नई दिल्ली: रैपिड रेल (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के निर्माण के लिए जारी फंड के मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई. कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि आपके पास विज्ञापन के लिए पैसा है, लेकिन रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए फंड नहीं है. यदि दिल्ली सरकार एक सप्ताह की अवधि के भीतर इस प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय व्यवस्था करने में विफल रहती है तो विज्ञापन के पैसे को रोक दिया जाएगा. आइए, जानते हैं वो इस प्रोजेक्ट में क्या है खास...
केंद्र सरकार दिल्ली और इसके आसपास के राज्यों के बड़े शहरों को रैपिड रेल से जोड़ना चाहती है. अभी तक इन शहरों तक आने-जाने के लिए रेल और सड़क मार्ग की व्यवस्था है. सरकार चाहती है कि रैपिड रेल की व्यवस्था की जाए. ताकि दिल्ली से कनेक्टिविटी बढ़ाने पर इन शहरों को फायदा हो सके.
कुल मिलाकर रैपिड रेल के तीन प्रोजेक्ट हैं, जिसमें पहला प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ, दूसरा दिल्ली-अलवर और तीसरा दिल्ली- पानीपत के बीच है. इन प्रोजेक्ट के जरिए दिल्ली को यूपी, राजस्थान और हरियाणा से जोड़ा जाएगा. दिल्ली को आसपास के शहरों से जोड़ने के लिए रैपिड रेल परियोजना शुरू की गई. आधिकारिक रूप से आरटीएस यानी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कहा जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य सड़कों से भीड़भाड़ कम कर प्रदूषण का स्तर गिराना है.
लगातार भुगतान टाल रही दिल्ली सरकार: रैपिड रेल परियोजना के लिए केंद्र, हरियाणा और राजस्थान सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए अपना हिस्सा दे दिया है. दिल्ली सरकार लगातार फंड की कमी का बहाना बनाकर भुगतान टाल रही है. दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत रैपिड रेल के लिए दिल्ली सरकार पर इस साल के 565 करोड़ रुपए बकाया है.
दिल्ली सरकार का इस साल का विज्ञापन बजट 550 करोड रुपए है. इस मामले पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए विज्ञापन बजट जब्त करने की बात कही. रैपिड रेल फंड को लेकर पहले भी सुनवाई हुई है और उसमें दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट को लेकर कोर्ट टिप्पणी कर चुकी है. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.
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बीजेपी आप पर हमलावर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आप पर की गई इस टिपण्णी के बाद भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार को जिस तरह से लताड़ा है यह एक और बानगी बन गई है. यह सरकार किस प्रकार से डेवलपमेंट के कार्यों को रोक रही है. रैपिड रेल के लिए आप आदमी पार्टी की सरकार पैसे नहीं देती है तो विज्ञापन के पैसे को सीज कर रैपिड रेल के लिए ट्रांसफर कर दिया जाएगा, इतनी कड़ी टिप्पणी के बाद कोई नैतिक रूप से चल रही सरकार होगी तो उसको अपने ऊपर शर्म आनी चाहिए. दिल्ली देख रही है कि दिल्ली के इमेज को अरविंद केजरीवाल ने कैसा बना दिया है.
दिल्ली बीजेपी नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और भाजपा महिला नेता बांसुरी स्वराज ने सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट को आरआरटीएस खाते में स्थानांतरित करने का आदेश एक गंभीर मामला है और अब समय आ गया है कि अरविंद केजरीवाल न केवल दिल्ली के लोगों को धोखा देने के लिए बल्कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन करने के लिए इस्तीफा दें. केजरीवाल सरकार लगभग एक साल से आरआरटीएस फंड के भुगतान से इनकार कर रही है और जुलाई 2023 में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को आरआरटीएस फंड के अपने हिस्से का तुरंत भुगतान करने का निर्देश दिया था.
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