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'जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता, यह EVM द्वारा चुनी सरकार है' - EVM

बीएसएफ से बर्खास्तगी और पीएम के खिलाफ ताल ठोकने की असफल कोशिश के बाद अब पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव जनता के बीच जाएंगे. ईटीवी भारत ने तेज बहादुर यादव से की खास बातचीत

तेज बहादुर यादव से खास बातचीत etv bharat
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Published : Jul 14, 2019, 8:21 PM IST

नई दिल्ली: बीएसएफ को परोसे जाने वाली दाल में पानी के मुद्दे पर एक वीडियो बनाने के बाद पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव चर्चा में आए थे. उसके बाद के घटना क्रम में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था.

तेज बहादुर यादव से खास बातचीत

उसके बाद वे समाजवादी पार्टी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन कानूनी रूप से उनका नामांकन रद्द हो गया. अब तेज बहादुर ईवीएम के खिलाफ जन जागरूकता करते नजर आ रहे हैं. इसी मुद्दे पर हुए एक विरोध प्रदर्शन में जंतर-मंतर पर ईटीवी भारत ने तेज बहादुर से खास बातचीत की.

'जरूरत पड़ी तो EVM के खिलाफ अनशन'
तेज बहादुर ने कहा कि चुनाव के बाद ही पूरे देश को ईवीएम की सच्चाई का पता चला. सभी राजनैतिक पार्टियों को पता चला कि बीजेपी ईवीएम के आधार पर चुनाव जीती है न कि जनता के वोटों के आधार पर.

तेज बहादुर यादव ने कहा कि देश में अब बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए और ईवीएम से चुनाव बंद होना चाहिए. इसी मांग को लेकर आज जंतर-मंतर पर कई दलों के लोग जुटे हैं.

जिसमें मैं समाजवादी पार्टी की तरफ से शामिल हुआ हूं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर जरूरत पड़ेगी तो ईवीएम के खिलाफ अनशन भी करेंगे.

'जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता'
तेज बहादुर ने कहा, 'मैं यह पूछना चाहता हूं कि एक जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता, चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता. जब हम सीमा पर देश की रक्षा कर सकते हैं तो चुनावी मैदान में क्यों नहीं आ सकते. मैं चाहता हूं कि देश में जितनी भी पार्टी के नेता हैं, उन सभी के खिलाफ एक-एक जवान को चुनाव लड़ना चाहिए.'

'कोर्ट ने जारी किया नोटिस'
बनारस से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर का चुनाव रद्द हो गया था. पूरे प्रकरण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर कानूनी जानकार यह मानते हैं कि कानून के आधार पर मेरा चुनाव रद्द हो सकता है, फिर तो मोदी जी का भी चुनाव रद्द होना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने अपने एफेडेविट में अपने परिवार से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं दी थी. मैं उस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग भी गया और इलाहाबाद हाईकोर्ट भी, जिसके बाद अब कोर्ट ने उस पर नोटिस जारी किया है.

'यह ईवीएम द्वारा चुनी हुई सरकार है'
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ते रहेंगे और आज भी मैं मानता हूं कि यह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार नहीं है, यह ईवीएम द्वारा चुनी हुई सरकार है और इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे.

नई दिल्ली: बीएसएफ को परोसे जाने वाली दाल में पानी के मुद्दे पर एक वीडियो बनाने के बाद पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव चर्चा में आए थे. उसके बाद के घटना क्रम में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था.

तेज बहादुर यादव से खास बातचीत

उसके बाद वे समाजवादी पार्टी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन कानूनी रूप से उनका नामांकन रद्द हो गया. अब तेज बहादुर ईवीएम के खिलाफ जन जागरूकता करते नजर आ रहे हैं. इसी मुद्दे पर हुए एक विरोध प्रदर्शन में जंतर-मंतर पर ईटीवी भारत ने तेज बहादुर से खास बातचीत की.

'जरूरत पड़ी तो EVM के खिलाफ अनशन'
तेज बहादुर ने कहा कि चुनाव के बाद ही पूरे देश को ईवीएम की सच्चाई का पता चला. सभी राजनैतिक पार्टियों को पता चला कि बीजेपी ईवीएम के आधार पर चुनाव जीती है न कि जनता के वोटों के आधार पर.

तेज बहादुर यादव ने कहा कि देश में अब बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए और ईवीएम से चुनाव बंद होना चाहिए. इसी मांग को लेकर आज जंतर-मंतर पर कई दलों के लोग जुटे हैं.

जिसमें मैं समाजवादी पार्टी की तरफ से शामिल हुआ हूं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर जरूरत पड़ेगी तो ईवीएम के खिलाफ अनशन भी करेंगे.

'जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता'
तेज बहादुर ने कहा, 'मैं यह पूछना चाहता हूं कि एक जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता, चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता. जब हम सीमा पर देश की रक्षा कर सकते हैं तो चुनावी मैदान में क्यों नहीं आ सकते. मैं चाहता हूं कि देश में जितनी भी पार्टी के नेता हैं, उन सभी के खिलाफ एक-एक जवान को चुनाव लड़ना चाहिए.'

'कोर्ट ने जारी किया नोटिस'
बनारस से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर का चुनाव रद्द हो गया था. पूरे प्रकरण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर कानूनी जानकार यह मानते हैं कि कानून के आधार पर मेरा चुनाव रद्द हो सकता है, फिर तो मोदी जी का भी चुनाव रद्द होना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने अपने एफेडेविट में अपने परिवार से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं दी थी. मैं उस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग भी गया और इलाहाबाद हाईकोर्ट भी, जिसके बाद अब कोर्ट ने उस पर नोटिस जारी किया है.

'यह ईवीएम द्वारा चुनी हुई सरकार है'
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ते रहेंगे और आज भी मैं मानता हूं कि यह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार नहीं है, यह ईवीएम द्वारा चुनी हुई सरकार है और इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे.

Intro:बीएसएफ को परोसे जाने वाले दाल में पानी के मुद्दे पर एक वीडियो बनाने के बाद सबसे पहले तेज बहादुर यादव चर्चा में आए थे. उसके बाद के घटना क्रम में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया. उसके बाद वे समाजवादी पार्टी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन कानूनी रूप से उनका नामांकन रद्द हो गया. अब तेज बहादुर ईवीएम के खिलाफ जन जागरूकता करते नजर आ रहे हैं. इसी मुद्दे पर हुए एक विरोध प्रदर्शन में जंतर-मंतर पर ईटीवी भारत ने तेज बहादुर से खास बातचीत की.


Body:नई दिल्ली: इस सवाल पर कि चुनाव परिणाम के इतने दिनों बाद अब ईवीएम के विरोध का क्या मतलब? इसपर तेज बहादुर ने कहा कि चुनाव के बाद ही पूरे देश को ईवीएम की सच्चाई पता चली और सभी पार्टियों को यह पता चला कि भारतीय जनता पार्टी ईवीएम के आधार पर चुनाव जीती है ना कि जनता के वोटों के आधार पर.

तेज बहादुर यादव ने कहा कि देश में अब बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए और ईवीएम पर चुनाव बंद होने चाहिए और इसी मांग को लेकर आज जंतर-मंतर पर कई दलों के लोग जुटे हैं, जिसमें में समाजवादी पार्टी की तरफ से शामिल हुआ हूं. इस सवाल पर कि समाजवादी पार्टी के आलाकमान ईवीएम को लेकर चुनाव के बाद से मुखर नहीं रहे हैं, ऐसा क्यों? इसपर तेज बहादुर ने कहा कि अखिलेश यादव जी ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर जरूरत पड़ेगी तो ईवीएम के खिलाफ अनशन भी करेंगे.

तेज बहादुर ने यह भी कहा मैं यह पूछना चाहता हूं कि एक जवान राजनीति में क्यों नहीं आ सकता, चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता, जब हम सीमा पर देश की रक्षा कर सकते हैं तो चुनावी मैदान में क्यों नहीं आ सकते. उन्होंने यह भी कहा कि मैं चाहता हूं कि देश में जितने भी नेता हैं, जितनी भी पार्टी के नेता हैं, उन सभी के खिलाफ एक एक जवान को चुनाव लड़ना चाहिए.

बनारस से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तेज बहादुर का चुनाव रद्द हो गया था. उस पूरे प्रकरण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अगर कानूनी जानकार यह मानते हैं कि कानून के आधार पर मेरा चुनाव रद्द हो सकता है, फिर तो मोदी जी का भी चुनाव रद्द होना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने अपने एफेडेविट में अपने परिवार से जुड़ी पूरी जानकारी नहीं दी थी. मैं उस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग भी गया और इलाहाबाद हाईकोर्ट भी, जिसके बाद अब कोर्ट ने उस पर नोटिस जारी किया है.

इस सवाल पर कि अब आगामी दिनों में तेज बहादुर यादव क्या करेंगे? इस पर उनका जवाब था कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई लड़ते रहेंगे और आज भी मैं मानता हूं कि यह जनता द्वारा चुनी हुई सरकार नहीं है, यह ईवीएम द्वारा चुनी हुई सरकार है और इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे.


Conclusion:गौरतलब है कि चुनाव परिणाम के बाद कुछ नेताओं ने इसे लेकर आवाज उठाई थी कि ऐसा परिणाम ईवीएम में गड़बड़ी के कारण हुआ है. अब तेज बहादुर भी इसमें सक्रिय रूप से मुखर हो रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि अब नेता बन चुका यह पूर्व सैनिक अपनी आवाज किस हद तक जनता तक पहुंचा पाता है.

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