नई दिल्ली: राजधानी में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच एक बार फिर से खींचतान की स्थिति बनती दिख रही है. सोमवार को लोकसभा में NCT एक्ट से जुड़ा एक संशोधित बिल पेश किया गया. इस बिल को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली सरकार की ताकतों को छीनना चाहती है, जबकि जनता आम आदमी पार्टी के साथ है.
दिल्ली का असली मालिक उप राज्यपाल- हरीश खुराना
इसको लेकर बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि हमेशा से ही आम आदमी पार्टी का काम केवल आरोप लगाना है, जबकि कोर्ट में दो बार यह सिद्ध हो चुका है कि दिल्ली के असली मालिक उपराज्यपाल है, लेकिन दिल्ली सरकार इसको लेकर बेवजह के आरोप लगाती आई है. जब उपराज्यपाल द्वारा उनका कोई काम नहीं होता तो वह आरोप लगाती है, जब उपराज्यपाल उनकी किसी फाइल को रोक देते हैं, तो वह बौखला जाते हैं, जबकि यह सब जानते हैं कि दिल्ली का असली मालिक लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं.
बिल की कॉपी को अच्छे से पढ़ लें अरविंद केजरीवाल
हरीश खुराना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को वह फाइल अच्छी तरह से पढ़ लेनी चाहिए, उससे बिल को अच्छे से समझ लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी का झूठ देखा है चाहे वह लोकपाल विधेयक को लेकर हो या फिर अन्य दावों को लेकर. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा को लेकर अब तक 76 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी यह बताए कि यह पैसे कहां खर्च किए गए हैं, दिल्ली में कितने नए कॉलेज और स्कूल बने गए हैं, कितनी बिल्डिंग बनाई गई हैं.
संसद में पेश किया गया है संशोधित बिल
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में एक बिल पेश किया गया है, जिसके तहत दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ अतिरिक्त शक्तियां मिल सकती हैं, जिसके बाद दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल से कुछ मामलों में मंजूरी लेनी होगी और संशोधित बिल के मुताबिक, दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर एलजी से 15 दिन पहले और प्रशासनिक मामलों पर करीब 7 दिन पहले मंजूरी लेनी होगी, जिसको लेकर दिल्ली सरकार आपत्ति जता रही है.