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गर्मी में 75 फीसदी बढ़ जाती हैं आग की घटनाएं, जानिए क्या हैं वजहें - Fire Incidents

ईटीवी भारत ने दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से बातचीत की. इस दौरान उन्होने आग लगने की वजहों के बारे में बताया और दमकल विभाग की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी.

दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से खास बातचीत
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Published : May 11, 2019, 11:20 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत देशभर में तापमान बढ़ने लगा है. तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे आगजनी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी होने लगती है. इस बार की गर्मियों में आग से निपटने के लिए दमकल विभाग कितना सक्षम है और उनकी क्या तैयारियां हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत ने दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से बातचीत की.

दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से खास बातचीत

गर्मियों में बढ़ जाती हैं घटनाएं
दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं.

किसी भी वस्तु को जलने के लिए जो तापमान चाहिए वो गर्मी में उपलब्ध रहता है. मई से जून के बीच तापमान 42 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में मामूली-सी चिंगारी भी बड़ी आग लगाने का काम करती है.

खासतौर से झुग्गी वाले इलाकों में आग लगने की यही वजह होती है. तेज गर्मी में मामूली से चिंगारी भी अगर किस झुग्गी के संपर्क में आती है तो वह तुरंत आग पकड़ लेती है. गर्मियों में सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां जलकर खाक हो जाती हैं.

इन बातों का रखें ध्यान
आग लगने की दूसरी बड़ी वजह होती है एसी का सर्विस नहीं करवाना. बिना सर्विस के एसी चलाने से शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है. बीते फरवरी महीने में करोल बाग के अर्पित होटल में भी बिना सर्विस के एसी चलाने की वजह से आग लगी थी, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई. आग लगने के तीसरी बड़ी वजह होती है, बिजली के लोड की जानकारी नहीं होना.

अतुल गर्ग ने बताया कि हमारे घर में बिजली का लोड लगातार बढ़ता जाता है, लेकिन हम ये जानने की कोशिश नहीं करते कि हमारे घर में लगी बिजली की तार इतना लोड उठा सकती है या नहीं.

गर्मी में तार पहले से गर्म होती है और अगर उस पर लोड ज्यादा पड़े तो वह तुरंत शार्ट-सर्किट से जल जाती है. इसलिए लोड की जांच अवश्य करवानी चाहिए.

सक्षम है दिल्ली दमकल सेवा
फायर चीफ ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में आगजनी से निपटने के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से सक्षम है. दिल्ली में कुल 68 फायर स्टेशन हैं जहां रोजाना 1200 से 1300 दमकल कर्मचारी तैनात रहते हैं.

आग से निपटने के लिए उनके पास सभी उपकरण मौजूद हैं. इसके लिए सामान जैसे फोम, पाउडर एवं अन्य उपकरण जनवरी माह से ही खरीद लिए जाते हैं.

अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में सभी दमकल कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी जाती है. जहां तक इनकी संख्या की बात है तो वह पहले कम थी, लेकिन अब नई 500 भर्तियां हो चुकी हैं.

प्रशिक्षण पूरा कर यह कर्मचारी जून में दमकल के साथ जुड़ जाएंगे. अतुल गर्ग ने बताया कि सरकार की तरफ से संविदा पर भी कर्मचारी रखने की अनुमति दमकल विभाग को है. इसलिए फिलहाल कर्मचारियों या उपकरण की कमी दिल्ली के दमकल विभाग में नहीं है.

'संकरी गलियों में आती है परेशानी'
अतुल गर्ग ने बताया कि राजधानी में ऊंची बिल्डिंग में आग बुझाना मुश्किल नहीं होता. ऐसी बिल्डिंगों के अंदर प्रत्येक मंजिल पर आग बुझाने का इंतजाम होता है.

उन्हें वहां जाकर केवल आग को बुझाना होता है. ऐसी इमारतों में आग बुझाने के इंतजामों की वह जांच भी करते रहते हैं. असली चुनौती संकरी गलियों में जाकर आग बुझाना है.

