नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने कहा है कि कल दिल्ली में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, परमजीत सिंह सरना और मनजीत सिंह जीके ने अपने निजी फायदे के लिए समझौता कर लिया है. 25 साल तक एक-दूसरे का अपमान करने वाले लोग कौम को गुमराह करने के लिए एकजुट हो गए हैं.
आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरदार कालका और सरदार काहलों ने तीनों नेताओं द्वारा एक-दूसरे को बुरा-भला कहने के वीडियो दिखाते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने गोलक चोरी के आरोपों में मंजीत सिंह जीके को पार्टी से निकाला था. दावा किया था कि उन्होंने गुरुद्वारा बंगला साहिब की गोलक से 10 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया.
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इसी प्रकार मनजीत सिंह जीके ने सुखबीर सिंह बादल व अकाली दल पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के निरादर करने व 328 स्वरूप गायब करने के आरोप लगाए थे. अब इनमें आपस में समझौता हो गया है कि एक-दूसरे को गोलक चोर नहीं कहेंगे. श्री गुरु ग्रंथ साहिब के निरादर व 328 स्वरूपों के चोरी होने का हिसाब नहीं मांगेंगे.
इसी प्रकार परमजीत सिंह सरना ने अकाली दल व बादल परिवार पर पंजाब को बर्बाद करने, युवाओं को नशे में झोंकने, पंथ और कौम का निरादर करने तथा अकाली दल को कमज़ोर करने के आरोप लगाए थे. पर अब सुखबीर सिंह बादल व सरना के बीच समझौता हो गया है कि बीती बातों पर ध्यान न देते हुए अगला लक्ष्य सरना को दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी पर काबिज़ करना है.
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सरदार कालका और सरदार काहलों ने कहा कि दिल्ली की संगत बहुत सुलझी हुई और समझदार है, जिसने पहले 2021 के चुनावों में इन पार्टियों को निर्णायक हार दी थी. जहां सरना बंधुओं को संगत ने तीसरी बार नकार दिया. वहीं मंजीत सिंह जीके व उनकी जागो पार्टी को संगत ने बुरी तरह नकार दिया. आज ये लोग देश को गुमराह करने के लिए एकजुट हुए हैं और दिल्ली में फिर से पैर जमाना चाहते हैं, लेकिन उनकी ये कोशिश कभी सफल नहीं होगी. पंथक एकता के दावे पर सवाल उठाते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि पंथक वह हैं जिन्हें संगत ने सेवा सौंपी है और आज वह दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के माध्यम से संगत की सेवा कर रहे हैं.
जिस तरह से सुखबीर सिंह बादल ने माफी मांगी है और अपनी माफी को सही ठहराया है, वह बहुत गलत है. श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगने की एक स्थापित प्रक्रिया है. महाराजा रणजीत सिंह, पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह और सरदार सुरजीत सिंह बरनाला ने भी अकाल तख्त साहिब पर उपस्थित होकर माफी मांगी थी और उन्हें तनख्वाह भी लगाई गई थी.
मगर सुखबीर सिंह बादल ने स्वयं ही जज बन कर अपनी माफी को सही ठहराया जो कि श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को छोटा करने वाली बात है. दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता की रक्षा करती रही है और करती रहेगी. इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.
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