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Parents Teachers Meeting: 30 अप्रैल को मेगा पीटीएम का आयोजन, शिक्षक ही कर रहे विरोध, जानें वजह

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल को मेगा पीटीएम आयोजित किए जाएंगे. इस पीटीएम का अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक ही विरोध कर रहे हैं. दरअसल, 30 अप्रैल को रविवार है और रविवार को दिन इन शिक्षकों को ड्यूटी पर आना पड़ेगा, जिसको लेकर ये विरोध कर रहे हैं.

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Published : Apr 27, 2023, 2:25 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के 1045 सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल को इस सत्र का पहला मेगा पीटीएम (पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग) आयोजित किया जाएगा. बीते कुछ दिनों पहले शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस बात की जानकारी दी. आतिशी ने कहा कि इस मेगा पीटीएम में बच्चों के पैरेंट्स जरूर आए. शिक्षा मंत्री के इस ऐलान के बाद शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी कर दिया. अब 30 अप्रैल को आयोजित होने वाले मेगा पीटीएम और शिक्षा मंत्री आतिशी का अब सरकारी स्कूलों के कार्यरत शिक्षक ही विरोध जताने लगे हैं.

दरअसल, 30 अप्रैल को रविवार का दिन है और रविवार को अवकाश के दिन शिक्षकों को ड्यूटी पर आना होगा, इसलिए यह विरोध हो रहा है. गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन ने कहा कि छुट्टी के दिन मेगा पीटीएम आयोजित करना नई शिक्षा मंत्री की अनुभवहीनता है, यदि ऐसा सही होता तो पूर्व शिक्षा मंत्री ये आयोजन कभी वर्किंग डे में नहीं कराके सिर्फ छुट्टी के दिन ही कराते. इसलिए आदेश निरस्त करे अथवा छुट्टी के बदले. यहां बताते चले कि 30 अप्रैल को सरकारी और एमसीडी के स्कूलों में पहली बार एक साथ रविवार को मेगा पीटीएम आयोजित हो रही है.

शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री आतिशी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि पिछले आदेशों के अनुसार, मेगा पीटीएम 28 अप्रैल 2023 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के बिना मेगा पीटीएम 30 अप्रैल 2023, रविवार के लिए निर्धारित किया गया. इस तरह के अन्यायपूर्ण बदलाव का कोई औचित्य नहीं है, जो हितधारकों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के कितने माता-पिता खुद सरकारी नौकर हैं कि उनके लिए एक कार्य दिवस पर मेगा पीटीएम में भाग लेने के लिए एक समस्या पैदा होती है. अधिकांश माता-पिता दिहाड़ी मजदूर या निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं, इसलिए उनकी छुट्टियां केवल रविवार को ही नहीं होंगी.

शिक्षा मंत्री ने कहा था कि रविवार को सभी पैरेंट्स की छुट्टी होती है. पत्र में आगे कहा गया कि दिल्ली का बाजार रविवार को बंद रहता है, करोल बाग-कमला नगर-मध्य दिल्ली मुख्य रूप से सोमवार आदि को बंद रहता है. इन बाजार बंद दिनों में, एक 'साप्ताहिक बाजार' होता है जिसमें अधिकांश माता-पिता अपनी अस्थायी दुकानें संचालित करते हैं.

ये भी पढ़ेंः Kejriwal Bungalow Controversy: केजरीवाल के बंगले पर मचा बवाल, जानिए इसमें क्या है खास

जानिए अन्य शिक्षक संगटन ने क्या कहा
लोकतांत्रिक अध्यापक मंच दिल्ली के अध्यक्ष कृष्ण कुमार फोगाट ने कहा कि बच्चे, टीचर्स, अभिभावक भी इंसान हैं. इनको भी ताजगी, स्फूर्ति और अच्छे परिणाम के लिए आराम चाहिए. हमारा तो रविवार भी राजनीतिक दिखावे की भेंट चढा दिया. सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक संत राम ने कहा कि ये कट्टर आदेश जारी किया गया है, कट्टर शिक्षा मंत्री द्वारा, पिछले आदेश को भूलकर, जोकि 28 अप्रैल को मेगा पीटीएम होनी थी.इ स मेगा पीटीएम का विरोध किया जाएगा.

