नई दिल्ली: राजधानी में जंगपुरा के भोगल मार्केट स्थित उमराव सिंह ज्वेलर्स में हाल ही में करोड़ों की चोरी का मामला सामने आया. पुलिस मामले की जांच तो कर रही है, लेकिन आरोपियों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. इस बीच मार्केट के बारे में कई बातें निकलकर सामने आई है, जिसमें सबसे बड़ी बात है कि यहां करीब 80 दुकानें होने पर भी कोई मार्केट एसोसिएशन ही नहीं है. इसके चलते मार्केट की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी पुलिस पर ही है.
इस कारण नहीं बना मार्केट एसोसिएशन: यहां एक ज्वेलरी शॉप के वरिष्ठ स्टाफ ने बताया कि मजबूत एसोसिएशन बनाने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन आपसी मतभेद के कारण ऐसा नहीं हो पाया. अगर एक मजबूत मार्केट एसोसिएशन होता तो पुलिस के साथ ही एसोसिएशन के निजी सीसीटीवी कैमरे और गार्ड भी होते. इससे चोरी होने की आशंका भी कम होती और यदि होती भी तो बदमाशों को ट्रेस करना आसान होता. उन्होंने कहा कि यहां के दुकानदार कभी भी एकमत नहीं हो पाए, जिसका खामियाजा अब उन्हें ही भुगतना पड़ रहा है.
शक के घेरे में दुकान के स्टाफ: पिछले साल यहां अंजलि ज्वेलर्स नामक शॉप में चोरी की घटना सामने आई थी. घटना में शॉप का एक स्टाफ ही वारदात का मास्टरमाइंड निकला था. वहीं ऐसी अन्य वारदातों में कई बार स्टाफ ही शामिल पाए गए हैं, जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ज्वेलरी शॉप के स्टाफ से भी पूछताछ कर रही है और सभी के मोबाइल नंबर लेकर उनकी कॉल डिटेल्स को खंगाल जा रहा है. उमराव सिंह ज्वेलर्स के शोरूम में काम करने वाले सभी 12 लोगों का नाम, पता और उनके फिंगर प्रिंट भी लिए गए हैं. एक कर्मचारी ने बताया कि पुलिस ने उससे पूछताछ की है.
दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे नहीं: इस मार्केट की ज्यादातर दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं और न ही दुकानों की सुरक्षा के लिए कोई निजी सुरक्षा कर्मचारी तैनात हैं. हालांकि, लगभग सभी दुकानों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. कहा गया कि अगर उमराव सिंह ज्वेलर्स के शोरूम के बाहर कोई सीसीटीवी कैमरा लगा होता या कोई निजी सुरक्षा कर्मचारी तैनात होता तो आरोपी न तो सीसीटीवी कैमरों व अलार्म की बिजली आपूर्ति को रोक पाते और न ही इतनी बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम दे पाते.
जानकारी का भी आभाव: वहीं, दुकानदानों को इस बात की भी जानकारी नहीं है कि सड़क पर लगे कितने सरकारी कैमरे काम करने रहे हैं और कितने नहीं. जब इस जानकारी के लिए स्थानीय विधायक प्रवीण कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. पुलिस ने बताया कि मामले में जांच के लिए एक दर्जन से अधिक टीमें गठित की गई हैं.
इस मामले की जांच के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई है. सभी टीमें अपने अपने टास्क को पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं. अभी हमें कुछ शुरुआती लीड्स मिली है, जिनके आधार पर छापेमारी की जा रही है. ग्राउंड इंटेलिजेंस और तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है. मोबाइल सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरा की फुटेज खंगाली जा रही है.- राजेश देव, डीसीपी, साउथ ईस्ट दिल्ली
सभी ज्वेलर्स को अपनी दुकानों पर हूटर और सीसीटीवी कैमरे जरूर लगाने चाहिए. उन्हें स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर समय-समय पर इनका मॉक ड्रिल करते रहना चाहिए ताकि लोगों को पता रहे कि यहां पर हूटर और सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इससे चोरों में भी वारदात करते समय पकड़े जाने का डर रहेगा और वारदात नहीं होगी. -आदेश कुमार वर्मा, उप प्रधान, अखिल भारतीय मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज
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