उन्होंने बताया के एनडीएमसी के इलाकों में जहां पांच से 7 मिनट में दमकल की गाड़ियां पहुंच जाती हैं तो वहीं कालोनियों या दिल्ली 6 के इलाकों में पहुंचने के लिए 20 से 30 मिनट तक का समय लग जाता है.

अगर वहां पर गाड़ी जाने का रास्ता नहीं हो तो पाइप जोड़कर वहां तक पानी पहुंचाने का काम किया जाता है.

हाल में हुई आगजनी की बड़ी घटनाएं

  • 12 फरवरी 2019- करोल बाग के होटल अर्पित में एसी में।शार्ट सर्किट से लगी आग में 17 लोगों की मौत.
  • 19 नवंबर 2018- करोल बाग की एक फैक्ट्री में आग लगने से 4 लोगों की मौत, एक घायल.
  • 23 अप्रैल 2018- मानसरोवर पार्क इलाके में आग लगने से 300 झुग्गियां जलकर खाक, एक लड़की की मौत.
  • 13 अप्रैल 2018- कोहाट एन्क्लेव के एक घर में आग लगने से दो बच्चों सहित परिवार के चार लोगों की जलकर मौत.
  • 20 जनवरी 2018- बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके की एक फैक्ट्री में आग लगने से 10 महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत देशभर में तापमान बढ़ने लगा है. तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे आगजनी की घटनाओं में भी बढ़ोतरी होने लगती है. इस बार की गर्मियों में आग से निपटने के लिए दमकल विभाग कितना सक्षम है और उनकी क्या तैयारियां हैं, इसे लेकर ईटीवी भारत ने दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से बातचीत की.

दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से खास बातचीत

गर्मियों में बढ़ जाती हैं घटनाएं
दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं.

किसी भी वस्तु को जलने के लिए जो तापमान चाहिए वो गर्मी में उपलब्ध रहता है. मई से जून के बीच तापमान 42 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में मामूली-सी चिंगारी भी बड़ी आग लगाने का काम करती है.

खासतौर से झुग्गी वाले इलाकों में आग लगने की यही वजह होती है. तेज गर्मी में मामूली से चिंगारी भी अगर किस झुग्गी के संपर्क में आती है तो वह तुरंत आग पकड़ लेती है. गर्मियों में सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां जलकर खाक हो जाती हैं.

इन बातों का रखें ध्यान
आग लगने की दूसरी बड़ी वजह होती है एसी का सर्विस नहीं करवाना. बिना सर्विस के एसी चलाने से शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है. बीते फरवरी महीने में करोल बाग के अर्पित होटल में भी बिना सर्विस के एसी चलाने की वजह से आग लगी थी, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई. आग लगने के तीसरी बड़ी वजह होती है, बिजली के लोड की जानकारी नहीं होना.

अतुल गर्ग ने बताया कि हमारे घर में बिजली का लोड लगातार बढ़ता जाता है, लेकिन हम ये जानने की कोशिश नहीं करते कि हमारे घर में लगी बिजली की तार इतना लोड उठा सकती है या नहीं.

गर्मी में तार पहले से गर्म होती है और अगर उस पर लोड ज्यादा पड़े तो वह तुरंत शार्ट-सर्किट से जल जाती है. इसलिए लोड की जांच अवश्य करवानी चाहिए.

सक्षम है दिल्ली दमकल सेवा
फायर चीफ ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में आगजनी से निपटने के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से सक्षम है. दिल्ली में कुल 68 फायर स्टेशन हैं जहां रोजाना 1200 से 1300 दमकल कर्मचारी तैनात रहते हैं.

आग से निपटने के लिए उनके पास सभी उपकरण मौजूद हैं. इसके लिए सामान जैसे फोम, पाउडर एवं अन्य उपकरण जनवरी माह से ही खरीद लिए जाते हैं.

अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में सभी दमकल कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी जाती है. जहां तक इनकी संख्या की बात है तो वह पहले कम थी, लेकिन अब नई 500 भर्तियां हो चुकी हैं.

प्रशिक्षण पूरा कर यह कर्मचारी जून में दमकल के साथ जुड़ जाएंगे. अतुल गर्ग ने बताया कि सरकार की तरफ से संविदा पर भी कर्मचारी रखने की अनुमति दमकल विभाग को है. इसलिए फिलहाल कर्मचारियों या उपकरण की कमी दिल्ली के दमकल विभाग में नहीं है.

'संकरी गलियों में आती है परेशानी'
अतुल गर्ग ने बताया कि राजधानी में ऊंची बिल्डिंग में आग बुझाना मुश्किल नहीं होता. ऐसी बिल्डिंगों के अंदर प्रत्येक मंजिल पर आग बुझाने का इंतजाम होता है.

उन्हें वहां जाकर केवल आग को बुझाना होता है. ऐसी इमारतों में आग बुझाने के इंतजामों की वह जांच भी करते रहते हैं. असली चुनौती संकरी गलियों में जाकर आग बुझाना है.

उन्होंने बताया के एनडीएमसी के इलाकों में जहां पांच से 7 मिनट में दमकल की गाड़ियां पहुंच जाती हैं तो वहीं कालोनियों या दिल्ली 6 के इलाकों में पहुंचने के लिए 20 से 30 मिनट तक का समय लग जाता है.

अगर वहां पर गाड़ी जाने का रास्ता नहीं हो तो पाइप जोड़कर वहां तक पानी पहुंचाने का काम किया जाता है.

हाल में हुई आगजनी की बड़ी घटनाएं

  • 12 फरवरी 2019- करोल बाग के होटल अर्पित में एसी में।शार्ट सर्किट से लगी आग में 17 लोगों की मौत.
  • 19 नवंबर 2018- करोल बाग की एक फैक्ट्री में आग लगने से 4 लोगों की मौत, एक घायल.
  • 23 अप्रैल 2018- मानसरोवर पार्क इलाके में आग लगने से 300 झुग्गियां जलकर खाक, एक लड़की की मौत.
  • 13 अप्रैल 2018- कोहाट एन्क्लेव के एक घर में आग लगने से दो बच्चों सहित परिवार के चार लोगों की जलकर मौत.
  • 20 जनवरी 2018- बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके की एक फैक्ट्री में आग लगने से 10 महिलाओं समेत 17 लोगों की मौत.
Intro:assigned by chairman office

नई दिल्ली
दिल्ली सहितबदेशभर में तापमान बढ़ने लगा है. तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे आगजनी की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी होने लगती है. सर्दियों में जहां औसतन 90 आग लगने की घटनाएं होती हैं तो वहीं गर्मियों में यह आंकड़ा 150 तक पहुंच जाता है. इस बार की गर्मियों में आग से निपटने के लिए दमकल विभाग कितना सक्षम है एवं उनकी क्या तैयारियां है, इसे लेकर ईटीवी भारत ने दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग से बातचीत की.


Body:दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में तापमान बढ़ने के साथ ही आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगती हैं. किसी भी वस्तु को जलने के लिए जो तापमान चाहिए वह गर्मी में उपलब्ध रहता है. मई से जून के बीच तापमान 42 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में मामूली से चिंगारी भी बड़ी आग लगाने का काम करती है. खासतौर से झुग्गी वाले इलाकों में आग लगने का यही कारण होता है. तेज गर्मी में मामूली से चिंगारी भी अगर किस झुग्गी के संपर्क में आती है तो वह तुरंत आग पकड़ लेती है. गर्मियों में सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां जलकर खाक हो जाती हैं.


