दे दिया. बाद में उसे एक कमरे में ले जाया गया, जहां पहले से दो लोग मौजूद थे. जरनैल सिंह ने अपने लोगों से कहा था कि ये वही महिला है जिसने आप नेता संजय सिंह पर थप्पड़ चलाया था. उसे कमरे में धक्का देकर बंद कर दिया गया.
महिला के मुताबिक जरनैल सिंह के साथ अमानतुल्लाह खान भी मौजूद थे. महिला ने दोनों विधायकों पर छेड़खानी करने का आरोप लगाया. इस बीच वहां विधायक सोमनाथ भारती भी आ गए और उन्होंने गाली-गलौज किया और उसे धक्का देते हुए एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया.
महिला के बयानों में विरोधाभास
कोर्ट ने कहा कि महिला ने एफआईआर से समय टाईप कराकर पुलिस से शिकायत की थी. महिला ने कोर्ट में जो बयान दर्ज कराया उसमें और एफआईआर के बयान में विरोधाभास है. टाईप की हुई शिकायत में अमानतुल्लाह खान पर छाती पर मारने का आरोप है, जबकि मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में महिला ने अमानतुल्लाह खान और जरनैल सिंह पर उसे इज्जत लूटने की नीयत से छाती पर हमला करने का आरोप लगाया था.
टाइप किए हुए शिकायत में महिला ने कहा है कि उसे कमरे में एक घंटे बंद दिया गया था, जबकि कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में कहा था कि उसे दो घंटे कमरे में बंद कर रखा गया था. घटना के दिन जब जांच अधिकारी अस्पताल पहुंचा तो महिला ने बयान देने से इनकार कर दिया. ये तब था जबकि एमएलसी रिपोर्ट में कहा गया था कि शिकायतकर्ता अपना बयान देने के लिए फिट थी. कोर्ट ने पाया कि महिला तीनों आरोपियों को पहचानती थी, उसके बावजूद उसने एमएलसी में किसी का नाम नहीं लिया.