नई दिल्ली: सुकेश चंद्रशेखर ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में निचली अदालत की तरफ से तय किए गए आरोप के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. सुकेश ने निचली अदालत के आरोप तय किए जाने को रद्द करने की मांग की है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुकेश की तरफ से वकील अनंत सिंह पेश हुए. अनंत सिंह मलिक ने कोर्ट से कहा कि आरोप तय करने के समय ट्रायल कोर्ट के सामने कुछ तथ्य नहीं थे.
सुकेश की ओर से मलिक ने तर्क दिया कि अदालत के तय किए गए आरोप पूरी तरह से धारणा पर आधारित है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को ऐसा बताया कि अनुसूचित अपराध किया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्थगन लगाया गया है. अनुसूचित अपराध में कार्यवाही पर रोक लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने प्रस्तुत किया कि सुकेश को भी मामले में स्थगन दिया गया है और वह अभी भी चल रहा है. एक बार जब अनुसूचित अपराध पर रोक लगा दी जाती है, तो अपराध की आय एक प्रश्न चिह्न बन जाती है.
ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने याचिका का विरोध किया और तर्क दिया कि अगर इसे स्वीकार किया जाता है तो इसके व्यापक प्रभाव होंगे. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के दो फैसलों का उल्लेख किया, जहां एक अनुसूचित अपराध में दी गई सुरक्षा को पीएमएलए कार्यवाही तक विस्तारित नहीं किया गया था और यह कहा गया था कि विधेय अपराध में रहने से पीएमएलए की कार्यवाही पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने दोनों पक्षों को निर्देश दिया कि वे अपनी संक्षिप्त लिखित प्रस्तुतियां तीन पृष्ठों से अधिक न दें. अदालत ने मामले को 5 अप्रैल को आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया. गौरतलब है कि 16 फरवरी को सुकेश को पूर्व रेलिगेयर प्रमोटर और मालविंदर सिंह की पत्नी जपना सिंह के खिलाफ किए गए कथित धोखाधड़ी के मामले में ईडी के एक नए मामले में गिरफ्तार किया गया था. मामले में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें नौ दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया. इसके बाद 24 फरवरी को इसे 3 दिन और बढ़ा दिया गया था.
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