ये भी पढे़ंः Delhi Liquor Scam में CBI की चार्जशीट के मायनेः आसान नहीं होगा आरोपों और सबूतों को झूठा साबित करना

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के 1045 सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल को इस सत्र का पहला मेगा पीटीएम (पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग) आयोजित किया जाएगा. बीते कुछ दिनों पहले शिक्षा मंत्री आतिशी ने इस बात की जानकारी दी. आतिशी ने कहा कि इस मेगा पीटीएम में बच्चों के पैरेंट्स जरूर आए. शिक्षा मंत्री के इस ऐलान के बाद शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी कर दिया. अब 30 अप्रैल को आयोजित होने वाले मेगा पीटीएम और शिक्षा मंत्री आतिशी का अब सरकारी स्कूलों के कार्यरत शिक्षक ही विरोध जताने लगे हैं.

दरअसल, 30 अप्रैल को रविवार का दिन है और रविवार को अवकाश के दिन शिक्षकों को ड्यूटी पर आना होगा, इसलिए यह विरोध हो रहा है. गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन ने कहा कि छुट्टी के दिन मेगा पीटीएम आयोजित करना नई शिक्षा मंत्री की अनुभवहीनता है, यदि ऐसा सही होता तो पूर्व शिक्षा मंत्री ये आयोजन कभी वर्किंग डे में नहीं कराके सिर्फ छुट्टी के दिन ही कराते. इसलिए आदेश निरस्त करे अथवा छुट्टी के बदले. यहां बताते चले कि 30 अप्रैल को सरकारी और एमसीडी के स्कूलों में पहली बार एक साथ रविवार को मेगा पीटीएम आयोजित हो रही है.

शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री आतिशी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि पिछले आदेशों के अनुसार, मेगा पीटीएम 28 अप्रैल 2023 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के बिना मेगा पीटीएम 30 अप्रैल 2023, रविवार के लिए निर्धारित किया गया. इस तरह के अन्यायपूर्ण बदलाव का कोई औचित्य नहीं है, जो हितधारकों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के कितने माता-पिता खुद सरकारी नौकर हैं कि उनके लिए एक कार्य दिवस पर मेगा पीटीएम में भाग लेने के लिए एक समस्या पैदा होती है. अधिकांश माता-पिता दिहाड़ी मजदूर या निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं, इसलिए उनकी छुट्टियां केवल रविवार को ही नहीं होंगी.

शिक्षा मंत्री ने कहा था कि रविवार को सभी पैरेंट्स की छुट्टी होती है. पत्र में आगे कहा गया कि दिल्ली का बाजार रविवार को बंद रहता है, करोल बाग-कमला नगर-मध्य दिल्ली मुख्य रूप से सोमवार आदि को बंद रहता है. इन बाजार बंद दिनों में, एक 'साप्ताहिक बाजार' होता है जिसमें अधिकांश माता-पिता अपनी अस्थायी दुकानें संचालित करते हैं.

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जानिए अन्य शिक्षक संगटन ने क्या कहा
लोकतांत्रिक अध्यापक मंच दिल्ली के अध्यक्ष कृष्ण कुमार फोगाट ने कहा कि बच्चे, टीचर्स, अभिभावक भी इंसान हैं. इनको भी ताजगी, स्फूर्ति और अच्छे परिणाम के लिए आराम चाहिए. हमारा तो रविवार भी राजनीतिक दिखावे की भेंट चढा दिया. सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक संत राम ने कहा कि ये कट्टर आदेश जारी किया गया है, कट्टर शिक्षा मंत्री द्वारा, पिछले आदेश को भूलकर, जोकि 28 अप्रैल को मेगा पीटीएम होनी थी.इ स मेगा पीटीएम का विरोध किया जाएगा.

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