आग से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
आग लगने का दूसरा बड़ा कारण होता है एसी का सर्विस नहीं करवाना. बिना सर्विस के एसी चलाने से शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है. बीते फरवरी माह में करोल बाग के अर्पित होटल में भी बिना सर्विस के एसी चलाने की वजह से आग लगी थी जिसमें 17 लोगों की जान चली गई. आग लगने का तीसरा बड़ा कारण होता है बिजली के लोड की जानकारी नहीं होना. अतुल गर्ग ने बताया कि हमारे घर में बिजली का लोड लगातार बढ़ता जाता है, लेकिन हम यह जानने का प्रयास नहीं करते कि हमारे घर में लगी बिजली की तार इतना लोड उठा सकती है या नहीं. गर्मी में तार पहले से गर्म होती है और अगर उस पर लोड ज्यादा पड़ा तो वह तुरंत शार्ट-सर्किट से जल जाती है. इसलिए लोड की जांच अवश्य करवानी चाहिए.


आगजनी से निपटने में सक्षम है दिल्ली दमकल सेवा
फायर चीफ ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि गर्मियों में आगजनी से निपटने के लिए दमकल विभाग पूरी तरह से सक्षम है. दिल्ली में कुल 68 फायर स्टेशन हैं जहां रोजाना 1200 से 1300 दमकल कर्मचारी तैनात रहते हैं. आग से निपटने के लिए उनके पास सभी उपकरण मौजूद हैं. इसके लिए सामान जैसे फोम, पाउडर एवं अन्य उपकरण जनवरी माह से ही खरीद लिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि गर्मियों में सभी दमकल कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी जाती है. जहां तक इनकी संख्या की बात है तो वह पहले कम थी. लेकिन अब नई 500 भर्तियां हो चुकी हैं. प्रशिक्षण पूरा कर यह कर्मचारी जून में दमकल के साथ जुड़ जाएंगे. अतुल गर्ग ने बताया कि सरकार की तरफ से संविदा पर भी कर्मचारी रखने की अनुमति दमकल विभाग को है. इसलिए फिलहाल कर्मचारियों या उपकरण की कमी दिल्ली के दमकल विभाग में नहीं है.

ऊंची बिल्डिंग में नहीं संकरी गलियों में आती है परेशानी
अतुल गर्ग ने बताया कि राजधानी में ऊंची बिल्डिंग में आग बुझाना मुश्किल नहीं होता. ऐसी बिल्डिंगों के अंदर प्रत्येक मंजिल पर आग बुझाने का इंतजाम होता है. उन्हें वहां जाकर केवल आग को बुझाना होता है. ऐसी इमारतों में आग बुझाने के इंतजामों की वह जांच भी करते रहते हैं. असली चुनौती संकरी गलियों में जाकर आग बुझाना है. उन्होंने बताया के एनडीएमसी के इलाकों में जहां पांच से 7 मिनट में दमकल की गाड़ियां पहुंच जाती हैं तो वहीं कालोनियों या दिल्ली 6 के इलाकों में पहुंचने के लिए 20 से 30 मिनट तक का समय लग जाता है. अगर वहां पर गाड़ी जाने का रास्ता नहीं हो तो पाइप जोड़कर वहां तक पानी पहुंचाने का काम किया जाता है.


Conclusion:हाल में हुई आगजनी की बड़ी घटनाएं

12 फरवरी 2019- करोल बाग के होटल अर्पित में एसी में।शार्ट सर्किट से लगी आग में 17 लोगों की मौत.

19 नवंबर 2018- करोल बाग की एक फैक्ट्री में आग लगने से 4 लोगों की मौत, एक घायल.

23 अप्रैल 2018- मानसरोवर पार्क इलाके में आग लगने से 300 झुग्गियां जलकर खाक, एक लड़की की मौत.

13 अप्रैल 2018- कोहाट एन्क्लेव के एक घर में आग लगने से दो बच्चों सहित परिवार के चार लोगों की जलकर मौत.

20 जनवरी 2018- बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके की एक फैक्ट्री में आग लगने से 10 महिलाओं सहित 17 लोगों की मौत.
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